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दळांख
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( ५४४ )
मजदूरी । ३ उतार ।
ढळावौ पु० गिरती दशा, बुरा समय ।
ढळौ - वि० [सं० ढलिः ]
ढलैत, ढलैती - पु० ढाल बांधने या रखने वाला योद्धा । १ अचंचल, शांत । २ सुस्त, आलसी । ३ मूर्ख, गंवार | पु० देना । ढल्ल - १ देखो 'ढाल' । २ देखो 'ढल' । ३ देखो 'ढोल' । ढल्लीप, ढल्लीस - देखो 'ढळपति' ।
डल्ली नि० (स्त्री० [दल्ली) मुक्त
इसरो (बी) १ देखो 'वो' (दो) २ देखी 'राणी' (बी) सारणी (बी) सावली (बी) १ देखो 'व्हाणी' (बी) २ देखी 'सखी' (बी) ।
दही (ब) क्रि० १ गिरना पड़ना २ धंसना, गड़ना देखो 'को' (बी) ।
। २ छोटी तलैया, पोखरी ।
स्त्री० १ दातृ भूमि २ रास्ते में कहीं-कहीं पर बाड़ बेड़ स्त्री० मवेशी, पशुधन चौपाये पशु । होने वाला ढलाव, उतार । पु० पशुता पशुत्व ढळाई - स्त्री० १ ढालने की क्रिया या भाव। २ ढालने की ढांढी स्त्री० १ बूढ़ी गाय - वि० ० मूर्खा, गंवार | डांडी० चौपाया पशु, मवेशी वि० [स्त्री० [दड़ी) १ मूर्ख, - ढांढ़ी) नासमझ । २ अनाड़ी, उज्जड़ । ढांग - स्त्री० ० १ऊंट की एक चाल विशेष । २ मार्ग, रास्ता । ३ नाश, संहार । ४ युद्ध, लड़ाई। ५ ढंग प्रकार, भांति । ६ गढ़ । ७ समूह | ८ ढेर ९ प्रहार । १० कुए पर बैल जोतने का स्थान । ११ स्थान आवास । १२ डेरा, खेमा, पड़ाव । ढांणी स्त्री० [सं० स्थान] १ खेत में रहने के लिए बनाई गई। झोंपड़ी २ कच्चे मकानों की बस्ती, जो गांव से कुछ दूर बनी हों । ३ रेतीले टीबों वाली भूमि ।
ढांगी - पु० १ कुए से निकला पानी खाली करने का स्थान । २ ‘ढांणियों' का समूह । ३ डेरा, पड़ाव । divert (at) - देखो 'ढकरणी' (बी) । उमिक पु० १ ढोल २ नगाड़ा की आवाज ।
ढोल नगाड़े यादि
डोहर स्त्री० कांटेदार वृक्ष या झाड़ी की टहनी ढा-स्त्री० १ सरस्वती शारदा । २ वाणी, बोली । ३ नाभि । ४ गदा । - पु० ५ ब्रह्मा । ६ सुमेरु पर्वत । ७ पलाश वृक्ष ।
ढाई वि० [सं० द्वितीय] दो और याचा घड़ाई
५० १ उक्त मान की संख्या व अंक २ || | २ कौड़ियों से खेलने का बच्चों का एक खेल ।
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दहकारी (बी), कावली (बी) कि० १ निराना पटकना २ साना गाड़ना, गड़ाना । ३ देखो 'डहकारणी' (बी) । दही (बी) क्रि० १ गिरना पड़ना २ मकान, दीवार प्रादि की कोई चुनाई या चुनाई कर रखी वस्तुनों का नीचे गिरकर बिखरना, ढह जाना । ३ ध्वस्त होना । ४ नष्ट होना । ५ वीर गति प्राप्त होना । ६ कटना । ७ मिटना । ८ दूर होना । ९ दमन होना । दहारणौ (बौ), ढहावरणौ ( बौ) - क्रि० १ गिराना, पटकना । २ मकान, दीवार या कोई चुनाई को नीचे गिराकर बिखेरना । ३ ध्वस्त करना । ४ नष्ट करना । ५ वीर गति प्राप्त कराना । ६ काटना । ७ मिटाना ८ दूर करना । ९ दमन करना ।
ढांक- स्त्री० १ बदनामी, कलंक । २ देखो 'ढाक' |
ढांकरण, ढाकरणउ - देखो 'ढाकरणी' |
ढांकणी-देखो 'की' ।
करौ (यो देखो 'करणी' (बी)।
ढांगी- देखो 'ढोंगी' ।
डांगी वि० (स्त्री० डांगी) १ यापतिजनक २ बुरा, खराब ढांच स्त्री० १ पालना लटकाने का लकड़ी का उपकरण । २ देखो 'ढांचा' |
(दांड़ियों) देखो 'डांठी' । ढांढकी देखो 'ढांढ़ी' ।
ढांचियो, ढांचौ पु० १ सामान भरकर पशुओंों की पीठ पर लादने का लकड़ी का उपकरण । २ ठठरी, पंजर । ३ किसी वस्तु की आकृति, शक्ल, डौल, नमूना । ४ देखी 'दु'ची' |
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ढाढ़स
ढाक-पु० १ पलाश वृक्ष । २ कुम्हार का चाक । ३ कुल्हे की
हड्डी । ४ ढोल । ५ रणचण्डी का वाद्य । ६ देखो 'ढकरणौ' । ढाकण - देखो 'ढकरणौ' ।
ढाकण - पु०यावे में श्वेत व काले वालों वाले पूंछ का ढाकण, ढाकणियो-देखो 'ढकरणी' |
ढाकणी-देखो 'ढकरणी' |
ढाकणी- वि० ० १ ढकने वाला । २ श्राच्छादित करने वाला ।
३ छुपाने वाला । ४ बन्द करने वाला । ५ रक्षा करने वाला । ६ मर्यादा रखने वाला । ७ देखो 'ढकरणी' ।
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टाकणी (at) देखो 'करणी' (बी) ।
ढाग-१ देखो ढाक' । २ देखो 'ढागी' । ३ देखो 'ढागो' । ढागी - स्त्री० १ वृद्ध गाय २ वृद्ध मादा ऊंट | ढागीड़, ढागौ- पु० (स्त्री० - ढागी) १ वृद्ध बैल । २ वृद्ध ऊंट । ढाणी (बी) क्रि० देना अर्पण करना, पिता
ढाड, ढाडी, ढाडीड़ो-देखो 'ढाडी' |
ढाढ़स पु० [सं०दृढ़ ] धैर्य, सान्त्वना ।