Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

View full book text
Previous | Next

Page 643
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दयावरणउ दरबार दयावणउ, क्यावरणी-वि० (स्त्री० दयावरणी) १ जिससे दया | दरजण-स्त्री० १ बारह नगों या वस्तुयों का समूह । २ दर्जी उत्पन्न हो । २ उदाम, दीन। की स्त्री। दयावती-स्त्री० [40] ऋपभ म्वर की तीन थ तियों में से | दरजी-पु० [फा०] (स्त्री. दरजगा) १ कपड़ों को मिलाई करने पहली। -वि० दया करने वाली। वाला कारीगर । २ ऐमा व्यवसाय करने वाला वर्ग, दयिता-रत्री० [सं०] १ पत्नी, भार्या । २ प्रेयसी, प्रेमिका ।। जाति । ३ स्त्री, औरत । दरजोरण दरजोधन-देखो 'दुरयोधन' । दरंग-पु० [म. दुर्ग] १ टीबा, टीला । २ देखो 'दुरग'। दरगौ (बौ)-देखो 'डरगौ (बौ)। दर-पु० [सं० दर:] १ शंख । २ गुफा, कंदरा । ३ रंध्र, बिल । | दरद-पु० [फा० दर्द] १ कष्ट, दुःख। २ दर्द, पीडा । ४ दरार । ५ गड्ढा । ६ तीर, बारण । ७ प्राभूषण विशेष । ३ बीमारी, राग। ४ तकनीक मुसीबत। ५ यत ।। - भय, डर । [फा०] ६ द्वार, दरवाजा । १० स्थान, ६ वरुणा, दया तग्स टीम वसक। --ब, बंदजगह ।११ दरबान, छडीदार । १२ हृदय, अन्तरात्मा । -वि० पीडित, दुःखी। दयालु वृपालु। १३ ध्यान । १४ भाव । -वि० किंचित, थोड़ा, न्यून । दरदरालो (बौ)-क्रि॰ [स. दरण १ किसी वस्तु को दलना, -प्रव्य० [फा०] में, भीतर । दलिया बनाना, रवे या करण बनाना । २ अांख ग्रादि में दरअसल-क्रि० वि० वास्तव में । खटका होना, दर्द होना. पोड़ा होना, खटकना। दरक-पु० ऊंट, उष्ट । दरदरी-स्त्री० [सं. धरियो] पृथ्वो, भूमि । -वि. रवेदार, दरकणी (बो) -क्रि० [सं० दी] विदीर्ण होना, फटना। करणदार । दरकारपो (बौ)-क्रि० विदीर्ण करना, फाड़ना । दरदरौ-वि० [सं० दरग] कगण के रूप में, रवेदार । बरकार-स्त्री० [फा०] १ आवश्यकता, जरूरत । २ इच्छा. | दरदी-वि० [फा० ददं] १ दूसरों के दुःख दर्द को समझने वाला, अभिलाषा । --वि० अावश्यक, अपेक्षित । सहानुभूति या दया करने वाला । २ जिसके किसी बात का दरच, दरकू चां, बरफूच दरकूचा-क्रि० वि० [फा०] मंजिल- दर्द हो, पीड़ित। दर-मंजिल क्रमशः आगे बढ़ते हुए। दरदु-पु० [सं० दद्रु] १ दाद नामक रोग । २ देखो दरदी', बरको-देखो 'दरक' । दरदुर-देखा 'दादुर'। दरक्क-देखो 'दरक'। दरह-देखो 'दरद'। बरक्करणौ (बो)-देखो 'दरकगो' (बौ)। दरप-पु० भ० वा] १ गवं, घमंड, अभिमान । २ दुस्साहस । दरखत, दरखतियो-पु० [फा० दरख्त] वृक्ष, पेड़। ३ चिड़चिड़ापन, तुनकमिजाजी । ४ गर्मी, ताप । दरखास्त-स्त्रा० [फा० दरख्वास्त] १ अर्जी, प्रार्थना, निवेदन ।। ५ मुश्क मृगमद। २ यावेदन-पत्र प्रार्थना-पत्र । दरपक-पु० [स० दर्पक] १ कामदेव । २ प्रद्युम्न । दरगह. दरगा, दरगाह, दरग्गह-स्त्री० [फा० दरगाह] दरपण (णी)-पु० [स० दर्पण] १ मुह या प्रतिबिंब देखने का १ दरबार । २ न्यायालय, कचहरी। ३ सभा। ४ तीर्थ | शीशा, काच, पारसी,बाईना । २ अांख । ३ जलाने वाला। स्थान, मठ । ५ मदिर। ६ किसी सिद्ध पुरुष का समाधि ४ प्रतिबिंब । ५ प्रादर्श। स्थल, मकबरा, मजार । ७ दहलीज, चौखट । दरपणी (बौ) -कि० १ गर्व करना, अभिमान करना । २ देखो दरड़-पु. १ किसी वस्तु के निरन्तर गिरने की ध्वनि । 'डरपणी ' (बी)। २ बहुतायत । ३ देखो 'दरडो' । दरम्प-देखो 'दरप' । दरडकरणों (बौ)-कि० १ दड़-दड़ करके गिरना । २ प्रवाहित दरप्पण-देखो 'दरपण' । होना, बहना । ३ ध्वनि करना । दरबंधी-स्त्री० [फा०] किसी वस्तु की कीमत, दर या भाव का निर्धारण, दर। दरडणौ (बो)-देवो 'दडग्णौ (बी)। दरबर-देखो 'दड़बड़'। दरड़ियो-देखो 'दरडो'। दरबांन-देखो 'दरवांन' । दरडो-पु०१ प्रांगन या जमीन में बना विवर, बिल, गड्ढा । दरबांनी-देखो 'दरवांनी'। २ बिना बंधा कूमा। दरबार-पु० [फा०] १ बादशाह, राजा आदि की सभा, दरज-वि० [अ० दजं] लिखित, अंकित । प्रविष्ट । फटा हया। राज्य-सभा । २ कचहरी । ३ किसी ऋषि मुनि या वली -स्त्री० दरार । फटन। का प्राश्रम । ४ सिक्खों का धर्म ग्रंथ रखने का स्थान । For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799