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( ५५२ )
तखड़
तई-क्रि०वि० तब, उस समय । -वि० [सं० आतताई] १ शत्र, तकली, तकवी-देखो 'ताकळी'। दुष्ट । २ देखो 'तई'।
तकसीम-स्त्री० [अ०] बांटने की क्रिया, बंटाई, वितरण । तईनात-देखो 'तैनात'।
तकसीर-स्त्री० [अ०] १ अपराध, गुनाह, दोष । २ त्रुटि, तईनाती-स्त्री० [अ०तअय्युनात] १ तैनाती, नियुक्ति । २ प्रबन्ध । गलती। तईयासी-देखो 'तंइयासी' ।
तकां-देखो 'तिका'। तईयार-देखो 'तैयार'।
तकाई-स्त्री० तकने की क्रिया या भाव, ताक-झांक । तउ, तउ-अव्य० [सं० ततः] पाद पूरक अव्यय । -क्रि०वि० तकाजौ-पु० [अ० तकाजः] १ बार-बार मांगने की क्रिया या
१ तो, तब । २ तो भी । ३ यदि । ४ तब । ५ इत्यादि । भाव । २ ताकीद, शीघ्रता। ३ कोई वस्तु लौटाने के लिए -वि० [सं० त्रीणि] तीन (जैन) । सर्व० [सं० त्वम्] ___ किया जाने वाला प्राग्रह। तुम, पाप।
तकात-अव्य०१ तक, पर्यन्त । २ भी। तउणि (पी)-देखो 'तपणी ।
तकादौ-देखो 'तकाजौ' । तउय-पु० [सं० पुन] रांगा, कलई ।
तकाबी (वी)-स्त्री० [अ० तकाबी] कृषकों से सरकारी ऋण तउस-पु० [सं० पुस] एक प्रकार की लता ।
की वसूली। तउसमिजगा, तउसमिजिया-स्त्री० [सं० पुषमिजिका] तीन तकार-पु० १ छंद शास्त्र का 'तगण' । २ 'त' वर्ण । इन्द्रियों वाला एक जीव विशेष ।
तकियाकलांम-पु० [अ०] बात करते समय व्यर्थ में, बार-बार तऊ-देखो 'तउ'।
प्रयुक्त होने वाला शब्द ।। तकंजी-स्त्री. विष्णु मूर्ति के शिर का एक प्राभूषण । तकियो-पु० [फा० तकियः] १ सोते समय शिर के नीचे रखी तक-स्त्री० १ तकने की क्रिया या भाव, टकटकी । २ शक्ल, जाने वाली रुई की मोटी थैली, उपधान, सिरहाना ।
सूरत । ३ प्रकृति, स्वभाव । ४ प्रकार, ढंग । ५ बकरों को २ छज्जे के सहारे में लगाई गई पत्थर की पट्टी । ३ मुसलमान उत्तेजित करने का शब्द । -अव्य० [सं० अंत + क] फकीरों का निवास स्थान । ४ कब्र का पत्थर विशेष । पर्यन्त । -क्रि०वि० तरह, भांति ।
तक्क-स्त्री० १ तर्क । २ देखो 'तक' । तकख-देखो 'तक्षक'।
तक्कड़-स्त्री० शीघ्रता, ताकीद, तकाजा, प्राग्रह । तकड़तम-वि० तना हुआ, खींचा हुआ ।
तक्करणो (बी)-देखो 'तकणो' (बौ)। तकरण-वि० तकने वाला। -सर्व० वह, उस ।
तवकर-पु० [सं० तस्कर] १ चोर । २ गैर कानूनी व्यापार तकरणो (बी)-क्रि० १ लगातार एक ओर देखना, टकटकी | करने वाला। ३ चोर बाजारी।
लगाना । २ गौर से देखना । ३ ताक में रहना। तक्ख-१ देखो 'तक्षक' । २ देखो 'तारक' । ४ आश्रय लेना।
तक्खण (रिण, णी)-अव्य० [सं० तत्क्षण] तत्काल, तत्क्षण । तकत-देखो 'तखत'।
तक, तकि-पु० [सं०] छाछ, मट्ठा । -मंड-पु० दही, दधि । तकतू बौ-पु० १ विकृत कलिन्दा या हिन्दवानी । २ इन्द्रायण -सार-पु० नवनीत, मक्खन । लता का फल ।
तक्ष-पु० [सं०] भरत का बड़ा पुत्र । तकतो-पु० तकुमा।
तक्षक-पु० [सं०] १ आठ प्रमुख नागों में से एक । २ सर्प, नाग । तकदीर-स्त्री० [अ०] भाग्य, किस्मत, प्रारब्ध ।
३ एक अनार्य जाति । ४ विश्वकर्मा । ५ बढ़ई। -वि० तकदीर-स्त्री० [अ०] अल्ला हो अकबर की आवाज ।
लाल, रक्ताभ । तकमीनौ-देखो 'तखमीनों'।
तक्षण-पु० [सं०] १ बढ़ई का कार्य, चौसठ कलानों में से तकरार-स्त्री० [अ०] १ वाद-विवाद, बहस । २ लड़ाई, वाग् । | एक। २ देखो 'तक्खण' । युद्ध । ३ शीघ्रता।
तक्षसिला-स्त्री० [सं०] भरत पुत्र 'तक्ष' की राजधानी, एक तकरीर-स्त्री० [अ०] बातचीत । भाषण, संभाषण ।
प्राचीन नगर। तकली-स्त्री० सूत कातने का छोटा उपकरण ।
तखंग (गि, गी)-पु० [सं० तक्षक] १ शेषनाग । २ तक्षक सर्प । तकलीरणी-वि० (स्त्री० तकलीणी) १ सुलभ, गहज, सुगम । ३ सर्प । -वि० तीक्ष्ण, पैना, तेज । २ दुर्बल, कृश।
तख वि० १ अफीमची । २ मूर्ख, मूढ । तकलीफ, तकलीब-स्त्री० [अ० तकल्लुफ] १ कष्ट दुःख । तखक-पु० [सं० तक्ष-तनू] सुदर्शनचक्र । २ पीड़ा वेदना। ३ परेशानी ।
तखड़-१ देखो 'तखड़ौ' । २ देखो 'तक्कड़' ।
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