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चळवळपी
चवही
चळवळरणी (बी)-क्रि० १ घबराना, विचलित होना । २ सड़ना। चळू-पु० [सं० चुलक] १ भोजनोपरान्त आचमन । २ एक हाथ ३ विकृत होना। ४ किलबिलाना।
की हथेली में पानी भरने की मुद्रा । अंजली । ३ एक हाथ चळवळी-वि० (स्त्री०चळवळी) १ चितातुर, उदास । २ चंचल । में समाने लायक पानी की मात्रा । ४ भोजनोपरान्त हाथ चळविचळ, चळविळ-वि० १ जो विचलित हो गया हो, प्रक्षालन की क्रिया ।
अस्थिर, डावांडोल । २ चलायमान । ३ ऊटपटांग । चलू-वि० चालू, प्रचलित। -क्रि०वि० प्रारंभ, शुरू । ४कंपायमान।
चळूळ (ळी)-वि० रक्त की तरह लाल । -पु० यवन, मुसलमान । चलसी-देखो 'चौरासी'।
चळोपळ, चळोवळ-देखो 'चळवळ' । चलारण (न)-स्त्री० १ चलाने की क्रिया या भाव । २ रवानगी। चळी-पु० भैंस, गधे, घोड़े आदि का पेशाब । ३ रवानगी संबंधी पत्र ।
चल्लणी-देखो 'चलणी'। चलांणि-पु० पिप्पल का वृक्ष ।
चल्लरपो (बी)-देखो 'चलगो' (बी)। वळा-स्त्री० [सं० चला] १ लक्ष्मी । २ भूमि, पृथ्वी। ३ नारी, चल्लो-देखो 'चिल्लो'।
स्त्री । ४ बिजली । ५ पिप्पली । ६ एक सुगन्ध द्रव्य | चवंड-देखो 'चांमुडा'। विशेष ।
चव-वि० १ चार, चतुर्थ । २ चारों ओर का। ३ देखो 'चऊ' । बलाऊ-वि० १ चलने योग्य । २ टिकाऊ । ३ काम निकालने चबड़े-देखो 'चौड़े। -धाई ='चौड़ेधाई' । लायक । ४ उपयोग में लाने लायक ।
चवड़ो -देखो 'चौड़ो' । चलाक-वि० १ चलाने में दक्ष । २ देखो 'चालाक' ।
चवरणी (बी)-क्रि० १ चू'ना, टपकना, रिसना । २ बूंद-बूंद कर चलाकी-देखो 'चालाकी' ।
गिरना । ३ कहना । ४ तर होना, लथपथ होना । चळाचळ-वि० १ चंचल, अस्थिर । २ चलायमान, गतिमान ।। झरना। -पु० १ गति, चाल । २ चमचमाहट ।
चवत्थ-१ देखो 'चौथ' । २ देखो ‘चौथी'। चळाचळा-स्त्री० देवी, दुर्गा ।
चवत्थी-वि० [सं० चतुर्थ] तीन के बाद का, चौथा । चलाचली-स्त्री० १ चलने की शीघ्रता । २ पावागमन । चवथ-देखो 'चौथ'।
३ चलने की तैयारी । ४ तकरार, लड़ाई । ५ तनाव । चवदंत-वि० प्रगट, प्रकाशित । ६ प्रतिस्पर्धा।
चवद, (ई)-देखो 'चवदै'। चलाणी (बौ)-क्रि० १ चलने के लिए प्रेरित करना, चलाना । चवदमों-वि० (स्त्री० चवदमी) तेरह के बाद वाला, चौदहवां ।
२ रवाना करना, भेजना । ३ गतिमान करना, चालू चवदस-स्त्री० चतुर्थदशी की तिथि, चौदस । करना । ४ हिलाना, डुलाना । ५ प्रारंभ करना । | चवदह, चवदा, चवदे, चवद-वि० [सं० चतुर्दश] तेरह व एक, ६ प्रवाहित करना । ७ प्रचलित करना । ८ कार्य या चौदह । -पु० दस व चार की संख्या, १४ । व्यवहार में लाना । ९ तीर, गोली आदि छोड़ना। चवदौ-पु० चौदह का वर्ष । १० फेंकना । ११ काम निकालना । १२ परंपरा बनाना। | चवद्दस-देखो 'चवदस'। १३ वितरित या प्रसारित करामा । १४ निर्वाह कराना। | चवद्दह, चवई-देखो 'चवदह' । १५ अधिक काम में लेना, टिकाऊ करना ।
चवधार-देखो 'चौधार' । बळापळ-स्त्री० चमक-दमक, तड़क-भड़क ।
चवरंग-देखो 'चौरंग'। चलावको-देखो 'चालाक'।
चवरग, चवरण-पु० 'च' वर्ग, वर्ण । बलावरणौ (बी)-देखो 'चलारणौ' (बी)।
चवरासि (सी)-देखो 'चौरासी'। चलावी-पु० १ चलाने की क्रिया या भाव । २ किसी कार्य | चवरी-देखो 'चंवरी'। विशेष को पूर्ण करने की प्रक्रिया । ३ मृतक की अर्थी
चवळी-देखो 'चंवळी'। आदि तैयार करने की क्रिया । ४ जौहर की तैयारी।
चवसट्ट (ट्ठ, ट्ठि, ठ, ठि)-देखो 'चौसठ' । चलित-वि० [सं०] १ चला हुआ, प्रचलित । २ गतिमान, चलायमान । ३ चंचल, चलायमान । ४ हिला हुआ,
चवहठ (8)-वि० कठोर, शक्त। आन्दोलित । -पु० नृत्य की एक मुद्रा । -प्रह-पु० भोगा
चारणी-स्त्री० छत से टपकने वाला पानी। हुमा ग्रह । एक अन्य ग्रह विशेष ।
चवारणी (बौ)-१ देखो 'चबाणो' (बो)। २ देखो 'चवणो' (बौ). बलुमल-देखो 'चळवळ'।
चवुबहौ--वि० चौहदवां ।
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