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तड़करणों
(
५५४ )
तटिनी
तड़करणौ (बौ)-क्रि० १ 'तड़' शब्द करते हुए फटना । २ क्रोध | तचा-स्त्री० [सं० त्वचा] चमड़ी।
या आवेश में बोलना । ३ क्रोधित होना। ४ चमकना। तचाणौ (बौ)-क्रि० १ तपाना, गर्म करना । २ दुर्बल करना । ५ दरार पड़ना, चटकना।
३ कष्ट देना। तड़क-भड़क-स्त्री० चमक-दमक ।
तचौळ-स्त्री० कंपायमान होने की क्रिया या भाव । तडकली-स्त्री० स्त्रियों का एक कर्णाभुषण ।
तच्च-स्त्री०१ किसी पैने शस्त्र आदि का किसी में सहसा तड़कलौ-देखो 'तड़को'।
घुसने की क्रिया या भाव । २ त्वचा। -वि० [सं० तथ्य] तड़की-देखो 'तिड़की'।
- सत्य, यथार्थ । (जैन) तड़के, तड़के-क्रि०वि० १ बड़े, सवेरे । २ शीघ्र, जल्दी। तच्छ-देखो 'तक्ष' । ३ धूप में । ४ अगले दिन ।
तच्छक-देखो 'तक्षक'। तड़को. (क्को)-पु. १ प्रात:काल, सवेरा । २ धूप गर्मी। तच्छरिण-स्त्री० लकड़ी छीलने का उपकरण विशेष । ३ अागामी प्रातःकाल ।
तच्छन, तच्छिन-क्रि० वि० [सं० तत्क्षण] तत्काल तुरंत । तडच्छ, तड़छ-स्त्री०१ तड़फड़ाट, छटपटाहट । २ देखो 'तडाट'। तछणौ (बौ)-क्रि० १ संहार करना, मारना । २ काटना । ३ देखो 'तडाछ' ।
तछेक-क्रि० वि० शीघ्र, द्रुतगति से। तड़छणो(बौ)-क्रि० १ तड़फना, छटपटाना । २ व्याकुल होना। | तज-पु०१ एक वृक्ष विशेष की छाल जो औषधि में काम ३ मूच्छित होना । ४ संहार करना। ५ काटना ।
पाती है। २ एक वृक्ष । ३ त्यागने की क्रिया । तडछारणौ (बौ)-क्रि० १ तड़फाना । २ व्याकुल करना। | तजणौ (बौ)-क्रि० [सं० त्यज] १ त्यागना, छोड़ना । २ कृश
३ मूच्छित करना । ४ संहार कराना। ५ कटवाना। _होना, क्षीण होना। तडण-स्त्री० दरार । -वि. 'तड़' करके फटने वाला। तजबीज-स्त्री० [अ०] १ निर्णय, फैसला । २ प्रबन्ध, तड़णी (बी)-क्रि० १ 'तड़' की ध्वनि के साथ फटना। व्यवस्था । ३ उपाय, युक्ति ।
२ चटकना, दरार पड़ना। ३ क्रोध करना । ४ पशु का तजबीर-पु० [अ० तजिबः] अनुभव । पतला मल करना।
तजरबौ-पु० [अ० तज्रिब:] अनुभव, ज्ञान । तड़त, तड़ित, तड़िता, तडिताळ, तडिति, तड़ियळ, तड़ियाळ- | तजबीज-देखो 'तजबीज' ।
स्त्री० [सं० तड़िता] बिजली, विद्युत । -देह-पु० ४९ / तजोरी-देखो 'तिजोरी'। क्षेत्रपालों में से ३२ वां क्षेत्रपाल । -वांन-पु० मेघ, तज्जणा-स्त्री० [सं० तर्जन] तिरस्कार, भर्त्सना । (जैन) बादल । जल।
तज्जणौ (बौ)-देखो 'तजणौ' (बौ) । तड़ियौ-पु. १ एक ही बैल अथवा ऊंट से खींचे जाने वाले तट-पु० [सं०] १ किनारा, तीर, कूल । २ सीमा, हद ।
हल की दो हरिसाओं में से एक । २ देखो 'तडौ' । ३ खेत । ४ ढालू स्थान । ५ आकाश । ६ महादेव । तडिल्लता-स्त्री० [सं० तड़िता] बिजली, विद्युत ।
-कि० वि० १ पास, निकट, समीप । २ नीचे। तड़ी-स्त्री. १ वृक्ष की पतली टहनी । २ छोटी हसिया लगा | तटक-स्त्री० ध्वनि विशेष । -क्रि० वि० तत्क्षण, तुरन्त ।
लंबा बांस । ३ डंडा, छोटी लकड़ी। ४ छोटी लकड़ी का | तटकणौ (बौ), तटक्कणौ (बौ)-क्रि० १ टूटना । २ देखो हाथ पर प्रहार ।
तड़करणो' (बौ)। तड़ीत-पु०१ ऊंट के वक्षस्थल का कठोर स्थान । २ देखो | तटणी (नी)-स्त्री० [सं० तटिनी] नदी। तड़ित'।
तटस्थ-वि० [सं०] १ अलग दूर । २ किनारे वाला। तईतवांन-देखो तड़ितवांन' ।
३ निलिप्त, उदासीन । तड़े बड़े-वि० समान, तुल्य, सदृश । -क्रि० वि० करीब,
तटा-स्त्री० [सं० तट] १ नदी, सरिता । २ किनारा, कूल । लगभग।
-क्रि०वि० १ पास, समीप, निकट । २ ऊपर । तड़े ल-पु. योद्धा, वीर। तड़ोबड़ (बड़ी, वड़ि, वड़ी)-स्त्री० समानता, बराबरी।
तटाक-पु० [सं० तडाग] १ तालाब, सरोवर, जलाशय । तडौ-पु० १ हसिया लगा लम्बा बांस । २ डंडा।
-स्त्री० २ झटके से टूटने की क्रिया । ३ इस प्रकार टूटने से तड़योबडयौ-वि० बराबरी वाला, समानता वाला।
होने वाला शब्द । -क्रि० वि० शीघ्र, जल्दी, नुरंत । तचणी (बौ)-क्रि० १ कष्ट सहना । २ संतप्त होना। ३ गर्म तटारी, तटी-स्त्री० [सं० तट ] किनारा, कून । होना, तप्त होना । ४ काया को कष्ट देना ।
तटिनी-देखो 'तटगी'।
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