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दोपहरियो
दोळू
दोपहरियो-देखो 'दोपारियौ' ।
दोर-पु० १ एक प्रकार का आभूषण विशेष । [दोस्] दोपहरी-१ देखो 'दोपारी'। २ देखो 'दोपहर' ।
२ हाथ, कर । ३ शक्ति, बल । ४ देखो 'दौर' । दोपार-देखो 'दोपहर'।
दोरउ-१ देखो 'डोरौं' । २ देखो 'दो'रौ'। वोपारियो-पु० १ एक वृक्ष जिसके फूल दुपहर में खिलते हैं। | दोरडी-स्त्री० डोरी। २ देखो 'दोपारौ'।
दोरडो-पु० डोरौ। दोपारी, दोपारी-स्त्री. १ मध्याह्न का स्वल्पाहार । दोरदंडण (न)-पु० दृढ़ व मजबूत भुजा । २ देखो 'दोपहर'।
दोरप, दोरम-स्त्री० १ तकलीफ, कष्ट, पीड़ा। २ वियोग । दोपाहर, दोपैर-देखो 'दोपहर'।
३ अभाव जन्य दुःख । दोपेरौ-देखो 'दोपारौ'।
दोरांणी-देखो 'देरांणी'। दोफसळी-देखो 'दुफसली' ।
दोराई-स्त्री० तकलीफ, कष्ट, पीड़ा। असुविधा । दोफारी (रौ)-देखो 'दोपारी' ।
दो'राणी (बी)-क्रि० १ किसी कार्य या बात की पुनरावृत्ति दोब, दोबड़, दोबड़ी-स्त्री० [सं० दूर्वा] दूर्वा घास, दूब ।
करना । २ कोई बात समझा कर पुनः कहना। ३ दो तह दोबारौ-पु० [सं० द्वि-द्वार] १ दो द्वार का कक्ष । | करना। २ देखो 'दूबारौ'।
दोरायतौ-पु० एक प्रकार का घोड़ा । दोब-पु० छुपकर या मोर्चा लगाकर बैठने की क्रिया । दोरावरणौ (बो)-देखो 'दो'राणौ' (बो)। दोबत-देखो 'दवावैत'।
दोरी-१ देखो 'डोरौ'। २ देखो 'दो'रौ' । दोभ, दोभड़ी-देखो 'दोब' ।
दोरांप्री-पु० एक प्रकार का वस्त्र । दोभाग-पु० [सं० दुर्भाग्य] १ मंद भाग्य, दुर्भाग्य । २ दुहाग । दोरुखौ-वि० [फा०] (स्त्री० दोरुखी) १ दोनों पक्षों की ओर दोभौ-वि० सुस्त, आलसी । ढीला-ढाला ।
रुख रखने वाला। २ दोनों ओर समान स्थिति वाला। दोमंजली, दोमंजिनौ-वि० [सं० द्वि+फा० मंजिल] दो मंजिल | ३ दो तरह की विचार-धारा वाला । ४ दोनों प्रोर भिन्न ____ का, दो मंजिन वाला।
रंगों वाला। -पु० स्वर्णकारों का एक औजार । दोमज, दोमजि, दोमझि-पु० [सं० द्वि+मध्य ] युद्ध, सग्राम। दो'रौ-वि० [सं० दुःखधर] (स्त्री० दो'री) १ पीड़ित, दोमल -पु० एक वरणक छन्द विशेष ।
दुःखी, कष्ट में । २ व्याकुल, विकल, बेचैन । ३ असुविधा दोमिण-पु० [सं० द्यो+मरिण] सूर्य, भानु ।
या परेशानी की स्थिति में । ४ असह य, दुष्कर । ५ कठिन, दोमी-पु० इम, ढोली।
मुश्किल । ६ उदास, खिन्न, दुःखी, अप्रसन्न । ७ अप्रिय, कटु दोय-देखो 'दो'।
ककंस। ८ नाराज । ९ अधिक मेहता या श्रम वाला। दोयक-देखो 'दोयेक'।
१० जिसे साधना या काबू करना कठिन हो। ११ संकट दोयककुत-पु० [स० द्वि-कुकुद] ऊंट ।
पूर्ण। -क्रि० वि० निरुत्साही होकर । दोयजीह-देखो 'दुजीह'।
दोलक-देखो 'ढोलक'। दोयण-पु० [सं० दुर्जन] १ राक्षस, दानव । २ देखो 'दुरजण'। दोलड़ौ (डो)-वि० [सं० द्वि+लटिक] १ दो लड़ों वाला। दोयतरी, दोयती (त्री)-देखो 'दोहिती' ।
२ दोहरा । ३ मोटा। दोयतरौ, दोयतौ (त्रौ)-देखो 'दोहितो' ।
दोळलौ-वि० (स्त्री० दोळली) पास का, इर्द-गिर्द का। दोयथणी-देखो 'दुधरणी'।
दोळा-क्रि० वि० चारों ओर, इर्द-गिर्द । दोयम-वि० [फा०] दूसरे नंबर का, दूसरा।
दोळांजंत्र-पु० अर्क निकालने का एक यत्र विशेष । (वैद्यक) दोयरण-देखो 'दुरजण'।
दोळाजुध-पु० [सं० दोलायुद्ध] हार-जीत का निर्णय शीघ्र न दोयली-देखो 'दोहिलो' । (स्त्री० दोयली) ।
हो सके, ऐसा युद्ध। दोयसपी (पो)-पु० [फा० दो-अस्प] १ दो घोड़ों का मालिक
दोळी-क्रि० वि० चारों ओर, इर्द-गिर्द । -वि० समीप, सैनिक । २ दो घोड़ों की डाक ।
निकट, पाम । दोयसे'क-वि० दो सौ के लगभग ।
। दोळीकियौ-पु. १ प्राभूषणों मे खुदाई करने का एक औजार । दोयेक-वि० [सं० द्वि-एक दो के लगभग ।
२ पैर की अंगुली का एक आभूषण विशेष । दोरंगी (गो)-देखो 'दुरंगी'।
। दोळ्, दोळ-पु. १ दांत, दंत । २ देखो 'दोळ'।
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