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थिरकस
२ नाचना, अंग मटकाना ३ देखो 'थरकणी' (बी) ।
० चित्त वृतियों के निरोध का चिन्तन, वित्त की
रिक्षा चिरलाई स्त्री० [सं०] स्थिरता] २ स्थायित्व | ३ स्थिर रहने निश्चलता ४ मजबूती । - वि० स्थिर, सटल |
एकाग्रता । २ परब्रहा ।
विरवर १० [सं० स्थिरावर ] भूमि पर करने वाले (बी)
प्राणी, स्थल वर ।
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थिरथाप, थिरथोप - वि० अटल, दृढ़, स्थिर थिरपणी (बी) १ देखो 'पाणी' (बी) । चिरमी ५० उत्तम श्रेणी का एक वस्त्र
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विरयंत विरक्तौ वि० [सं०] स्थिरयत] स्थिर ल थिरा - स्त्री० [सं०] स्थिरा] पृथ्वी, वसुधा । थिरी-देखो 'थड़ी' |
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१. धीरज शांति की अवस्था, ठहराव, दृढ़ता 1 ५ प्रचंचलता ।
श्रीवळि (ळी) - देखो 'त्रिवळ' |
० नृत्य का एक बोन
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थिर (क) वि० [सं०] स्थिर] स्थिर, घटन थिवर-देखो 'थविर' ।
थी स्त्री० १ निद्रा । २ रेवा नदी । ३ स्त्री, भोरत । -पु० ४ समुद्र, सागर । ५ घाव । प्रत्य० तृतीया या पंचमी विभक्ति का चिह्न से अव्य० है' का भूतकालिक स्त्री रूप |
बी० [सं० स्थास्तु १ जमा या उसा हुधा (पी)
२ गाढा । ३ ।
थीतंकर-देखो 'तीर्थंकर' ।
श्रीमड़ी पु० बछड़े के मुंह पर बांधने की लगी चमड़े की पट्टी
थीवर - देखो 'थविर' ।
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थुडणी (बी) - क्रि० [सं० थुड्] १ ग्राच्छादित होना, छाना, फैलना । २ देखो 'थुड़णो' (बी) ।
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२ देको 'बरपणी' (दो)। बुषणों (यो) - क्रि० [सं० ष्टुम] १ स्तुति करना, प्रशंसा करना । विशेष मानना गुणगाना स्मरण करना, याद
२
करना ।
डी पी० स्त्रियों के सिर का आभूषण विशेष थुभ, धुंभी- पु० [सं० स्तूप] १ स्तूप । २ देखो 'थ्रु'भी' ।
शु- पु० १ विष्णु । २ त्याग । ३ झूठ । स्त्री० ४ कोयल |
वि० १ मैला, कुचला
५ श्रविद्या मूर्खता । ६ जूठन २ जूठा, उच्छिष्ट ।
थुइ, थुई स्त्री० १ ऊंट के पीठ पर उभरा हुआ भाग । २ बैल या सांड के अगले पैरों के ऊपर का उभरा भाग, डिल्ला. कोहान पुष्टता ४ धागे निकला या पेट, तोंद
[सं०] [स्तु ] ५ स्तुति, प्रशंसा ।
थुप्रो देखो 'यू' ।
थुकरणी (at) - देखो 'थूकरणी' (बी) । थुकाई - स्त्री० थूकने की क्रिया या भाव।
थुकारगी, (बी), थुकावरणी (बौ) - क्रि० [सं० धुत्करण] १ थूकने के लिये प्रेरित करना, थुकवाना २ उगलवाना । छुड़ -५० १ सूक्ष का बना । २ वृक्ष मु. नासमझ । लड़ना मिना टक्कर से २
२ किसी कार्य में क्षमता से अधिक श्रम करना, जोर लगाना । • गुत्थमगुत्था होना । ५ डगमगाना, लड़खड़ाना । थुड़ि देखो 'थुड़' ।
थुडि - पु० एक प्रकार का व्यंजन |
कारणों (बी) देखो 'बुचकारणी' (बी) | धुतकारियो, पुतकारी-देखो 'युपकारी' युतकी, थुतको देखो 'थुथको' ।
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थुमहारी (चौ) ० [सं० युत्करणम्) १ दोष रष्टि से ] बचाने के लिये मुंह से थू-थू करना, टोना करना । २ सराहना, नजर लगने योग्य बताना ।
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दुबकारी चुपकारी, बुथको बुथको पु० [सं० टकार ] १ दोष दृष्टि बचाने के लिये मुंह से थू-थू करने की क्रिया । २ मुंह से चूकने की किया।
वर-देखो 'पर'।
लील्ली-देखो 'मी'
rant (at) - देखो 'थावणी' ( वौ ) ।
थुवौ थुहौ-देगो 'थुप्रो' ।
थू -- देखो 'तू' ।
बड़ो
थुरन स्त्री० [सं० स्फुरणम् ] १ फड़कन, स्फुरण । २ हिलने की क्रिया या भाव |
रमो-देखो 'चिरमी' ।
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क- देखो 'थूक' ।
'बड़ी-देखो 'ई' |
| थू बड़ौ-देखो 'थ'बो' ।
g art (बी) - देखो 'करणी' (बी) ।
कम ड-पु० धक्का-मुक्की, फसाफस्सी । धींगा मस्ती | धुंड, पंडर स्त्री० थूथन ।
श्रृंगी - स्त्री० [सं०] स्थूणा ] १ बिल्ली, खंभ । २ घास-फूस की छाजन खपरैल । ३ मथदंड का फंदा अटकाने की गड़ी हुई लकड़ी
की देखो 'वकारों'
थी - स्त्री० छोटे कानों वाली बकरी । 'ब-देखो 'बी'
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