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त्रिसंफून-पु० [सं. विशंकुज] राजा हरिश्चन्द्र ।
त्रिसीरसक-पु० [सं० विशीर्षक] त्रिशूल । त्रिसंनि-पु. एक प्रकार का प्राभूषण ।
त्रिसीस-पु० तीन फल का भाला । त्रिसंध्या-स्त्री. [सं०] १ प्रातः, मध्याह्न व सायंकाल को की | त्रिसुगधि-स्त्री० [सं०] दाल चीनी, इलायची व तेज पत्र, तीनों जाने वाली संध्या । २ दिन का तीसरा पहर ।
की खुशबू । त्रिम-स्त्री० [सं० तर्ष:] प्यास, तृषा।
| त्रिमूळ त्रिसूळ--पु० [सं० त्रिशूल] १ शिव का प्रायुध, तीन शूल त्रिसकत, त्रिसकति त्रिसकती, त्रिसकत्त-स्त्री० [सं० त्रिशक्ति] |
का शस्त्र। २ दैहिक, दैविक व भौतिक दुःख । ३ हाथ १ पार्वती । २ देवी, दुर्गा । ३ गायत्री। ४ इच्छा, ज्ञान व
की अंगुलियों की एक मुद्रा। ४ तीन की संख्या । क्रिया, तीन ईश्वरीय शक्तियां । ५ तांत्रिकों की तीन देवियां- ---घात-पु० एक तीर्थ विशेष । -धर-पु. शिव, महादेव । काली, तारा और त्रिपुरा ।
त्रिसूळ उ-१ देखो 'त्रिमळो' । २ देखो 'त्रिसूळ' । त्रिसखरमुड-पु. तीन शिखर का पहाड़ ।
त्रिसूळि. तिसूळी (लो)-वि० त्रिशूल धारी। -स्त्री. १ देवी, त्रिसणा (ना)-देखो 'तिसणा'।
दुर्गा । २ देखो 'त्रिमूळ'। त्रिसपरसा-स्त्री० [सं० त्रिस्पशा] वह एकादशी जिसके अंत में | त्रिसौ-देखो 'तिरसौ' । - त्रयोदशी पड़ती हो।
त्रिस्कंध-पृ० [सं०] ज्योतिष शास्त्र । मिसम-पु० [सं०] सोंठ, गुड़ और हड़ तीनों का समूह । त्रिस्टुप. त्रिस्युभ-पु. [स० त्रिष्टुप] संस्कृत का ग्यारह वर्ण का त्रिसर-पु० [सं० त्रिशिर] १ चिपटी फलियों वाला एक मटर। एक वृत्त ।
२ कुबेर । ३ एक प्रकार का प्राभूषण । ४ देखो 'बिसिर' । त्रिस्णा-देखो 'तिसणा'। त्रिसरकरा-स्त्री० [सं० त्रिशर्करा] गुड़, चीनी और मिश्री। त्रिस्तंभासन-पु० [सं०]योग के चौरासी प्रासनों के अन्तर्गत एक । त्रिसरण-पु० [सं० त्रिशरण] १ बुद्ध । २ एक जैनाचार्य । त्रिस्थळी-स्त्री० [सं० त्रिस्थली] गया, प्रयाग व काशी तीन तीर्थ । त्रिसरनायक-पु० एक प्रकार का आभूषण ।
त्रिस्नान पु० [सं०] प्रातः मध्याह्न व सायंकाल की तीन स्नान । त्रिसरी-स्त्री. तीन लड़ की।
त्रिसन-पु० [सं० त्रिशूग] त्रिकूट पर्वत । विसळा-स्त्री० महावीर स्वामी की माता।
त्रिह (उ)-वि० [सं० त्रि] तीन । विसळो-पू० १ त्रिशूल । २ क्रोध के कारण ललाट पर पड़ने | त्रिहत्तर-देखो 'तिहोतर' । वाली तीन रेखायें।
त्रिहलोचन-देवो 'त्रिलोचन'। त्रिसांश-व्यापणी--वि० [सं० त्रिसंध्यव्यापिनी] सूर्योदय से सूर्यास्त त्रिहु, बिहु-वि० [सं० त्रि] १ तीन, नीनों। २ देखो 'त्रिधा' । तक बराबर रहने वाली।
त्रितरो-देखो "तिहोतरी'। विसा-स्त्री० [सं० तृपा] प्यास ।
बिहू-देखो 'बिहु'।
त्रिहोतरौ-देखो 'तिहोतरी'। त्रिसाख-वि० १ तीन शाखा वाला। २ तीन फसलों वाला।
त्रिलोचन-देखो त्रिलोचन'। त्रिसिउ-वेचो तिरसो'।
त्रींगड़ो, त्रींगडौ-वि० तीक्ष्ण । त्रिसिख-पू. [सं० त्रिशिख] १ मुकुट । २ त्रिशूल । ३ रावण त्रीदिय, त्रींद्रिय-पू० [सं० श्रीन्द्रिय] तीन इन्द्रियों वाला जीव । का एक पुत्र ।
वी-देखो 'त्रि'। त्रिसिखर--पु० [सं० त्रिशिखर] १ तीन चोटियों का पर्वत । त्रीकम, श्रीकमौ, त्रीक्रम-देखो 'त्रिविक्रम' । २ त्रिकुट पर्वत।
त्रीखण-देखो 'तीक्ष्ण'। त्रिसियर, त्रिसियो-देखो 'तिरसौ' ।
त्रीखो-देखो 'तीखौ'। त्रिसिर-पु० [सं० त्रिशिरस्] १ कुबेर । २ रावण का भाई एक
त्रीछरण-देखो 'तीक्षण'। राक्षस । -वि. तीन शिरों वाला।
त्रीज-देखो 'तीज'। त्रिसींघ-वि० १ बलवान, शक्तिशाली । २ देखो "त्रिसंकु' । ब्रीज, बीजड़-देखो 'तीजो' । त्रिचीरस-पु. [सं. त्रिशीर्ष ] तीन शिखर वाला पहाड़। बीजको, (लो)-देवो 'तीनो' ।
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