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तुड़ाई
( ५११ )
तुमतड़ाक
६ क्षीण या कमजोर कराना । ७ तोड़-फोड़ करने के तुड-वि० १ वीर, योद्धा । २ हृष्ट-पुष्ट । ३ तृप्त । लिये प्रेरित करना । ८ क्रम भंग कराना । ६ विच्छेद | तुडि-स्त्री० [सं० तेलित] स्पर्धा, बराबरी। कराना।
तुडिकार-पु० मल्लयुद्ध करने वाला। तुड़ाई-स्त्री० १ तोड़ने की क्रिया या भाव । २ इस कार्य का तुडियांग-पु० [सं० तूर्यारण] एक प्रकार का वाद्य । (जैन) पारिश्रमिक ।
तुडुम-पु. [सं० तुरम्] तुरही, बिगुल । तुडारणौ (बौ), तुड़ावरणौ (बी)-देखो 'तुड़वाणी' (बी)। तुरणको-वि० तुच्छ, अकिंचन । -पु० १ किसी कार्य में पानातुड़ि-पु० योद्धा, वीर।
____ कानी। २ तनका, नखरा । [सं० तृण] ३ तृण, तिनका । तुड़िताण-देखो 'तुड़ताण' ।
तुणगार (गारी)-देखो 'तिगणगारी'। तुच, तुचा, तुची-स्त्री० [सं० त्वच्, त्वचा] १ शरीर की चमड़ी | तुणगौ (बौ)-क्रि० [सं० तुण] फटे वस्त्र को सीना, तुनना,
चर्म, त्वचा । २ छाल । ३ आवरण । ४ स्पर्श ज्ञान । तुनाई करना। ___ ---मेल-पु. रोम।
तुरिण-पु० [सं०] तुन का वृक्ष । तुचीसार-पु० [सं० त्वचिसार] बांस ।
तुणीर-देखो 'तुणीर'। तुच्छ-वि० [सं०] १ अत्यन्त थोड़ा, किचित, अल्प, न्यून । तुतकारौ-पु० कुत्ते को बुलाने का तू-तू शब्द ।
२ छोटा, लघु । ३ हीन, नीच, क्षुद्र, अकिंचन । ४ हल्का । तुतळारणी (बौ)-क्रि० १ तुतला कर बोलना, तोता बोलना, ५ खाली, रहित । ६ व्यर्थ, निरर्थक । ७ त्यक्त । ८ कमीना, हकलाना । २ अस्पष्ट बोलना। नीच, हीन विचारों का । ९ अभागा, गरीब । तुतळो-देखो 'तोतलौ' । (स्त्री० तुतळी) १० निकम्मा। -स्त्री० भूसी, छाल ।
| तुत्य, तुत्थक-पु० [सं०] नीला थोथा, तुतिया । तुच्छता-स्त्री० [सं०] १ अल्पता, न्यूनता । २ लघुता, छोटापन। तुदन-पु० [सं०] व्यथा या कष्ट देने की क्रिया, पीड़न, पीड़ा।
३ हीनता, नीचता, क्षुद्रना । ४ हल्कापन । ५ खालीपन । तुन-पु० [सं० तुन्न] मजबूत लकड़ी वाला एक वृक्ष विशेष । ६ व्यर्थता, निरर्थकता । ७ त्याग की भावना । ८ कमीना- | तुनतुनियो, तुनतुनी-पृ० बजो नामक वाद्य । पन । ९ गरीबी । १० निकम्मापन ।
तुनवाय-पु. [सं० तुन्नवाय] दरजी। तुच्छी, तुछ, तृछय-देखो 'तुच्छ' ।
तुनी-देखो 'तुन'। तुज-देखो 'तुझ'।
तुनीर-देखो 'तूणीर। तजक-पु० [अ० तुजुक] १ शोभा, वैभव । २ आत्मचरित्र तन-देखो 'तुन' । (लिखित)। ३ प्रबंध, व्यवस्था ।
तुम्नवाय-देखो 'तुनवाय'। तुजकधार-पु० सैन्य-सज्जा करने वाला।
तुन्नीर-देखो 'तुणीर'। तुजकमीर-पु० [अ०] अभियान या उत्सव आदि का व्यवस्थापक। तुन्ह-सर्व० तुझे, तुझको । तुजमात-स्त्री० पार्वती, गौरी।
तुपक, तुपक्ख-स्त्री० [सं० तुपक] १ छोटी तोप । २ बन्दुक । तुजी, तुजीह-पु० [सं० त्रिजिह] धनुष ।
| तुपारणौ (बी), तुपावणो (बी)-क्रि० बीज बोना, बुवाई करना । तुज्ज-वि० [सं० तृतीय] १ तीसरा । (जैन) -[म० तुर्य] | तुफग-स्त्री० [फा० तोप] तोप ! २ चौथा। ३ देखो 'तुझ' ।
तुबरणौ (बौ)-देखो 'तिबरणौ' (बी)। तुजन, तुज्झौ, तुझ, तुझ्झ -सर्व तुझे, तेरा, तेरी, तेरे ।
तभरणी (बी)-क्रि० १ स्तब्ध रहना, अचंभित रहना । तुझ-सर्व० तुम्हें, तुमको ।
२ स्थिर रहना । ३भना । तट-वि० १ तनिक, जरामा, टुक । २ देखो 'टूट ।
तुभ्यौ-सर्व० [सं० तुभ्य] तुम्हे, तुमको। तुटण-स्त्री. १ फूट, विरोध । २ कलह, झगड़ा । -वि० कलह,
तुम-सर्व० [सं० त्वम् ] द्वितीय पुरुष का संबोधन, तू का करने वाला।
बहुवचन, तू, पाप । तुट्टणी (बौ)-देखो 'टगो' (बौ)। तुट्ठ-देखो 'तुस्ट'।
तुमड़ी-देखो तु'बी'। तुट्टो (बो)--१ देखी 'टूरणो' बो)। २ देखो 'तुस्टगो' (बो)। तमरण-पु० चरखे के मध्य का डंडा । तुट्टि-देखो तुस्टि'।
तुमणी-मर्व तुम्हारी। तुठणी (बौ), तुठ्ठरणौ (बो)-१ देखो 'तुस्टगो' (बी)। २ देखो तुमतड़ाक-स्त्री० [फा० तूमतड़ाक] १ तड़क-भड़क, ठाट-बाट । 'टगो' (बी)।
२ गाली-गलोच, बोल-चाल ।
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