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ति उल
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५८० ।
तिघट
तिउल-वि० [स० वितल] मन, वचन और काया इन तीनों की तिखराव-पु० [सं० तक्षक-राज] १ शेषनाग, नागराज । तुलना कर जीतने वाला।
२ तक्षक, नाग । ३ कद्र पुत्र कालिय नाग । तिक क्रि० वि० वैसे, उस प्रकार ।
तिलूटो, तिखूणी-पु. १ मोने-चांदी के प्राभूषणों पर खुदाई तिऊ-देखो त्रिकूट'।
___करने का प्राभूषण। २ देखो 'तिकू'गो' । तिकड़म-पु० उपाय, तरकीब ।
तिख्खरणी-वि० [सं०तीक्ष्ण] १ तीखा, तीक्ष्ण । २ देखो 'तकूणो' । तिकरण-मर्व उस, वह । उमने ।
तिग-स्त्री० १ कमर, कटि । २ कमर के नीचे का भाग । तिकत-वि० [सं० तिक्त] १ तीक्ष्ण, तेज । २ चुस्त ।। ३ हिलने-डुलने की क्रिया। ४ लड़खड़ाने की क्रिया । ३ नरपरा ।
५ तीन मार्ग का संगमस्थल ।। तिकम-देखो 'टीकम'।
तिगता-स्त्री [सं० तिकतम्] काली मिर्च । तिकर-स्त्री० कटारी।
तिगतिगणो (बौ)-क्रि० १ लड़खड़ाना, डगमगाना । २ लटकना । तिकरि-सर्व उस, वह । -क्रि० वि० के लिये, वास्ते ।
३ देखो 'तगतगाणी' (बी)। तिका-सर्व० वे, उन ।
तिगतिगाणी (बो), तिगतिगावणी (बो)-क्रि० १ लटकाना । तिका-स्त्री० वह, उस ।
२ धक्का मार कर संतुलन बिगाड़ना। तिकाळ-देखो त्रिकाळ' ।
तिगम-पु० [सं० तिग्म] १ वज्र । २ पिप्पली । ३ प्रत्येक तिकावरक्तक-पु. १ कटि पर तीन भौंरी वाला घोड़ा। चरण में २६ मात्रा का छद विशेष । ४ गर्मी । तिकी-सर्व० १ वह, उस । २ देखो 'तिगी'।
[सं० तिग्मकर] ५ सूर्य । -वि० [सं० तिग्म] तीक्ष्ण, तेज। तिकु, तिकू-सर्व० वह, उस ।
तिगमअंस, (प्रभासु) तिगमांसु, तिगमहर-पु० [सं० तिग्मांशु] तिकूरगौ-वि० [सं०त्रिकोण] तीन कोण वाला। -पु० जैसलमेर १ सूर्य, रवि । २ अग्नि । ३ शिव । ___के दुर्ग का नाम ।
तिगरण-पु० [सं० त्रिकरण] मन, वचन और काया। (जैन) तिकू-देखो 'तिकु'।
तिगरी-स्त्री० [सं०तुग्रही] १ सकट कष्ट, पीड़ा । २ जल संकट । तिकूड-देखो 'त्रिकूट'।
तिगरौ-पु. १ फूटे हुए मिट्टी के पात्र का बड़ा खण्ड । तिके(क)- सर्व० वे, उन ।
२ खण्ड, भाग । तिकोरी-पु० १ तीन कोनों का एक छोटा लंबा अौजार । २ बढ़ई | तिगिच्छकूड़-पु० [सं० तिगिच्छकूड] पर्वत विशेष । ____ का एक प्रौजार।
तिगिछिद्दह-पु० [सं० विगिच्छद्रह] निषेध पर्वत के ऊपर तिकी-सर्व० (स्त्री० तिकी) वह, उस ।
__ का भाग । तिक्की-१ देखो 'तिकी' । २ देखो 'तिगी'।
तिगिच्छ, तिगिच्छग-पु० चिकित्सक । (जैन) तिक्ख-वि० [सं० तीक्ष्ण] १ तीक्षण, तेज । २ वेगवान । | तिगिच्छा-स्त्री० चिकित्सा । (जैन) ३ कठोर । ४ देखो 'तीखो' ।
तिगी-स्त्री० १ तीन बूटियां छपा ताश का पत्ता । २ अत्यन्त तिवखुतो-पु० [सं० विकृत्वस्] तीन बार ।
पतली टहनी। तिक्खुत्ता-पु० [सं० विकृत्वस्] तीन प्रदक्षिणा देकर वन्दना तिगुडय-स्त्री० [सं० त्रिकटुक] सूठ, कालीनिचं, पीपर । __ करने की क्रिया। (जैन)
| तिगुत्त(त्ती)-पु० [सं० त्रिगुप्ति मन, वचन और काया से गुप्त, तिक्त-वि० [सं०] तीता, कड़ पा । -पु० [सं०] १ पित पापड़ा | सुरक्षित । (जन) २ कुटज।
तिगुमिगु-पु० सूर्यास्त से ठीक पहले का मयम । तिखग-पु. [सं० तक्षक] सर्प, नाग ।
तिगौ-पु. १ तीन का वर्ष । २ तीन का अंक । तिखडौ-वि० तीन मंजिल का, तिमजला। -पु० तीसरी मंजिल ।।
तिग्गी-देखो 'तिगी। तिख-वि० १ तीक्ष्ण, तीखा । २ देखो 'तक्षक' ।
तिग्म-देखो 'तिगम'।
तिग्मकर-पु० [सं०] सूर्य । तिखट-पु० तराने के समान गाया जाने वाला एक गीत ।।
तिग्मता-स्त्री० [सं०] तीक्ष्णता, तेजी। तिखरण-स्त्री० [सं० तीक्ष्ण] १ मिर्च, मिरची । २ देखो ! निसरोशित
तिग्मदीधिति-पु० [सं०] सूर्य । तीक्ष्ण'। (जैन)
तिग्मन्यु-पु० [सं०] शिव, महादेव । तिखता-स्त्री० [सं० तीक्ष्ण] काली मिर्च ।
तिग्मरस्मि-पु० [सं० तिग्मरश्मि] सूर्य । तिखनख-पु० तीखे पैरों वाला घोड़ा।
| तिघट-देखो "तिवट'।
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