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तळीकढ़
(
५६७ )
तसबीह
७ खलिहान का निचला भाग । ८ रहट की लाट में लगने | तवरणौ (बौ)-क्रि० [सं० स्तवन] १ कहना, उच्चारण करना । वाली चन्द्राकार पती। ९ मकान को पक्की छत । १० मोट | २ वर्णन करना, विस्तार पूर्वक कहना । ३ स्तुति करना, खाली करने के स्थान पर जमाया हुआ पत्थर । प्रार्थना करना । ४ देखो 'तपणो' (बी)। ११ तलहटी, तराई। -क्रि०वि० नीचे ।
तव-तेरण-वि० [सं० तप:+स्तेन] तपस्या का चोर । (जैन) तळोकढ़-पु० बैठते समय पांव का तलुवा बाहर रखने वाला | तवन-पु० [सं० स्तवन] १ स्तुति, प्रार्थना । २ स्तोत्र । ऊंट ।
३ स्तोत्र गायन । तळुनौ-देखो 'तळवौ'।
तवलता-स्त्री० इलायची की लता । तळू जी-स्त्री० पैंदी, तल, तली ।
तवसमायारी-स्त्री० [सं० तपः समाचारी] चार प्रकार के तप तळे-देखो 'तळं'।
अनुष्ठान । (जैन) तळेक्षण-पु० [सं० तलेक्षण] शूकर, सूपर ।
तवह-स्त्री० बेल, बल्लरी, लता। तळेचौ-पु० चौखट के नीचे का डंडा ।
तबाइफ-देखो 'तवायफ' । तळेटी-देखो 'तळहटी'।
तवाखीर-पु० [सं० त्वकक्षीर] वंश लोचन । तळेम-देखो 'तसलीम'।
तवायफ-स्त्री० [अ०] १ वेश्या रंडी । २ वेश्याओं की मंडली। तळे-क्रि०वि० १ नीचे । २ तल के नीचे ।
तवारां-क्रि० वि० उस समय, तब । तळेची-देखो 'तळेचौ'।
तवारीख-स्त्री० [अ०] इतिहास । तळटी-देखो 'तळहटी'।
तविखि (सि)-पु० [सं० तविष ] स्वर्ग । तळोट-पु० घोड़े के अगले पांव का एक भाग ।
तवी-स्त्री० १ भट्टी पर प्रौंधा रखा जाने वाला बड़ा तवा । तळोदरी-स्त्री० [सं० तलोदरी] स्त्री, भार्या ।
२ मिट्टी का छोटा तवा । ३ सपाट तली वाली कढ़ाई। तळोदा-स्त्री० नदी, दरिया ।
तबोकम्म-पु० [सं० तपः कर्मन्] तपकर्म, तपोनुष्ठान । (जैन) तळोसणौ (बौ)-देखो 'तलासणी' (बौ)।
तवोधन-देखो 'तपोधन'। तळी-पु० [सं० तल] १ कूप, कूपा । २ पैदा । ३ सतह, तवौ-पु. [सं० तपः] १ रोटी सेकने का तवा। २ चिलम पर धरातल । ४ तलुवा । ५ जूते का तला ।
रखने का मिट्टी का गोल ठीकरा । ३ वक्षस्थल या पीठ तलौ-पु० १ संबंध । २ छुटकारा, विच्छेद । -बलौ-पु० का कवच । ४ ललाट का मध्य भाग । ५ हाथी के मस्तक रिश्ता, संबंध । --मलो-पु० संबंध, वास्ता ।
पर लगाया जाने वाला कवच । ६ बख्तर का ऊपरी भाग । तल्क-पु० [सं०] वन, जंगल ।
तस-पु. १ हाथ, हस्त । २ द्वीन्द्रियादि प्राणी । ३ प्यास । तल्प-स्त्री० [सं०] १ चारपाई । २ पलंग । ३ सेज, शय्या । ४ इच्छा । -सर्व० उस। -क्रि० वि० तैसे-वैसे।
४ स्त्री, भार्या । -क-पु० शय्या बिछाने वाला | तसकर-देखो 'तस्कर'। परिचायक । -ज-पु. क्षेत्रज पुत्र ।
तसटा-पु० [सं० तष्ट] १ वस्तु को छील-छाल कर गढ़ने तल्पिका-देखो 'तलप'।
वाला, विश्व कर्मा । २ एक प्रादित्य का नाम । तल्ल-पु० [सं०] १ बिल, गड्ढ़ा। २ ताल । ३ नाश । | तसटौ-देखो 'तसळो'। तल्लड़-पु० लम्बा डंडा, लाठी।
तसरणा-देखो 'तिसण' । तल्ली-स्त्री० [सं०] १ जवान स्त्री। २ देखो 'तली' । तसतरी-स्त्री० [फा० तश्तरी] थालीनुमा पात्र, रकाबी। तल्लीण, तल्लीन-वि० १ चिन्तन, मनन या अध्ययन में लीन, | तसतूबौ-पु० इंद्रायण का फल ।
मग्न । २ किसी कार्य में पूर्ण मनोयोग से लगा हुआ। | तसदीक-स्त्री० [अ० तस्दीक] १ प्रमाणीकरण । २ किसी तव-सर्व० [सं०] १ तेरा, तुम्हारा । २ देखो 'तब' । प्रमाण से की गई पुष्टि । ३ समर्थन । ४ गवाही । ३ देखो 'तप'।
तसदीह-स्त्री० पीड़ा, दर्द । तकिया-स्त्री० एक प्रकार की हरताल ।
तसफियो-पु० निर्णय, फैमला। तवक्षीर-पु० [सं०] तब शीर, तीखुर नामक पदार्थ । तवक्षीरी-स्त्री० कनकवूर लता की जड़ से निकलने वाला| तसबी-देखो ' तसबीह' । तीखुर पदार्थ ।
तसबीर--देखो 'तसवीर'। तवज्जा, तवज्ज-स्त्री० [अ० तवज्जह] ध्यान, गौर, देखभाल । | तसबीह, तसब्बी-स्त्री० [अ० तस्वीह] माला, जाप की माला, तवण, तवणु-१ देखो 'तपण' । २ देखो 'स्तवन' ।
सुमरनी।
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