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हमाछम
छवाउ
छमाछम-स्त्री० छम-छम की ध्वनि ।
छळकरणी (बी)--क्रि० १ द्रव पदार्थ का उबक कर बाहर पाना, छमायो-पु० छः मास का गर्म ।
उबकना, छलकना । २ उछलना, उमड़ना । ३ प्रथ छमास-पु० [सं० पाण्मातुर] १ स्वामि कात्तिकेय । २ छः मास निकलना। की अवधि ।
छळकाणी (बी)-क्रि० १ द्रव पदार्थ को हिला-डुला कर बाहर छमासियो-देखो 'छमायो' ।
निकालना, उछालना । २ उबकाना, उमड़ाना । छमासी, छमाही-स्त्री० १ छः मास की अवधि । २ छः मास की छळगारौ-वि० (स्त्री० छळगारी) कपटी, छली ।
प्रवधि पर्यन्त मृतक के पीछे किया जाने वाला श्राद्ध प्रादि छलड़ी-पु० १ चरखे का एक उपकरण। २ रेगिस्तान का एक कर्म । ३ अर्ध वार्षिकी परीक्षा।
__ जंतु । -वि० छः परतों या लड़ों का। छमुख-पु० [सं० षड्मुख स्वामि कात्तिकेय, षडानन । छळछंड (छब)-पु० कपट पूर्ण कार्य, ढोंग, पाखंड, चरित्र । छमौ-वि० (स्त्री० छमी) छठा ।
छळ छळो-वि० (स्त्री० छळछळी) १ प्रश्र पूर्ण, डबडबाया छम्मास-देखो 'छमास' ।
हुप्रा । २ पूर्ण । ३ लबालब भरा हुआ । छम्माछोळ-स्त्री० उपद्रव, उत्पात ।'
छळछिद्र-पु० १ छल, कपट, ठगी । २ ढोंग, पाखंड। ३ प्रेत छयल (लु, ल्ल)-देखो 'छैल' ।
लीला। छयां-देखो 'छाया' ।
छळण, छळणी-स्त्री० छलने की क्रिया या भाव । छयाणवइ (वे, 4)-वि० नब्बे तथा छः, छिनवे ।
छळरपो (बौ)-क्रि० १ धोखा देकर कार्य कराना, धोखा देना, छयांळी-वि० छियालीस ।
ठगना। २ भ्रमित करना, भुलावा देना। ३ षड़यंत्र में छयांसी-वि० छियासी ।
फंसाना । ४ मर्यादा का उल्लंघन करना । ५ मारना, संहार छरंडी-स्त्री० १ होली का दूसरा दिन । २ इस दिन का उत्सव । करना । ६ लहलहाना। छर-पु० [सं० क्षर] १ सिंह का अगला पंजा । २ कलंक, दोष । छळदार-वि०१ कपटी, प्रपंची, धोखेबाज । २ कूटनीतिज्ञ ।
३ किसी वस्तु के वेग से निकलने की क्रिया व आवाज । छळमोम-स्त्री० युद्ध भूमि । छरछर, घरघराहट-स्त्री० ध्वनि विशेष ।
छळां-क्रि० वि० लिये, वास्ते । छरणी-स्त्री० बढ़ई का एक औजार ।
छलांग-स्त्री. पांवों से कूदने की क्रिया, कुदान फलांग । छरदी-स्त्री० [सं० छर्दी] वमन, के, उल्टी।
छलांगरणी (बी)-क्रि. १ कूद कर जाना कूदना, कूद कर पार छरमर-पु० वर्षा होने का शब्द, झरमर ।
करना । २ चौकड़ी भरना । छररी-पु. १ जर्रा, करण। २ बजरी, रेत ।
छळाई-स्त्री० छलने का कार्य । छरहरी-वि० (स्त्री० छरहरी) १ पतला-दुबला। २ चंचल । । छळावी-पु० छल, कपट, धोखा। -वि० फुर्तीला । छराळउ-वि० मस्त ।
छलास-स्त्री० किसी धातु के तार से बनी सादी अंगुठी। छराळो, छरेळ-पु० १ सिंह का बच्चा । २ सिंह । ३ योद्धा. छळि-१ देखो 'छळ' । २ देखो 'छली' । वीर।
छळियौ, छळी-वि० [सं० छलिन्] १ छल करने वाला, धोखेछरी-पु० १ सिंह का पंजा । २ कलंक, दोष । ३ हाथ । बाज, कपटी । २ ढोंगी, पाखंडी । -पु. चरखे का एक
४ तलवार । ५ इजारबन्द । ६ आक, सण आदि की छाल उपकरण । की रस्सी।
छळु (ळू)- देखो 'छळ' । छलंग- देखो 'छलांग' ।
छळी-पु० १ घोड़े, गधे या भैस का पेशाब । २ बकरा । छळ (ल)-पु० [सं० छल] १ कपट, धोखा, दगा। २ ठगी । छलौ-पु० १ रेगिस्तान का एक जन्तु विशेष । २ देखो 'छल्लो' ।
३ चालाकी, बेईमानी। ४ बहाना । ५ दुष्टता । ६ युद्ध, छल्लेदार-वि० जिसमें छोटे-छोटे वृत्त या मण्डल हों, घराला। रण । ७ वार, प्रहार । ८ यश, कीर्ति । ६ रक्षा, बचाव ।।
छल्लो-पु. १ कोई छोटा वृत्त या घेरा । २ अंगुठी, मुदरी, १० कार्य, सेवा । ११ आभूषण, गहना । १२ अवसर, मौका। १३ मान, प्रतिष्ठा, मर्यादा । १४ भेद, रहस्य ।
छल्ला। ३ बालों का घुघरालापन । १५ बहादुरी, शौर्य, पराक्रम । १६ गुस्सा, क्रोध, कोप ।
| छव-वि० [सं० षट] छः, पांच व एक । - स्त्री० १ छ: की १७ कर्तव्य । -वि. १ श्याम, काला*। २ श्रेष्ठ*।
संख्या, ६ । २ छबि, शोभा । -क्रि०वि०लिए, वास्ते।
छवगाळ (ळो)- देखो 'छौगाळो' । (स्त्री० छवगाळी) । छळकरण-स्त्री०१ छलकने की क्रिया या भाव। २ उद्गार। छवडउ- देखो 'छोडो' ।
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