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टापदार
टिगस
टापदार-वि० जिसमें टाप लगी हो।
क्रिया या भाव । ८ अलगाव । ९ चमत्कार पूर्ण एक खेल । टापर--स्त्री०१ घोड़े की झूल । २ घोड़े की जीन का एक १० देखो 'डाळी'। उपकरण । ३ सर्दी में पशुओं को प्रोढ़ाया जाने वाला
टालो-पु० १ वृद्ध व निर्बल बैल । २ ऊंट पर लदा ईधन का मोटा वस्त्र।
गट्ठर । टापरियो, टापरी, टापरी-पु० १ घास-फूस का मकान, कच्चा टावळ-स्त्री० घोड़ी। मकान। २ झोंपड़ी। ३ पुराना मकान । ४ घर । -वि०
टावाटेवी-पु० विशेष अवसर । आगे से मुड़ा हुअा, छोटा (कान) ।
टावी-पु० १ विशेष अवसर । २ समय. मौका । ३ मृत्यु भोज । टापी-स्त्री० १ पतली, सीधी व नरम लकड़ी। २ खेत में बनी
टाहुली-स्त्री० टहल करने वाली, परिचायिका, दासी। झोंपड़ी।
टिचर-पु. १ पत्थर गढ़ने का औजार । २ घाव पर लगाने की टापू-पु० चारों ओर से जल से घिरा हुआ भू-खण्ड, द्वीप ।
एक तरल औषधि । टापौ-पु. १ टक्कर । २ आघात । ३ टापरौ ।
टिमची टिंवची-देखो 'तिमची' । टावर, टाबरियो-पु० [सं० तर्प] १ बालक, लड़का, बच्चा-टि-स्त्री. १ पैदा । २ देवता । ३ हथिनी । ४ पुतलीघर । बच्ची, शिशु । २ संतान, प्रौलाद । ३ नादान प्राणी।
५ पृथ्वी । ६ क्षमा। -वि० १ जिद्दी । २ बहुत । ---टींगर-पु० संतान । -दार-वि० बाल-बच्चों वाला ।
| टिकड़ियो-१ देखो 'टिक्कड़' । २ देखो 'टिकड़ो'। -परण-पु० बचपना, नादानी।
टिकड़ी-स्त्री० टिकिया। टाबरीदार-वि० बाल-बच्चों वाला।
टिकड़ो-पु. एक आभूषण विशेष । टार (डी, डो)-पू० [सं० टारः] दुबला-पतला या छोटे कद | टिकटिक-स्त्री० १ घडी आदि के चलने की आवाज । का घोड़ा।
२ देखो 'किचकिच'। टाळ-स्त्री०१ कंघी से बनाई गई बालों के बीच की रेखा । टिकटिकी-देखो 'टकटकी' ।
२ गहराई । ३ बैल के गले में बंधी घंटी। ४ पृथक करने टिकरणी (बी)-क्रि०१ किसी आधार पर ठहरना, टिकना । की क्रिया या भाव । -क्रि०वि० १ सिवाय, अलावा ।
२ठहरना, रुकना । ३ बसना । ४ सतह या प्राधार २ अलग करने पर।
को छना। ५ बना रहना। ६ थमना, रुकना, ठहरना । टाल-स्त्री० १ ईधन की लड़कियों की दुकान । २ बूढ़ी गाय ।
७पैदे में जमना । ८ दृढ़ रहना। ९ मार पड़ना। टाळरणी (बौ)-क्रि० १ पृथक करना, अलग करना । २ दूरटिकाई-स्त्री०१टिकाने की क्रिया या भाव । २ टिकाने की
करना, निवारण करना । ३ मिटाना, दूर करना, नाश | मजदूरी। करना । ४ बचाना, छिपाना । ५ रक्षा करना, बचाना। टिकाउ (3)-वि० कई दिन काम में आने लायक, मजबूत, दृढ़ । ६ चुनना, छांटना । ७ स्थगित करना, आगे तय करना ।
| टिकारणी (बी)-क्रि० १ किसी आधार पर ठहराना, टिकाना । ८ इन्कार करना, उल्लंघन करना । ९ सबके साथ न
२ ठहराना, रोकना, थमाना । ३ बसाना । ४ सतह या रखना । १० किसी स्थान से हटाना, दूर करना।
प्राधार को छुपाना । ५ बनाये रखना। ६ दृढ़ रखना। टाळमळ, टाळमटोळ-स्त्री० होला, हवाला-इन्कार करने का ७ मारना, पीटना । भाव । बहाना।
टिकाव-पु. १ ठहराव, पड़ाव । २ टिकने की क्रिया या भाव । टाळमौ (वौं)-वि०(स्त्री० टाळमों, टाळवी) १ चुनिंदा, विशिष्ट ।
३ धैर्य । ४ रुकने का स्थान । ५ स्थाइत्व । ६ स्पर्श । २ छांटा हुआ।
७ दृढ़ता, मजबूती। टाळापोळी-देखो 'टाळमटोळ' ।
टिकैत-देखो 'टीकायत'।
टिकोर, टि कोरियो-पु० १ वाद्य ध्वनि । २ देखो 'टेकोरो'। टाळी-स्त्री०१ पशुओं के गले में बांधी जाने वाली घंटी।
टिकोरी-स्त्री. १ बढ़ई का एक प्रौजार । २ देखो 'टेकोरो' । २ देखो 'टाळो'। टाली-स्त्री० १ गिलहरी । २ वृद्ध गाय।
टिकोरो-देखो 'टेकोरी'। टालउ, टाळी-पु० १ टालने की क्रिया या भाव । २ निवारण
टिक्कड़-पु० १ मोटी रोटी । २ मोट। वस्त्र । -वि० मोटा, करने की क्रिया या भाव । ३ व्यतीत करने की क्रिया या
दृढ़, मजबूत । भाव । ४ इन्कार । ५ रुकावट या बचाव की क्रिया या टिगटी-स्त्री० जल पात्र रखने की तिपाई। भाव । ६ निवारण करना । ७ दूर रहने या बचने की | टिगस-पु० [सं० टिकट] यात्री टिकट ।
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