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दत
दोको
अवलोकनार्थ हाथ में पकड़ना। ५ पास में रखना। देववस-क्रि० वि० [सं० देववश संयोग से, अकस्मात् । ६ लगाना, प्रयोग में लाना। ७ निर्धारित करना ।। कुद्रतन । ८ मारना, प्रहार करना । ( भुगताना,भोगाना । १० उत्पन्न वैववादी-वि० [सं०] भाग्य वादी। निरुद्यमी । प्रालसी । करके देना । ११ प्रजनन करना । १२ लगाना, बंद करना, देवविवाह-पु० [सं०] स्मृति के अनुसार एक विवाह । जड़ना १३ प्राज्ञा करना, कहना, करना ।
देवसंजोग-देखो 'देव संजोग' । दैत-देखो 'दैत्य' । -अरि='दैत्यारि'। -पत, पति, पती- देवाण-देखो 'दीवारण' । 'दैत्यपति' ।
देवाकारी-स्त्री० [सं०] यमुना नदी। दैतार-पु० [सं० दैत्यारि] १ अर्जुन । २ दैत्यारि ।
देवात-देखो 'देववस'। दैत्य-पु० [सं०] १ कश्यप व दिति के पुत्र, असुर, राक्षस । दैविच्छा-स्त्री० [सं० देवेच्छा] १ ईश्वरेच्छा । २ भवितव्यता,
२ विशाल डील-डौल व डरावनी शक्ल का व्यक्ति । होनी । ३ दुराचारी, पापी। -अरि-पु० विष्णु । देवता । इन्द्र । देवी-वि० [सं०] १ देवकृत । २ देव संबंधी । ३ संयोग से होने दैत्यों का शत्रु । -गुरु-पु० शुक्राचार्य। -जुग-पु० वाला । ४ सात्विक । -स्त्री० देव विवाह से बनी पत्नी। मानवीय चार युगों के बराबर दैत्यों का युग। -देव-पु० | देवु-देखो 'दैव' । विष्णु, पवन । वरुण।-निकंदरण-पु०विष्णु । -पति-पु० देसत्त-स्त्री० [फा० दहशत] भय, डर, प्रातक । रावण । बलि । हिरण्य कश्यप । -सेना-स्त्री० दैत्यों की | देसाळिक-देखो 'देसालिक' । रोना । प्रजापति की एक कन्या ।
दैसिक-पु० [सं० देशिक] १ गुरु । २ उपदेशक । ३ राहगीर । दैत्यधूमिणी (नी)-स्त्री० [सं० दैत्यधूमिनी] एक तांत्रिक मुद्रा | देसोटो-देखो 'देसोटी'। विशेष ।
दसोत, दसौत, दसौतडो-देखो 'देसोत' । दैत्यारि-पु० [सं०] १ विष्णु । २ देवता । ३ इन्द्र । ४ विष्णु । दों, दोंकार, दोंकारि-स्त्री० नगाड़े, तबले आदि वाद्य की ध्वनि । दैत्येंद्र, दैत्येस-पु० [सं०] १ राजा बलि । २ रावण । ३ हिरण्य दोगड़ा-पु० कभी-कभी होने वाली वर्षा (मेवात)। कश्यप।
दो-वि० [सं० द्वि] १ एक का दुगुना, एक तथा एक । दैधाण-पु. समुद्र, नागर ।
२ अतिरिक्त । ३ दोनों। -पु० [सं० द्यौ] १ स्वर्ग । दैनकी-देखो 'दैनगो'।
२ अाकाश । ३ वृषभ । ४ दैत्य । ५ स्त्रियों के बालों की दैनगण, (णी)-स्त्री० [सं० दैनिकी] मजदूर स्त्री, मजदूरनी।। अलक । ६ सिंह । ७ दान । ८ लिंग । ९ हाथ १० पांव । दैनगियो-पु० [सं० दैनिकी] (स्त्री० दैनगण, दैनगणी) दैनिक -स्त्री० ११ रात्रि । १२. ७२ कलाओं में से एक । १३ दो मजदूरी पर कार्य करने वाला व्यक्ति, श्रमिक ।
की संख्या। दैनगी-स्त्री० [सं० दैनिकी] १ मजदूरी। २ एक दिन के श्रम | दो'-पु० [सं० दोष] देवी कोप, अभिशाप । का निर्धारित द्रव्य ।
। दोसांनी-स्त्री० [सं० द्वि+पाणक] १ रुपये का पाठवां भाग । दैन्य-पु० [सं०] १ दरिद्रता, गरीबी। २ दीनता व तुच्छता का २ इस मान का सिक्का ।
भाव । ३ कातरता। ४ काव्य में एक संचारी भाव । दोइरण-देखो 'दुरजन'। देवाड़णी (बी), देबाडणी (बौ), देबारणी (बौ), देवावरणी (बौ)- दोइतरी, दोइती-देखो 'दोहिती' । देखो 'दिराणो' (बी)।
दोइतरौ, दोइतो-देखो 'दोहितो' । देव-पु० [सं०] १ भाग्य, प्रारब्ध । २ विधाता । ३ विष्णु । दोई-वि० [सं० द्वि] १ दोनों । २ दो।
४ एक प्रकार का विवाह । -वि०१ देवता संबंधी। दोईतरी, दोईती, दोईत्री-देखो 'दोहिती'। २ नैसर्गिक, स्वर्गीय । ३ राजकीय ।
दोईतरौ, दोईतौ, दोईनौ-देखो 'दोहितौ' । देवगत, (गति)-देखो 'देवगति'।
दोईरद-पु० सं० द्विरद] हाथी । देवग्य-पु० [सं० देवज्ञ] ज्योतिषी ।
दोउ, दोऊ-वि० | स. द्वि] दोनों। देवचिता-स्त्री० भाग्य के विषय में चितन या चिता। दोकड़ो-पु० रुपये का सौवां अंश, एक प्राचीन मिक्का । देवजोग-देखो 'देवजोग'।
दोकद-पु० एक प्रकार का वस्त्र विशेष । देवत-पु० [सं० देवत] ईश्वर ।
दोको-स्त्री० [सं० द्वि] १ दो की संख्या । २ दो का जोड़ा । देवतपति-पु० [सं० इन्द्र।
२ दो अंगुलियों का संकेत । -वि०१ दो । २ देखो दैवतीरथ-पु० [सं० देवतीर्थ ] अंगुलियों की नौक ।
'दोखी'।
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