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दूकवी
। ५४८ )
ढूकवौ-वि० (स्त्री० ढूकवी) समीप, निकट ।
ढेपाळी-वि० (स्त्री० ढेपाळी) तहवाला, तहयुक्त । टूढी-स्त्री० रीढ़ की हड्डी के नीचे का भाग । त्रिकास्थि ।। पौ-पु० १ किसी पदार्थ का ढेले की तरह जमा हुअा खण्ड । टूब, बड-स्त्री० १ कूबड़ । २ धातु के बर्तन में पड़ी मोच ।। २ अधिक रेत वाला ऊपला। ३ शरीर के अन्दर बनी ३ एक ओर अधिक निकला भाग । ४ देखो 'दूबौ'।
कोई बड़ी ग्रथि। -वि० १ मूर्ख, नासमझ। २ पालसी ढूवड़ियो, दूबड़ो, बल, ठूबलियो, बलौ, दूबियो, ढूबौ-पु० | सुस्त ।
(स्त्री० दूबी) १ वह प्राणी जिसकी पीठ में कूबड़ हो। ढेबरी-स्त्री० १ तरबूज आदि फल का काटा जाने वाला छोटा कुबड़ा । २ झुकी हुई पीठ वाला व्यक्ति । ३ मोच पड़ा । चौकोर खण्ड । २ दीवार या पत्थर में खड्डा करके बर्तन ।
फंसाया जाने वाला का काष्ठ खण्ड । ३ लकड़ी का गोल ठूमरी-स्त्री० रसोई में काम पाने वाला बर्तन (मेवात)।
या चौकोर खण्ड । ४ देशी कपाटों के नीचे लगने द्रुमलियो, दमलो-पु० कागज आदि की लुग्दी का बना पात्र । वाला काष्ठ, धातु या पत्थर का गुटका । ५ बच्चों का ढूळ, ठूल, दूळकियो, ठूलकियो, ठूलको-पु० १ झुण्ड, समूह । बड़ा पेट। -वि० बड़े पेट वाली २ देखो 'ठूलो'।
देबरो-देखो 'देबौ' । ठूलड़ ठूलड़ी-देखो 'दूली'।
ढेबल, बलियौ, ढेबलौ, देबियौ, ढेबीड़, देवी-वि० (स्त्री०बी) ठूलो-स्त्री० १ गुड़िया । २ देखो "दिल्ली' ।
१ बड़े पेट वाला । २ देखो 'ढेपौ' । ठूलो-पु० [सं० दुर्लभ] १ गुड्डा। २ बच्चों या स्त्रियों जैसी | हेमकी-स्त्री० छोटी ढोलक । ___अादतों वाला पुरुष ।
ढेर(डो)-पु० राशि, समूह । संग्रह । दूवी-देखो 'दुवो'।
रणी (बी), हरवणी (बी)-क्रि० १ शिथिल या ढीला करना । दूसर-पु० बनियों की एक जाति व इस जाति का व्यक्ति ।
२ निष्क्रिय होकर बैठना । ढूह, हौ-पु. १ ढेर, टीला। २ देखो 'ढवौ' । देरियौ-पु०१ डोरे से बंधा कंकड़ । २ देखो 'ढेरौ'। ढेकली-देखो 'ढेकली' ।
ढेरी-देखो 'ढेर'। ढेको-पु० मादा मोर की बोली का शब्द ।
ढेरी-पु. १ डोरा, रस्सी आदि बनाने का छोटा उपकरण । चाळ-देखो 'लैंचाळ' ।
२ इस उपकरण से एक बार में काती हुई ऊन, सूत टे-पु. १ मन । २ मृग । ३ गढ । ४ चर्म । ५ हींग। आदि की मात्रा । ३ बड़ी जू, यूका। ४ देखो ढेर'। ढेक, हेकड़, हैकल, ढेकलियो-देखो 'ढेकौ' ।
-वि० मूर्ख नासमझ। बैंकली-स्त्री० कम गहरे कूए से पानी सींचने का उपकरण। ढेल, लड़ी, ढलणी-स्त्री० मादा मोर, मोरनी। हेकियो, कोड़, ढेको-पु० १ चूतड़, कूल्हा । २ गुदा। ढेलौ-पु० मिट्टी का कंकड़, ढेला । हँखळ-पु० पंवार वंश की एक शाखा व इस शाखा | टैंक-पु० एक मांसाहारी पक्षी । का व्यक्ति ।
ढेकणी (बौ)-क्रि०१ रम्भाना। २ मोरनी का बोलना । टेटो-वि० [सं० धृष्ट] ढीट, हठी, जिद्दी, दुराग्रही । लैंचाळ, चाळी-पु० हाथी, गज । -वि० मोटा, ताजा। टेढ-पु० (स्त्री० ढेढ़णी) १ चमार । २ कोपा । -वि० मूर्ख, हृष्ट-पुष्ट । नासमझ।
रा-देखो 'ढीरा'। ढेढ़मींग, ढेढ़भीगी, ढेढळभीगी-स्त्री० [सं० भृग] टिड्डी ढे-पु० १ मेघ, बादल । २ कामदेव । स्त्री० ३ दामिनी। के आकार का एक पतंगा, भृग ।
४ बक पंक्ति । ५ वीर बहूटी । ६ माशा। ढेढ़वाड़ (वाड़ौ)-स्त्री० १ चमारों का समूह । २ चमारों 'णौ (बौ)-देखो 'ढहणी' (बी)।
का मुहल्ला । ३ गंदी वस्तुओं वाला स्थान । ४ हेय द्वैभक (को), ढमक (को)-स्त्री० ढोलक के प्रकार का एक कर्म, हेय भावना ।
वाद्य विशेष । हेढियानट-पु० नट क्रिया करने वाले नट ।
ढर-१ देखो 'देर' । २ देखो 'डैरी' । टेढ़ी-देखो 'डेढ़' ।
ढहणी (बौ)-देखो 'ढहणो' (बौ)। टैण-स्त्री० १ सख्त, कठोर भूमि । २ समतल भूमि । ढोंग-पु० पाखण्ड, आडम्बर । टेरिणयालग, टेणियालिया-स्त्री० [सं० ढेणिकालक] एक ढौ-पु० १ सुख । २ साधन । ३ धनवान । ४ प्रधान । ५ बाल । पक्षी विशेष । (जैन)
६ अादत, स्वभाव । ७ अभ्यास ।
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