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ठाली
ठा-पु० १ शून्य । २ ऋषि । -स्त्री० ३ पृथ्वी । ४ पीठ । ठाडो-स्त्री० १ लम्बी लकड़ी का रहट में लगा एक उपकरण । ५. ज्ञान, इल्म, पता। -वि० धनवान ।
२ चूल्हे की राख । -वि०१ ठण्डी, शीतल । २ बासी । ठा'-देखो 'ठाह'।
३ खड़ी, सीधी। ठाइ (ई)-स्त्री० जगह, स्थान । -वि० [सं० स्थायिन्] | ठाडोळ-स्त्री० शीतलता, ठण्डक । १ स्थिर रखने वाला। २ देखो 'ठावी'।
ठाडो-पु० १ दर्द वाले अंग पर दिया जाने वाला अग्नि दग्ध । ठाउ (ऊ)-देखो 'ठांव'।
२ जाड़ा,सर्दी, ठंड । -वि० (स्त्री० ठाडी) १ शीतल, ठण्डा । ठामोठा-क्रि०वि० उपयुक्त स्थान पर, यथास्थान । २ बासी । ३ उष्णता रहित । ४ बलवान, शक्तिशाली । -वि० १ यथायोग्य । २ जहां जसा आवश्यक हो ।
५ खड़ा,ठहरा, रुका हुआ । ६ शान्त । ७ सुस्त । ८ गंभीर । ठानौ-१ देखो 'ठावौ' । २ देखो 'ठायौ'।।
-ठरियो-पु. शीतलाअष्टमी को बनाया जाने वाला बासी ठाक-स्त्री० १ प्रतिज्ञा, प्रण, नियम । २ बुनाई में काम आने भोजन आदि । -पोर-पु० सूर्योदय या सूर्यास्त के समय
वाला लकड़ी का उपकरण । ३ पीटने या मारने का भाव । का ठण्डा मौसम । ४ पत्थर का टुकड़ा।
ठाढ़-देखो 'ठाड' । ठाकरणौ (बी)-क्रि० १ पत्थर गढ़ना । २ पत्थर तोड़ना। ठाढ़सर (सरी, स्वर, स्वरी)-पु० [सं० स्तब्ध+ ईश्वर] ठाकर (डौ)--पु० [सं० ठवकुर] (स्त्री० ठकरांणी) १ किसी | निरन्तर खड़ा रह कर तपस्या करने वाला तपस्वी ।
भू-भाग का अधिष्ठाता । २ गांव का मालिक, जमींदार। | ठाढ़ी-देखो 'ठाडौ'। ३ स्वामी, मालिक । ४ क्षत्रियों की उपाधि । ५ प्रतिष्ठित | ठाणौ (बो)-क्रि० १ करना, कर देना। २ निश्चित करना, व्यक्ति, माननीय व्यक्ति । ६ ईश्वर, भगवान, विष्णु । तय करना । ३ ठहराना, रोकना । ४ लगाना (चोट)। ७ देव-मूर्ति, प्रतिमा । ८ राजपूतों के लिए सम्बोधन ५ स्थापित करना, जमाना। ६ थोप देना । ७ कल्पित विशेष । ९ नाइयों की उपाधि ।
बात कहना । ८ रखना । ६ सुशोभित करना । -दवारो, दुवारी-पु० देवालय, देवस्थान । विष्णु मंदिर । | ठायौ-पु० [सं० स्थान] १ स्थान, जगह । २ निश्चित स्थान ठाकराइ (ई), ठाकरि (री)-देखो 'ठकुराई'।
विशिष्ट स्थान । ३ देखो 'ठावौ' । ४ देखो 'ठियो' । ठाकुर-देखो 'ठाकर'। -दवारो, दुवारौ='ठाकरदवारौ'। । ठार-स्त्री० १ स्थान, जगह, ठौर । २ ठंडक, सर्दी । ठाकुराइ (ई), ठाकुरी-देखो 'ठकुराई'।
३ अाराम, शांति । ४ पता, इल्म, ठिकाना । ५ देखो ठागौ-पु० १ आडंबर, ढोंग । २ कपट, छल । ३ धूर्तता । ___'अठारह'। ठाडो-पु० स्थान, जगह ।
ठारक-वि० १ शीतल करने वाला । २ शान्त करने वाला । ठाट-पु० १ सजावट । २ साज-शृंगार । ३ शोभा । ४ शान- | ३ संतोष दिलाने वाला।
शौकत । ५ तड़क-भड़क, आडम्बर, दिखावा। ६ पाराम, | ठारणौ (बो)- क्रि० १ ठंडा करना, शीतल करना । २ गर्मी चैन । ७ प्रायोजन-तैयारी। ८ वैभव । ६ सितार का या उष्णता मिटाना । ३ आग आदि बुझाना । ४ भट्टी तार । १० समूह, झुण्ड । ११ देखो 'थाट'। -बाट-पु० आदि के भोग लगाना । ५ शान्त करना, तृप्त करना । सजावट । शृगार। तड़क-भड़क । शान-शौकत ।
६ संतुष्ट करना। ठाटियो-१ देखो 'ठाटौ' । २ देखो 'थाठियो'।
ठारी-स्त्री०१ सर्दी, ठण्डक । २ शीतलता। ठाटौ-पु० १ बैलगाड़ी के ऊपर का तख्ता, थाटा । २ भीगे | ठाळ-स्त्री० १ खोज तलाश । २ छलांग । ३ चुनाव, चयन । ____ कागज की लुगदी का बना गोल व चौड़ा पात्र । ठाल-स्त्री० १ रिक्तता, खालीपन । २ अभाव, कमी। ठाठड़ी-१ देखो 'ठाठौ' । २ देखो 'ठाठी' ।
ठालउ-देखो 'ठालौ'। ठाठर-पु० अस्थिपंजर, हड्डियों का ढांचा ।
ठाळणी (बौ)-क्रि० [सं० ष्ठल] १ तलाश करना, खोजना, ठाठरणौ (बौ)-१ देखो 'ठांठरणो' (बी) । २ देखो ढूंढ़ना । २ चुनना, चयन करना । ३ निश्चित करना, तय ठिठरणौ' (बी)।
करना। ४ देखना । ५ स्थापित करना । ठाठो-स्त्री० बाधा, अड़चन, रोक, विघ्न ।
| ठालप (क)-स्त्री० १ बेकार या निकम्मा रहने का भाव । ठाठीया-स्त्री० एक प्रचीन जाति ।
२ रिक्तता, अभाव । ठाठौ-पु०१ ऊंट के चमड़े का तरकस । २ देखो 'ठाटौ' । ठाळवरी-वि० चुनिन्दा। ठाड-स्त्री० १ सीढ़ी या जीने के बीच-बीच लगने वाला पत्थर । ठाली-वि० १ खाली, रिक्त । २ केवल, सिर्फ। ३ गर्भ रहित, २ सर्दी, ठंडक ।
गर्भ हीन ।
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