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डोहळरणो
( ५४१ )
ढंगसर
५ गिराना । ६ बार-बार ढूंढना, टोह लेना । ७ लांघना, डौढ़-देखो 'डौड'। पार करना।
डौढ़वरणौ (बौ)-देखो डोडवणी' (बी)। डोहळणी (बौ)-क्रि० [सं० दोलयति] १ पानी आदि गंदा डौढहती, (हत्थी, हथी)-देखो 'डौडहत्थी' । करना । २ देखो 'डोहणौ' (बौ)।
डोढ़ी-देखो 'डोडी' । -दस्तूर-'डोडीदस्तूर'। --वार, वान डोहळियौ-पु. १ उदक से प्राप्त भूमि का स्वामी। २ माफी की | -'डोडीदार। ___ छोटी जागीर का स्वामी ।
डौढ़ी-देखो 'डोडो'। डोहली-पु० [सं० दोहदम् ] गर्भवती स्त्री की इच्छा, अभिलाषा। डोर-स्त्री० १ सिंह की दहाड़ । २ सिंह की गुर्राहट । डो-पु० १ नसिंह अवतार । २ पति । ३ व्यभिचारी। ३ बाह्याडंबर, आडम्बर । ४ देखो 'डोर'। -स्त्री० ४ गाय ।
डोळ-पु० १ वैभव, ऐश्वर्य । २ ढंग, व्यवस्था । ३ दशा, स्वरूप, डोड-वि० [सं० अध्यद्ध] १ एक और प्राधा, डेढ़ । २ किसी हालत । ४ लम्बे छेदों वाली चलनी। ५ किसी वस्तु को इकाई से प्राधा अधिक । -पु० व्यंग, ताना।
ठीक बनाने की क्रिया या भाव। ६ ऊंट की काठी डोडवरणी (बो)-क्रि० १ डेढ़गुना करना, रेढ़ा करना । २ कपाट | की तरह बनाई कोई वस्तु । ७ रंग-ढंग, तखमीना । बन्द करना । ३ कार्य बंद करना।
८ तरह, प्रकार । ९ युक्ति, उपाय । १० गुजारे डोडहती, डौडहत्थी. डोडहथी-स्त्री० तलवार ।
का प्रबंध । -डाळ-पु० ढंग, व्यवस्था । उपाय, युक्ति, डोडी-स्त्री० १ मुख्य द्वार, दरवाजा, फाटक । २ किसी मकान प्रयत्न । -दार-वि० सुन्दर सुडौल ।
का मुख्य द्वार के साथ बना कक्ष । ३ एक तरह का | डोळरणी (बी)-क्रि० १ काट-छांट कर सुन्दर बनाना । गढना । पहनावा, पोशाक । -वि० एक व आधी। -दस्तूर-पु० २ ढांचा, प्राकृति या स्वरूप बनाना। ३ ठीक व दुरुस्त एक प्रकार का सरकारी लगान । नेग। -दार, वान-पु० । करना। द्वार का पहरेदार, द्वारपाल ।
ड्यूटि-स्त्री० [अं०] १ नौकरी। २ किसी कार्य पर तैनाती। डोडो-वि० (स्त्रो० डौडी) १ एक से प्राधा अधिक, एक व ३ सेवा, चाकरी । ४ चूगी, महसूल । ५ कर्त्तव्य, धर्म ।
आधा । २ टेढ़ा, सीधा न हो, तिरछा। ३ बंद, सटा ड्यौडी (ढ़ी)-देखो 'डौडी' । हुप्रा । ४ विरुद्ध, उल्टा । -पु० १ गायन में प्राधा स्वर ड्यौडौ (ढौ)-देखो 'डोडौ' । अधिक । २ डेढ़ अंक का पहाड़ा।
ड्यौढ़-देखो 'डौड'।
-ढ
हु-देवनागरी वर्णमाला का चौदहवां वर्ण ।
| ढंग-पु० १ व्यवस्था, प्रबंध । २ प्रणाली, पद्धति, तरीका । ढंक-पु० १ एक पक्षी विशेष । २ कौना। ३ कुम्हार जाति का। ३ उपाय, युक्ति । ४ वैभव । ५ प्रकार, तरह, भांति । एक जैन उपासक । ४ देखो 'ढकरणो' ।
६ हाल, दशा, स्थिति । ७ स्वरूप, बनावट, ढांचा । ढंकरण-पु०१ चार इन्द्रियों वाला एक जीव । २ देखो 'ढकरणो' । ८ संकेत, प्राभास । ९ चाल-ढाल, आचरण । १० लक्षण, ढकणउ, ढंकरिणयौ, ढंकरणी-देखो 'ढकरणौ' ।
चिह्न। ११ रीति, शैली । १२ पाखंड । १३ कुशलता। ढंकणी-देखो 'ढकरणी'।
-ढाळ, ढाळी-पु० व्यवस्था, प्रबंध । दशा, हालत । ढंकणी (बौ)-देखो 'ढकणौ' (बौ)।
चाल-ढाल । ढंकर-वि० शून्य, निर्जन । -स्त्री० एक प्रकार का वाद्य । ढंग-उजाड़-पु० घोड़े की दुम के नीचे की भंवरी। ढंकुरण-पु० १ एक प्रकार का वाद्य । २ खटमल । (जैन) ढंगणौ (बौ)-क्रि० १ किसी परिमारण विशेष से अनाज मापना । ढंको-वि० १ ढका हुअा। २ असुहावना, अप्रिय ।
२ तौलना। ढंखर, ढंखरौ-वि० १ उदाम, खिन्न । २ अप्रिय, असुहावना। ढंगसर-क्रि० वि० १ अच्छी तरह, ठीक ढंग से । २ क्रमशः । ३ वेढंगा । -पु० पत्ते झड़ा हुअा वृक्ष ।
३ सुचारु रूप से।
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