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ताकरणी
। ५७२ )
ताछटणी
ताकरणौ (बौ)-कि० [सं० तर्कण] १ सोचना, विचारना । | तागभरणी-स्त्री० करघे में लगी एक पतली लकड़ी।
२ टकटकी लगाना, स्थिर दृष्टि से देखना । ३ अवसर की। तागावरण-पु० [सं० त्याग + वर्ण] ब्राह्मण, संन्यासी, जोगी, प्रतीक्षा करना, मौका देखना । ४ राह देखना। ५ दृष्टि | जंगम, भाट और साधु इन जातियों का समूह । रखना, ध्यान रखना । ६ रुख करना, प्रवृत्त होना । | तागीर-पु० किसी जागीर या संपत्ति का जब्तीकरण। ७ गौर करना।
तागीरात-स्त्री० जागीर क्षेत्र में किसानों द्वारा स्वेच्छा से राजा ताकत-स्त्री० [१०] १ बल, शक्ति, जोर। सामर्थ्य, क्षमता। | को दिया जाने वाला कर । -- बर-वि० शक्तिशाली। क्षमता वाला।
| तागौ-पु०१ कच्चे सूत का धागा। २ डोरा, धागा। ३ यज्ञोपवीत, ताकधिन-पु० तबले की ध्वनि ।
जनेऊ । [सं० त्याग] ४ बाह्मणों व पुजारियों द्वारा शाप ताकळियो, ताकळी-पु० [सं० तार्कुक] १ लोहे का लम्बा | देने के अभिप्राय से शरीर पर घाव करके दिया जाने वाला
सुईया । तकुवा । २९क प्रकार का सर्प । -वि० कृश, रक्त का छींटा । ५ देवता के आगे किया जाने वाला दुबला ।
अनशन । ताकव-पु० [सं० ताकिक] १ तर्क, मीमांसा ग्रादि शास्त्रों का ताड़-पु० [सं० ताड] १ बिना शाखा का बहुत लंबा वृक्ष । पंडित । २ कवि । ३ चारण ।
२ पर्वत, पहाड़ । -स्त्री० [सं० ताड:] ३ ताड़ना, ताकि-प्रव्य० [फा०] इसलिये कि, जिससे ।
फटकार । ४ प्रहार, आघात । ५ बौछार । ६ कूए ताकीद (दी)-स्त्री० [अ०] १ शीघ्रता, जल्दबाजी । २ किसी से पानी निकालने के 'पाट' के नीचे की सीधी लकड़ी।
कार्य को शीघ्र करने के लिए दी जाने वाली प्रेरणा । ड़ों का एक रोग। ३ आदेश, प्राज्ञा, दबाव ।
ताड़का-स्त्री० [सं० ताडका] मारीच व सुबाहू की माता, एक ताकू-देखो 'ताकळी' ।
राक्षसी। -अरि-पु० श्रीरामचन्द्र । ताको पू० १ ताकने की क्रिया या भाव । २ अवसर, मौका। ताड़काफळ-पू० बड़ी इलायची । ३ ध्यान, ताक ।
ताड़केय-पु० [सं०] मारीच । ताखंगी-पु० १ तक्षक । २ वीर, बलवान, योद्धा ।
ताड़घ-पु० बेंत या कोड़ा मारने वाला, जल्लाद । ताखड़ी-देखो 'ताकड़ी'।
ताड़ण, ताड़णा-स्त्री० [सं०] १ डांट, फटकार, ताड़ना, ताखड़ौ-१ देखो 'ताकड़ो' । (स्त्री० ताखड़ी) २ देखो 'ताखौ' ।
भर्त्सना । २ मारपीट । ३ हंकाई। ४ प्रहार, प्राघात । ताखरिण-क्रि०वि० [सं० तत्क्षण] उसी समय, तत्काल, फौरन ।
५ दुत्कार । -वि० प्रताड़ना देने वाला। ताखणौ (बौ)-क्रि० १ क्रोधित होना, कुपित होना। २ जल्दी
ताड़णी (बौ)-क्रि० १ डांटना, फटकारना । २ भर्त्सना करना । मचाना। ताखति-स्त्री० शीघ्रता, जल्दबाजी । ताकीद।
३ पीटना, मारना । ४ हांकना । ५ दुत्कार कर ताखा-तांखौ, ताखा-तीबो-पु० छोटे-बड़े जेवर व उनके अंग।
निकालना। ३ खतरा भांपना। ७ सतर्क होना । ताखी-पु० १ अलग-अलग तरह की दोनों प्रांखों वाला घोडा | ताड़पत्र-पु० १ ताड़ वृक्ष। २ ताड़ वृक्ष का पत्ता । ३ ताड़
विशेष । २ छोटे बच्चों का शिर ढकने का वस्त्र विशेष । । वृक्ष की छाल का पत्र । ताखो-वि० १ जोशीला,उत्साही। २ महान्, जबरदस्त । ३ वीर | ताड़रोग-पु० घोड़ों का एक रोग ।
बहादुर । -पु० [सं० ताय] १ गरुड़। २ कपड़े आदि का ताड़ासन-पु० [सं०] योग के चौरासी आसनों में से एक ।
परा थान । ३ एक प्रकार का कपड़ा। ४ देखो 'तक्षक'। ताडिका-देखो 'ताडका'। ताग, तागउ-पु० [सं० तड़ाग] १ तालाब । २ देखो 'तागो'। ताड़ी-स्त्री० १ ताड़ वृक्ष की शराब । २ छाते, साईकिल प्रादि तागड़दी-पु० तबले का बोल ।
___ में लगने वाला लोहे के तार का खण्ड । ३ लोहे की तागड़ी-स्त्री०१धागे प्रादि में घघरू पिरोई करधनी, करधनी।। शलाखा । ४ मथानी की खपची। २ कटिसूत्र ।
ताचकरणौ (बी), ताचणौ (बौ)-क्रि० १ हमला करना । तागणौ (बो)-क्रि० १ सुई में धागा डालना । २ दूर-दूर की २ उचक कर पाना । ३ताक लगाना, घात लगाना । मोटी सिलाई करना । ३ सुई आदि नुकीली वस्तु को
४ छलांग लगाना। चुभाना, गोदना।
ताछ-देखो 'तास'। तागत-देखो 'ताकत'।
| ताछटणी(बौ)-क्रि०१ पछाड़ना, गिराना । २ देखो'ताचणी' (बी)।
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