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जेठाई
जेस्टास्त्रम
जेठाई-स्त्री० १ बड़ाई, बड़प्पन । २ ज्येष्ठता । ३ बड़े भाई | जेरपी (बी)-क्रि० १ परास्त करना, पराजित करना । का वंशज ।
२ मजबूर करना विवश करना । ३ वश में करना । जेठि, जेठिय, जेठी-वि० [सं० ज्योष्ठिन्] १ बड़ा, ज्येष्ठ ।।। ४ अत्यधिक तंग करना। ५ मजबूत बांधना ।
२ ज्येष्ठ मास संबंधी। -पु० १ ज्येष्ठ भ्राता, बड़ा भाई । | जेरदस्त-वि० [फा०] १ अधीन, वशवर्ती । २ परास्त, २ पहलवान, मल्ल ।
पराजित । जेठीपाथ, (पारथ, पाराथ)-पु० अर्जुन का बड़ा भाई जेरपाई-स्त्री० [फा०] स्त्रियों के पैर की हल्की जूती । युधिष्ठिर, भीम।
जेरबद (बंध)-पु० [फा०] घोड़े के अगले पांवों में बांधा जाने जेठीमधु-स्त्री० [सं० यष्टिमधु] मुलैठी, मीठी-काठी।
वाला कपड़े या चमड़े का तस्मा। जेठीमल-पु० [सं० जेष्ठमल्ल] योद्धा, वीर, पहलवान । जेरबाद-पु० [फा०] घोडे का एक रोग विशेष । जेठुतौ-देखो 'जेठूतौ'।
जेरबार-वि० [फा०] १ विपत्तिग्रस्त। २ तंग, परेशान, दुःखी। जेठूत, जेठूतरौ, जेठूतो (त्रो)-पु० [सं० ज्येष्ठ +-पुत्र] ३ क्षतिग्रस्त । (स्त्री० जेठूतरी, जेठूती, जेठूत्री) पति का भतीजा, जेठ का | जेरबारी-स्त्री० [फा०] दु:खी होने की क्रिया ।
जेरांणी-स्त्री० मृत व्यक्ति के पीछे गाया जाने वाला शोक जेडपो (बौ)-क्रि० विलंबकरना, देरी करना ।।
सूचक लोकगीत। जेण, जेरिण, जेणी-सर्व० [सं० यः, येन] १ जो, जिस, जिससे, | जेराजेर-पु० १ हाकी का खेल । २ देखो 'जेर' । जिसने । २ उन, उन्होंने, वे -क्रि० वि० जहां ।
जेरीबरियां-पु. एक प्रकार का पका हुआ मांस । जेत-देखो 'जेथ'।
जेळ-स्त्री० १ कैद, बंदीगृह । २ कैद में रखने की सजा। जेतळई (लई, लइ, लई)-क्रि० वि० जब तक, तब तक, २ इस सजा की अवधि । ४ खेल के मैदान की सीमा । इतने में। -वि० (स्त्री० जेतळी) इतना, जितना ।
५ अंतिम छोर । ६ लक्ष्यस्थान । ७ एक प्रकार का खेल । जेतलउ जेतळु (ळ, लौ)-वि० (स्त्री० जेतली) जितना ।
-खांनो-पु० बंदीगृह । जेति-देखो 'जेथ'।
जेलड़-पु. एक प्रकार का प्राभूषण । जेतिय, जेती-वि०१ जितनी । २ देखो 'जेथ' ।
जळणी (बौ)-क्रि० १ भेजना । २ बराबर करना । जेते (त)-क्रि० वि० १ जब तक । २ देखो 'जेथे' ।
जळदड़ी-स्त्री० हाकी की तरह का एक प्रकार का देशी खेल । जेत्राई-देखो 'जत्राई'।
जेळियौ-पु० १ एक शिरे से मुड़ा हूँआ खेलने का डंडा । २ खेल जेथ, (थि, थी, थे, थे)-क्रि० वि० [सं० यत्र] जहां, जिस के मैदान का छोर । —दोटौ-पु० उक्त खेल में गोल की जगह । वहां।
तरफ गेंद फेंकने की क्रिया । जेब-स्त्री० [अ०] १ सिले हुए वस्त्र प्रादि में बनी छोटी थैली, जेवड़ी-स्त्री० रस्सी । -वि० जैसी ।
खीसा । [फा०] २ शोभा, सौंदर्य । -कट-पु० जेब | जेवड़ी, जेवडउ, जेवडो-पु० १ बड़ा रस्सा । २ तोरण पर सासु कतरा, चोर । -खरच-पु. निजी खर्च, हाथ खर्च। द्वारा दूल्हे को अांचल से बांधने की एक रस्म । -वि. -घड़ी-स्त्री० जेब में रखने की छोटी घड़ी।
[सं॰यावत] जैसा । जितना। जेबि (बी)-वि० [१०] १ जेब का, जेब संबंधी। २ जेब में | जेवर-पु० [फा०] अाभूषण, गहना, अलंकार । रहने लायक, छोटा । ३ सुन्दर ।
जेवलौ-देखो 'जेई' । जेम-क्रि० वि० [सं० येम] १ ऐसे, इस प्रकार, जैसे, जिस
जेवहौ-वि० (स्त्री० जेवही) जैसा ।
जेवां-क्रि० वि० जैसे, जिस प्रकार । प्रकार । २ ज्यों, ज्योंहि । -वि० समान, तुल्य ।
जेवाल्यौ-देखो 'जेई'। जेमण-देखो 'जीमण' ।
जेबी-वि० (स्त्री० जेवी) जैसा। जेमिरिण (सी)-देखो 'जैमिनी' ।
जेस-पु० बारहवीं बार उलट कर तैयार किया हुआ शराब । जेयार-वि० [सं० जेतृ] जीतने वाला । -क्रि० वि० जब । जेसटासम, जेसठासम-देखो 'जेस्ठासम' । जेर-वि० [फा०] १ परास्त, पराजित । २ मजबूर, विवश ।
जेसौ-क्रि० वि० १ इस, प्रकार, ऐसे । २ देखो 'गैमौ' । ३ वश व काबू में । ४ बहुत तंग किया हुआ । ५ मजबूत
जेस्टसुर-देखो 'जेस्ठसुर। बांधा हुा । -स्त्री० गर्भस्थ शिशु पर रहने वाली | जेस्टा-देखो 'जेस्ठा'। झिल्ली।
जेस्टासम-देखो जेस्ठास्रम' ।
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