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धणियांणी
। ६९१ )
धनंतरजी
धणियांणी-स्त्री० [सं० धनिका] १ स्वामिनी । २ अधिष्ठात, धतूरी-पु० जहरीले एवं नशीले बीजों वाला एक पौधा विशेष । देवी । ३ मातां । ४ स्त्री, गृहिणी।
धती-पु. १ धोखा, छल । २ झांसा, झूठा आश्वासन । धरिणया-देखो 'धारणा'।
३ अविश्वास । धरिणयाप (परण,पौ)- स्त्री० [सं० धनिक] १ स्वामित्व, मालि- धत्त-देखो 'धत' ।
काना हक । २ अधिकार, वश । ३ कृपा, दया, | धत्ता-देखो 'धता'। -नंद='धतानंद' । महरबानी ।
धत्त र, धत्त रउ, धत्त रियउ, धत्त रौ-देखो 'धतुरौ' । धणियाळी-वि० सौभाग्यवती।
धत्तो-देखो 'धत्तौ'। धरणी-पु० [सं० धनिक] (स्त्री० धणियांणी) १ ईश्वर, धधक-स्त्री० १ अग्नि का प्रज्वलन, आग की लौ, लपट ।
परमात्मा । २ स्वामी,मालिक । ३ पति, खाविंद । ४ राजा २ क्रोध । ३ अावेश, जोश । ४ दुर्गन्ध, बदबू । नप। ५ शासक । ६ देखो 'धनु'। ७ देखो 'धनी'। धधकणौ (बौ)-क्रि० १ अग्नि का प्रज्वलित होना, लपट या लो
-चोधार-पु. राजा, नृप। -धोरी-पु० स्वामी, मालिक उठना । २ क्रुद्ध होना। ३ आवेश या जोश पाना । कर्ता-धर्ता ।
४ सड़ना, दुर्गंध या बदबू देना। धरणीप-देखो 'धणियाप'।
धधकाणी (बौ)-क्रि. १ प्राग को प्रज्वलित करना, जलाना। धणीमाळ-पु० [सं० धनिक-माल] राजा, नृप ।
२ क्रोध दिलाना। ३ जोश दिलाना। ४ सड़ाना, बदबू धरणीमो-वि० [सं० धन्यवयाः] बढ़िया, उत्तम ।
फैलाना। धरणीयांणी-देखो 'धणियांणी'।
धधकारणो (बौ)-क्रि० १ उत्तेजित करना । २ प्रेरित करना । धणीयाप-देखो 'धणियाप' ।
३ हांकना । ४ देखो 'दुत्कारणों' (बी)। धणीवउ-वि० [सं० धन्यवया:] १ दीर्घजीवी। २ जिसका धधकावणी (बौ)-देखो 'धधकाणी' (बौ)। जीवन सफल एवं धन्य हो।
धधक्करणौ (बौ)-देखो 'धधकरणी' (बौ)। धणीव्रत-पु० [स० धनिक-व्रत] स्वामित्व, मालिकपन । धधमा-वि० १ बेडौल, विडरूप । २ मोटी-ताजी। धणु, धणु, धणुहु-१ देखो 'धनु' । २ देखो 'धारणा'। धधियो-पु० 'ध' वर्ण। धणुहरु-पु० [सं० धनुर्धर धनुर्धर ।
अधूकरणौ. (बो)-क्रि० कांपना, थर्राना। धणुहि (हो)-देखो 'धनु' ।
धधूकारणों (बौ), धधूकावणी (बी)-क्रि० कंपाना, थरथराना । धरणं-पु० १ देखो 'धारणा' । २ देखो 'धनु' ।
धधूणरणी (बी)-क्रि० १ जोर से हिलाना, झकझोरना, झटका धरणी-पु० [सं० धान्या] धनिया का पौधा व उसका बीज ।
देना। २ हराना, पराजित करना। धत-स्त्री० १ हठ, जिद्द । २ बुरी बान, आदत । ३ कोई बात |
धधूणी-स्त्री० १ पकड़ कर जोर से हिलाने की क्रिया या भाव । जो दिमाग में जम जाय । ४ देखो 'दुत'। -अव्य.
२ हार, पराजय । ३ झटका ।
धधौ-पु० [सं० ध] 'ध' अक्षर, धकार । १ दुत्कारने का शब्द । २ हाथी का एक संबोधन । -वि०
धनंक-देखो 'धनुस'। मस्त, उन्मत्त । नशे में चूर ।
धनंककंध-पु० [सं० धनुष+स्कंध] धनुषाकार कंधे वाला धतकार-देखो 'दुत्कार'।
घोड़ा। धतकारणी (बौ)-देखो 'दुत्कारणी' (बो)।
धनंकी-देखो 'धांनकी'। धतराठ, धतरासट, धतरास्ट-पु० [सं० धृतराष्ट्र] कौरवों का | धनख-देखो 'धनुस'। पिता, धृतराष्ट्र।
धनंजय, (धनंज)-पु० [सं०] १ अर्जुन का एक मामान्तर । धता-स्त्री० १ हाथी को उत्साहित करने का शब्द । २ एक
२ अर्जुन नामक वृक्ष । ३ अग्नि की एक उपाधि । मात्रिक छन्द विशेष ।
४ अग्नि, आग । ५ विष्णु । ६ जलाशयों का अधीश्वर एक धतानंद-पु० एक मात्रिक छन्द विशेष ।
नाग । ७ शरीरस्थ दश वायुओं में से एक । ८ पवन। -वि. धती-वि० दुराग्रही, जिद्दी।
धन को जीतने वाला । धन प्राप्त करने वाला।
धनंतर-पु० [सं० धन्वतरि] १ देवताओं का वैद्य । २ चौबीम धतूरो-देखो 'धतूरौ'।
अवतारों में से एक। ३ चिकित्सा का अधिष्ठाता देव । धतुर-पु० १ एक लोक गीत विशेष । २ देखो 'धतूरौ' ।
४ देखो 'धनेर'। धतूरउ-देखो 'धतूरौ'।
| धनंतरजी-१ देखो 'धंतरजी' । २ देखो 'धनंतर' ।
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