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तांमिम
( ५७१ )
ताकरण
तांमिस्र-पु० [सं० तामिस्र] १ एक नरक का नाम । २ देखो तापळी-देखो 'तासळी' । ___ 'तमिस्र'।
तापळो-देखो 'तासळी'। तांमी-स्त्री० [सं० ताम्र] १ तांबे का तसला, तश्तरी । २ द्रव | ताई, ताइ-सर्व० वह । उस । उन । -क्रि० वि० १ वहां, पदार्थों को नापने का पात्र । ३ तांबे की करछी।
तहां । २ इससे । ३ उससे । -वि०१ शत्रु. दुश्मन । तांमील-स्त्री० [अ० तामील] १ अनुपालना । २ किसी फरमान २ अाततायी। ३ विधर्मी, दुष्ट । ४ मोक्ष को प्राप्त होने आदि का निष्पादन।
वाला । ५ रक्षक,परिपालक । ६ तापयुक्त । ७ देखो 'ताई' । तांमीली-स्त्री० प्राज्ञा पालन । अनुपालना का कार्य ।
८ देखो 'ताई' । -वि० १ पालन करने योग्य । २ आज्ञा पालक । ताइण-पु० [सं० त्रायिता] रक्षक । तांमेडौ-पु० [सं० ताम्र+रा प्र डौ] १ तांबे का बना जल | ताइत-देखो 'ताईत' ।
पात्र, तांबा का बना कलसा । २ देखो 'तांमड़ो' । ताइफौ-देखो 'तायफौ'। तांमेसर-पु० [सं० ताम्र+ईश्वर] १ ताम्र-भस्म । -स्त्री० ताई-स्त्री० १ बड़ी माता, पिता की भाभी । २ कपड़ा २ एक लता विशेष ।
बुनने वाली एक जाति व इस जाति का व्यक्ति । ३ घोड़ों तांमेसरी-पु० गेरू के योग मे बना एक रंग विशेष ।
की एक जाति । -वि० [सं० आततायी] १ शत्रु, दुश्मन । तांमेसुर (स्वर)-पु० [सं० ताम्र-+ईश्वर] १ ताम्र, तांबा । | २ प्राततायी, दुष्ट । २ एक प्रकार का सर्प विशेष ।
ताईत स्त्री० [अ० ताग्रत] १ आराधना, उपासना । २ धातु के ताम्र-पु० [सं० ताम्र] १ तांबा । २ एक प्रकार का कोढ़। | चौकोर या प्रष्ट कोणी खण्ड पर बना तावीज, जंत्र ।
-ऋमि-स्त्री. वीर बहूटी । -चूड़-पु० कुकरौंधा का | ३ हाथी का एक प्राभूषण विशेष । पौधा । मुर्गा । -तुड-पु० मुर्गा । -पट्ट, पत्र-पु. तांबे | ताईतिमिर-पु० [सं० आततायी +तिमर] ज्योति, प्रकाश । का पत्र । -पुस्प-पु० लाल रंग का पुष्प । -वरण-वि० ताईद-स्त्री० [अ०] १ सहायता, मदद । २ पक्षपात । तांबे के रंग का, लाल। -सिखी-पु० मुर्गा। -सार, ३ समर्थन, पुष्टि । ४ ताकीद । सारक-पु. लाल चंदन का वृक्ष ।
ताईधर-वि० वीर, योद्धा। ताम्रपरणी-स्त्री० [सं० ताम्रपर्णी] १ बावड़ी २ तालाब, ताईप्रयात-पु० [सं० आततायी + प्रयात] युद्ध । ३ दक्षिण भारत की एक नदी।
ताउं, ताउ-क्रि० वि० १ तक, पर्यन्त । २ तब । तांम्रवरण-पु० [सं० ताम्रवर्ण] १ मनुष्य के शरीर की चौथी ताऊ-वि० १ शीघ्रता करने वाला, उतावला । २ तेज चलने चमड़ी। २ भारत का एक द्वीप, सिंहलद्वीप।।
वाला । ३ क्रोधी। -पु०(स्त्री० ताई)पिता का बड़ा भाई । ताम्रा-स्त्री० [सं० ताम्रा] १ सिंहली, पीपल । २ दक्ष प्रजापति | ताऊन-पु० [अ०] एक घातक संक्रामक रोग, प्लेग। की कन्या व कश्यप की स्त्री।
ताऊस-पु० [अ०] १ मोर, मयूर । २ सारंगी व सितारनुमा तांय-प्रत्य० तृतीया या पंचमी विभक्ति का चिह्न, से ।
एक वाद्य विशेष। तांवरण-पु० [सं० ताप] तेल प्रौटाने का तेलियों का पात्र ।
ताऊसी-वि० [अ०] १ मोर के सदृश । २ बैंगनी रंग का। तांवरिणयौ-देखो 'तांमरिणयौं'।
ताक-स्त्री० १ ताकने की क्रिया, ताक-झांक । २ स्थिर दृष्टि, तांवर-स्त्री० १ ताप, ज्वर । २ मूर्छा । ३ देखो 'तंवर' ।
टकटकी । ३ अवसर, मौका । ४ घात । ५ खोज, तलाश । तांह-सर्व० उस, उन । तुम । --क्रि० वि० १ वहां । २ उस ६ उपाय, तरकीब । -पु० [अ०] ७ दीवार में रखा जाने प्रकार, उम तरह, तब ।
वाला खाली स्थान, प्रालय । ताख । ८ दो से अविभाजक तांहजौ-सर्व० (स्त्री० तांहजी) तेरा, तुम्हारा ।
अंक । ६ अंत । -कि वि० तरह से, प्रकार से । तांहरा-क्रि० वि० तब उस समय ।
ताकड़-स्त्री० ताकीद, शीघ्रता। तांहां-क्रि० वि० १ वहां । २ तव । ३ देखो 'तांह' ।
ताकड़ियो, ताकड़ी-स्त्री० [सं० तर्कटी] १ तोलने का तराजू । ता-स्त्री० १ तान । २ ताल । ३ माता । ४ स्त्री। -पु०
तुला । २ पांच सेर का तौल । -वि० १ उतावली, शीघ्रता ५ विस्तार । ६ शिव । ७ ईश । ८ मैथुन । ९ वस्त्र ।
करने वाली । २ हृष्ट-पुष्ट, सुडौल । १० तरुण पुरुष । ११ तिल । १२ तार । -सर्व०१उस। ताकड़ो-वि० (स्त्री० ताकड़ी) १ उतावला, जल्दबाज । २ तेज, २ इस । -प्रत्य० करण या अपादान कारक का चिह्न, से। जोशीला । ३ हृष्ट-पुष्ट, सुडौल । ४ शक्तिशाली, बहादुर । देखो 'तां'।
| ताकरण-वि० टकटकी लगाकर देखने वाला।
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