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नूप
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कूप ( की फौ ) भूपड़ (डी, डो) भूपली, भूपियाँ भूपी, भूपौ फूफ, फूफड (डी. हो) फली (लौ) फियो कूकी देखो पौ' ।
भूव (कु. कौ) देखो 'भू'बी'।
भूम पु० १ झूमने की क्रिया भाव । ३ देखो 'भू'बी' |
मकड़ी (डी), समयो भूमकी (की) देखो 'बी' भूख, (डो, ड़ौ). झूमखियो, झूमखी (खौ), झूमड़ ( की, कौ) मली (सौ) मड़ियो मड़ी (डी) देखो ''बी'
भूपी (मौ) - देखो 'बो' ।
रंडियी १० खरोंच, रगड़, नक्षत
क्रूर, झूरडियौ स्त्री० १ कंटीली झाड़ी की सूखी २ बारीक लकड़ियों का ढेर । ३ महीन चूर्ण पदार्थ के छोटे-छोटे टुकड़े ५ समूह । झुण्ड | 'जुर' |
२ गायन विशेष |
५०५ )
भूम (, गौ ) - पु० १ एक प्रकार का कर्णाभूषण । २ गुच्छा, भूमखा । ३ कंठ का एक प्रकार का हार । भूमणी (बौ) - पु०१ झोंका खाना । २ मस्ती में घूमना, मदोन्मत्त होना। ३ हवा से हिलना, लहराना । ४ लटकना, लूमना । ५ किसी आधार के संलग्न होना । कूपर स्त्री० १ स्त्रियों द्वारा गाने के साथ, वृत्ताकार किया जाने वाला सामूहिक लोक नृत्य 1 २ इस नृत्य में गाया जाने वाला गीत । ३ संगीत में एक ताल । ४ काष्ठ का एक खिलौना विशेष । ५ स्त्रियों के शिर का प्राभूषण विशेष । ६ देखो 'भूमरी' |
झूमरवे (पं) -५० एक रंग विशेष का वस्त्र भूमरियपु० १ एक कर्णाभूषण विशेष २ देखो 'म' भूमरी स्त्री० १त्रियों के कान का धनुष
२ हाथी के कान का ग्राभूषण ३ मोटी लकड़ी की मोगरी । ४ देखो 'अमर' ५ देखो 'झमरी'
झूमरौ - पु० १ लोहे का मोटा व भारी हथौड़ा । २ सड़क जमाने
का उपकरण ।
फूलड़, झूलड़की, झूलड़ियो-१ देखो 'भूल' । २ देखो 'झूलो' । पोल (सी) स्त्री० १ने की क्रिया या भाव - । २ झोल, ढीलापन । ३ स्नान । ४ तैरना किया । ५. डुबकी। ६ ऊंट का एक अवगुण ।
भूलरिण (रणी) --स्त्री० १.३७ मात्राओं का एक छन्द विशेष । २.४० मात्राओं का एक अन्य छन्द विशेष । ३. २४ वर्णों का एक वर्शिक वृत्त । ४ जलने की क्रिया या भाव। — इग्यारस - स्त्री० भादव शुक्ला एकादशी । इस दिन देवमूर्तियों को सरोवर स्नान कराने का उत्सव |
भूलरणौ - वि० ( स्त्री० भूलणी) १ विचरण करने वाली । २ देखो 'जलो' ।
टहनियां ।
४ किसी ६ देख
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भूसरणो
भूलणी (बौ) - क्रि० १ हिडोले खाना, झूले में बैठकर भूलना । २ हिलना, डोलना । ३ झौंके खाना । ४ मस्ती में घूमना । ५ लटकना, लहराना । ६ मंडराना । ७ किसी कार्य का अधूरा पड़ा रह जाना 1 ८ मोहित होना । ६ स्नान करना, तैरना । १० जल विहार करना । ११ अग्नि कुण्ड के पास बैठकर तपस्या करना । १२ देखो 'झीलरणी' (बी) । मूलरियो - वि० १ झुण्ड में रहने वाला । २ देखो 'भुलरी' । मूलरी पु० लुण्ड, समूह, टोनी ।
भूला स्त्री० पृथ्वी, धरती ।
भुलाळ - वि० १ हिंडोले खाने वाला, भूलने वाला । २ हिलनेडुलने वाला । ३ लटकने वाला । ४ झूमने वाला । ५ भरोसे रहने वाला । ६ अनिरिंगत रहने वाला । ७ स्नान करने वाला । ८ जल विहार करने वाला । ६ तपस्या करने वाला । १० मंडराने वाला । ११ कवचधारी योद्धा । १२ मग्न मस्त रहने वाला । १३ देखो 'भूलो' ।
भूलि स्त्री० एक प्रकार का भूलानुमा पलंग । मूली पु० १ स्त्र-शस्त्रों को बड़े व सीधे जमा कर बनाया हुआ ढेर २ कड़बी यादि के छालों को बड़े व गोलाकार रखकर बनाया हुआ ढेर । ३ सूखने के लिए अलग-अलग रखे घास के गट्ठर । ४ झुण्ड, टोला, समुह । ५ जटाजूट । ६ पहनने का एक वस्त्र विशेष ।
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झूमर, शूर (रो)-पु० १ महीन पूर्ण २ नाश, ध्वंम भूरियो-देखो 'भूर' |
समूह २ सेना, फौज, दल
भूरी-स्त्री० किसी मकान या खेत के चारों चोर खोदी हुई नाई । मूळ पु०१ फूल - स्त्री० १ कवच, पाखर । २ चौपाये जानवरों की पीठ पर पहनाया जाने वाला वस्त्र । ३ चारजामा | ४ चारजामे के नीचे शोभा के लिये बिछाने का वस्त्र ।
मूळकियो, झूळकी पु० १ मथने का थोड़ा व साधारण दही । भूसरणी (बौ) - क्रि० १ कवच आदि पहनना 1 २ शस्त्रों से २ दही का विमोहन ३ देखी 'मूळ'
सुसज्जित होना ३ जोतना
भूली पु० हिंडोला, पालना 1 २ बडी-बडी र का भूला । ३ रस्सियों या तारों का पुल । ४ श्रावण शुक्ला तृतीया से पूर्णिमा तक होने वाला देव भुलाने का उत्सव ५ श्रावण मास में गाया जाने वाला एक लोक गीत । ६ देवो 'भूल' |
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भूस, झूसरण-पु० १ कवच, बरूतर | २ तलवार, खड़ग ३ 'जूचा' |
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