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यौनक
थाटरणो
यांनक-पु० [सं० स्थानक] १ श्वेताम्बर जैन साधुओं का १० रुकना, बंद होना। ११ मन्त्र मुग्ध होना, मोहित होना।
उपाश्रम । २ देखो 'थांन' । -वासी-पु० श्वेताम्बर | थाकल-वि० १ थका हुअा, श्रान्त, क्लान्त । २ शिथिल, धीमा, जैन साधु।
मंद । ३ अशक्त, कमजोर । ४ दुर्बल, कृश । ५ निर्धन, थांनकबळ-पु० [सं० स्थान-बलि] पाताल ।
कंगाल । यांन-वंदावणी-पु० विवाह के लिये प्रस्थान करते समय दूल्हे को थाकी-देखो 'थकी'। मां का स्तन पान कराने की रस्म ।
थाकेलौ-पु०१ थकान, थकावट । २ दुर्बलता, कृशता । ३ हैरानी। थांनिक-स्त्री० १ राजधानी। २ देखो 'थांनक' ।
४ सुस्ती, उदासी। ५ हरारत । थांपरण, थांपणि (णी)- देखो 'थापरण'।
थाकोड़ो, थाको-वि० [सं० स्थकित] (स्त्री० थाकोड़ी) १ थका थांब थांबड़-देखो 'थंबी'।
हुअा, श्रान्त, क्लान्त । २ शिथिल, मंद, धीमा । ३ अशक्त, थांबणो (बो)-देखो 'याभरणी' (बौ)।
कमजोर । ४ दुर्बल, कृश । ५ निर्धन, कंगाल । थांबली, थांबलो, थांबियो, थांबो-देखो 'थंबौ' ।
थाग-स्त्री० [सं० ष्ठा] १ गहराई, थाह । २ गहराई का अन्त, थांभ-१ देखो 'थंब'। २ देखो 'तोरगाथाभ' ।
नीचला तल । ३ गहराई का नाप, अंदाज । ४ पार, अंत, थांभउ-देखो 'थंबी।
परिमिति । ५ सीमा, हद । ६ पता, इल्म । ७ रोक, थांभणी (बौ)-कि० १ रोकना, ठहराना । २ पकड़ना, पकड़ | सहारा । ८ गूढार्थ की जानकारी । ९ गंभीरता। १० नदी
रखना, संभाले रहना। ३ जारी न रखना, बंद कर देना । पानी के कटाव के खड्डे । ११ फूलों के हार के बीच में
४ धैर्य रखना। ५ कोई कार्य अपने नियंत्रण में रखना। लगाये गये विभिन्न रंगीन फूल । १२ गणना । थांभलियौ-देखो 'थंबो' ।
थागड़, थागड़ी-वि०१ निडर, निर्भीक । २ थाह लेने वाला । थांभली, थांभली-देखो 'थंबी'।
थागणी (बी)-क्रि० १ गहराई की जांच करना । २ थाह लेना, थांभायत-पु० वंश या कुल की शाखा या उपशाखा का प्रमुख तल तक पहुंचना । ३ अंदाज करना, अनुमान करना । पूरुष ।
४ गंभीरता को समझना । थांभियो--देखो 'थंवो'।
थागत-स्त्री० थाह। थांभीड़, थांभु, थांभी-पु० [सं० स्तम्भ] १ वंश या कुल की | थागिड़दा-पु० ढोल का बोल । ___ शाखा या उपशाखा । २ देखो 'थंबी'।
थागियळ-पु० समुद्र, सागर । थांम-१ देखो 'थंबी' । २ देखो 'तोरणथांभ' ।
थागौ-वि० १ कम गहरा, उथला । २ देखो 'थाग' । थांमणी (बी), चांम्हणौ (बौ)-देखो 'थांभणी' (बी)।
थाघ-देखो 'थाग'। थारउ, थां'रो, थाळी-देखो 'थाहरौ'।
थाघौ-१ देखो 'थाग' । २ देखो 'थागो'। थांवळी-देखो 'थांणो'।
थाट-पु० [सं० स्थात] १ समूह, दल । २ सेना, फौज । ३ सैन्य थाहरौ-सर्व० (स्त्री० थाहरी) प्रापका, तुम्हारा, ।
दल । ४ साज-सामान, सामग्री। ५ संपत्ति, वैभव, ऐश्वर्य । था-स्त्री० १ गंगा । २ पृथ्वी, भूमि । ३ धुति । ४ मृदंग ।।
६ आनन्द, प्रलन्नता, हर्ष । ७ मनोरथ, मनोकामना । - सर्व० तुझ, तुम । -वि० 'है' का भूत कालिक रूप ।
८ बाहुलता, प्रचुरता । ९ चादर, पतरा, परत । १० किसी --प्रत्य० करण और अपादान कारक चिह्न, तृतीया और
राग का स्वर समूह । ११ हाथी, गज । १२ देखो 'ठाट' । पंचमी विभक्ति का चिह्न, से।
-थंभ-पु. योद्धा विशेष जिस पर सेना का दारोमदार थाक-स्त्री० १ थकावट । २ देखो 'थाग' ।
हो । अकेला फौज रोकने वाला वीर । --नाथ, पति, पतीथाकउ, थाकड़ो-देखो 'थाको' ।
पु० सेनापति । थाकरणौ-वि० (स्त्री० थाकणी) जल्दी थक जाने वाला, थाटणी-वि० (स्त्री० थाटणी) १ शोभा बढ़ाने वाला, वैभव
जल्दी शिथिल होने वाला । -पु. १ विश्राम, ठहराव । बढ़ाने वाला । २ प्राप्त कराने वाला। ३ सजाने वाला। २ थकावट ।
४ तय करने वाला, निश्चित करने वाला। थाकणी (बौ)-क्रि० १ चलते या श्रम करते-करते थकना, थक | थाटणौ(बी)-क्रि० १ शोभित करना । २ सुसज्जित होना।
जाना । २ शिथिल पड़ना, जोश ठंडा होना । ३ श्रान्त होना, ३ तैयार करना, तैयार रखना । ४ एकत्र करना, संग्रह क्लान्त होना । ४ अशक्त होना, शक्तिहीन होना । ५ दुर्बल
करना । ५ प्रगट करना, उत्पन्न करना । ६ धारण करना। होना, कृश होना। ६ निर्धन होना । ७ कम पड़ना, घटना। ७ स्थापित करना । ८ तय करना, निश्चित करना। ७ हैरान होना, ऊबना । ९ मंद पड़ना, धीमा पड़ना।।
९ प्राप्त कराना।
पा
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