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भूसर
झोकाइरो
मसर, (री, रौ), झूसारण-देखो 'झूम' ।
झेंपरणो (बौ)-क्रि० लज्जित होना, सकपकाना। शूसिय-वि० [सं० जूषित] युक्त, सहित । (जैन)
| झपाडणौ (बौ), पारणी (बौ), झेपावरणौ (बो)-क्रि० लज्जित झें-में-अव्य० झन्-झन् ।
करना। झे पु० १ राम । २ लक्ष्मण । ३ वन । ४ शशि मण्डल । झै-पु० १ बृहस्पति । २ गुरु । ३ नाक, नासिका । ४ मैगुन । ५ चमार । ६ मर्यादा । ७ अग्नि ।
५ स्वर्ग। ६ कृतिका । ७ आत्मा । -अव्य० ऊंट बैठाने झे-प्रव्य. मवेशियों को पानी पिलाते समय की जाने वाली की सांकेतिक अव्यय ध्वनि । अव्यय ध्वनि।
काडणी (बौ), कारणो (बौ), कारणौ (बौ), कावणी (बी) झेडरणौ (बौ)-क्रि० १ प्राप्त करता । २ देखो 'झाडणौ' (बौ)। देखो 'झकाणी' (बौ) । झेडर-पु० एक लोक गीत विशेष ।
झैपाडणौ (बौ), झपाणौ (बी), संपावणौ (बौ)-देखो झेर-स्त्री० १ नींद का झौंका, तंद्रा । २ झरना, चश्मा । । 'भैपाणौ' (बौ) । __ ३ देखो 'जेर'।
झोंक-देखो 'झोक'। झेरण, झेरणियो, झेरण. झेरणौ-पु० १ मथने का उपकरण, झोंको-देखो 'झोको'। मथ दण्ड, मथानी । २ एक प्रकार का धास ।
झोंपड़ो-स्त्री० कुटिया, पर्णकुटी। झेरणौ (बौ), झेरवणी (बौ)-क्रि० १ काटना, मारना। झोंपड़ो-देखो 'पड़ो' ।
२ तंग या परेशान करना । ३ प्राप्त करना । ४ देखो झोक-स्त्री. १ ऊंट के बैठने का स्थान, बाड़ा । २ ऊंट के 'जेरणी' (बौ)।
बैठने लायक भूमि । मादा ऊंट के प्रसव करने की झेल, झेलण-स्त्री० १ झेलने की क्रिया या भाव । २ खुले द्वार, क्रिया । ४ जोश, उत्साह, साहस । ५ तराजू के पलड़े का
झरोखे आदि के कमानदार पत्थरों पर लगा पत्थर । झुकाव । ६ झुकाव, प्रवृत्ति । ७ झुकना क्रिया का भाव । झेलणी (बौ)-देखो 'झालणौ' (बी)।
८ तिरछी चितवन, कटाक्ष । ९ तरंग, लहर । १० इधरझेलमो, झेलवी-पु० १ हाथ से पकड़ कर खाली किया जाने
उधर हिलने-डुलने की क्रिया । ११ शोभा । १२ शाबासी, वाला कुरा का मोट । २ उक्त प्रकार का मोट चलने
प्रशंसा। वाला कूपा । -वि० हाथ से पकड़ने योग्य ।
झोकड़ी-स्त्री० १ मस्ती, झूम । २ नींद की झपकी। झेला-स्त्री० बैलों के शिर पर बांधी जाने वाली रस्सी । (मेवात) झोकणी (बी)-कि० १ प्रहार करना, वार करना । २ जोश झेलाजोड़ (जोड़ी)-स्त्री० एक कर्णाभूषण विशेष ।
पूर्वक आगे बढ़ाना । ३ जबरदस्ती प्रागे बढ़ाना, ढकेलना,
टेलना । ४ प्रवृत्त करना । ५ किसी वस्तु को झटके के झेली-स्त्री० १ कांटा उठाने की चिमटानुमा लकड़ी ।
साथ आगे फेंकना । ६ अंधाधुध व्यय करना । ७ पाहुति २ उत्तरदायित्व लेने वाला।
देना। किसी कार्य में संलग्न करना. लगाना । आपत्ति झेलू-वि० १ झेलने, पकड़ने या थामने वाला । २ रक्षक
में डालना, बुरी जगह ढकेलना, भेजना । १० डालना, मददगार । ३ महायक।
पटकना । ११ अत्यधिक कार्य भार डालना । १२ बन्दूक डोली--पु० १ एक कर्णाभूपण विशेष । २ स्त्रियों के ललाट व दागना । १३ देखो 'झैकगौ' (बी)। मिर का ग्राभूषण । ३ हाथी के गर्दन में डाली जाने वाली
झोका-अध्य० वाह, शाबास । घंटियों की माला । ४ सहारा, मदद । ५ कृए पर लगा
झोकाइत झोकाई झोकाऊ-वि०१ वीर, बहादुर । २ लुटेरा, डाकू । पत्थर जहां मोट खाली की जाती है । ६ मकान के आगे का पाहता । ७ करघे पर लगी एक लकड़ी विशेष ।
झोकाडणौ (बौ), झोकाणी (बौ)-क्रि० १ प्रहार कराना, वार ८ जल भरी नडस बाहर पाने पर लाव से कील निकालने
कराना । २ जोश पूर्वक प्रागे बढ़वाना । ३ जबरदस्ती
आगे बढ़वाना, ढकेलाना, टेलाना । ४ प्रवृत्त कराना। का स्थान ।
५ किसी वस्तु को झटके के साथ आगे फिकवाना । झ-देखो 'मैं'।
६ अंधाधुध व्यय कराना । ७ पाहुति दिराना । ८ किसी करणौ (ौ), कवरणी (बौ)-क्रि० ऊंट को बैठाना, बैठने के
कार्य में संलग्न कराना, लगवाना । अापत्ति में डलाना, लिए प्रेरित करना।
बुरी जगह भिजवान। । १० डलवाना, पटकवाना। काढणी (बी), बँकाणी (बी), अकारणौ (बी), झंकावरणी ११ अत्यधिक कार्य भार डलवाना । १२ बन्दुक दगवाना। (बी)-क्रि० ऊंट को बिठवाना, बैठाने के लिए प्रेरित करना । १३ देखो मैकारणो' (बी)।
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