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जीयापोती
। ४७३ )
जीवनचरित
जीयापोती-स्त्री० एक प्रकार की जड़ी, पुत्रजीवक ।
जीवजनावर, जीवजांनवर-पु० जीव-जन्तु । जीय-सर्व० जो, जिस।
जीवजूण-देखो 'जीवाजूण' । जोर, जीरउ, जीरक, जीरय-देखो 'जीरो' ।
जीवजोग-वि० विश्वसनीय, विश्वस्त । जीरण-वि० [सं० जीर्ण] १ पुराना, प्राचीन । २ पुराना होने जीवट्ठांरण-पु० [सं० जीवस्थान] गुप्त-स्थान । मर्म । (जैन)
से फूटा-टूटा, जर्जर । ३ कमजोर, निर्बल । ४ बुड्ढ़ा, जीवण-पु० [सं० जीवन] १ जीवित रहने की अवस्था, वृद्ध । ५ घिसा हुआ । ६ पचा हुा । ७ नष्ट किया अस्तित्व । २ प्रायु, उम्र । ३ प्राण रहने की अवस्था या हुआ। -ज्वर-पु. एक प्रकार का बुखार। -ता-स्त्री० भाव । ४ जीने का प्राधार । ५ 'जल-पानी । ६ रक्त। पुरानापन, बुढ़ापा ।
७ पवन । ८ पुत्र । ६ प्राणधारी जीव, प्राणी । १० पेशा, जीरणा-स्त्री० चार गुरु वर्ण का एक वृत्त विशेष ।
जीविका । ११ संजीवनी शक्ति । १२ हड्डी के भीतर का जीरणोद्धार-पु० मरम्मत, सुधार ।
गूदा, मज्जा । १३ मक्खन, घी । १४ परमेश्वर । -वि० जीरवणा-स्त्री० १ धैर्य, धीरज । २ सहनशक्ति । १ परमप्रिय, प्यारा । २ जीवनी शक्ति देने वाला। ३ पाचन क्रिया।
जीवणसाल-देखो 'जीणसाल' । जीरवणी (बो)-क्रि० १ हजम करना, पचाना । २ धैर्य रखना। जीवरिणकाय-पु० [सं० जीव-निकाय] जीव राशि (जैन) । जीरांग-पु० श्मशान, मरघट । -वि० जीर्ण-शीर्ण ।
जीवरिणज्ज-वि० [सं० जीवनीय] जीने योग्य । जीरुय-पु० एक प्रकार की वनस्पति ।।
जीवणी-वि० १ दायीं, दाहिनी । २ देखो 'जीवनी' । जीरी-पु० [सं० जीरक] १ सौंप के आकार का एक पदार्थ जो जीवणी-वि० (स्त्री० जीवणी) १ जीने वाला । ३ दायां,
छौंक में डाला जाता है, जीरा। २ एक लोक गीत विशेष।। दाहिना । ३ शून्य का अंक, गोला।
जीवणौ (बी)-क्रि० [सं० जीवनम्] १ जिंदा रहना, सजीव जील-स्त्री० सारंगी के तार ।
रहना । २ प्राण युक्त होना, जीना । ३ जीवन का समय जीवंजीवक (जीवग, जीव)-पु० [सं० जीवज्जीवक] १ चकोर निकालना, जिंदगी काटना । ४ निर्वाह करना । ५ होश में पक्षी। २ जीवन । ३ जीव का आधार, प्रात्म पराक्रम । प्राना, चैतन्य होना।
४ एक वृक्ष विशेष । ५ एक प्रकार की वनस्पति । जीवत-देखो 'जीवित'। जीवंती-स्त्री० १ संजीवनी । २ हरड़े, हरीतकी । ३ एक लता जीवतत (तत्त्व)-पु० [सं० जीवतत्व] १ शरीरस्थ चेतन तत्त्व, विशेष ।
आत्मा, जीव, प्राण । २ जीवन, जिंदगी। जीवंदौ-वि. जो जिंदा हो, जीवित, सजीव ।
जीवतसंभ (सिम), जीवतांसंभ (सिम)-पु० [सं० जीवित+शुभ] जीव-पु० [सं०] १ प्राणियों का चेतन तत्त्व, जीवात्मा, युद्ध में घावों से क्षत हुअा वीर ।
प्रात्मा । २ प्राण, जान । ३ प्राणी, प्राणधारी। ४ मन, जीवतो-देखो 'जीवित' । (स्त्री० जीवती) दिल, तबियत । ५ शरीर का मर्मस्थल । ६ बृहस्पति । जीवतौसंभ (संभू)-देखो 'जीवतसंभ' । ७ कर्ण का एक नाम । ८ सात द्रव्यों में से एक (जैन)। जीवत्थिकाय-पु० [सं० जीवास्तिकाय] १ चैतन्य उपयोग लक्षण ९ नौ तत्त्वों में से प्रथम तत्त्व । (जैन) १० खाट की बुनाई वाला छः द्रव्यों में से एक द्रव्य । २ जीव समूह । ३ कर्म के के मुख्य ताने । ११ बल, पराक्रम । १२ श्वास । १३ कटने करने व फल भोगने वाला । ४ सम्यक् ज्ञानादि के वश से से रहा हुआ सूक्ष्म अंश । १४ खाद्य पदार्थ प्रादि में पड़ने कर्म समूह का नाश करने वाला। वाला कीड़ा।
जीवद-पु० [सं०] १ वैद्य, चिकित्सक । २ शत्रु । ३ जीवनदाता । जीवक-पु० [सं० जीविक] १ जीवधारी, प्राणी । २ जीव, जीवदब्ब-पु० [सं० जीवद्रव्य] छः द्रव्यों में से एक, जीवद्रव्य ।
प्राण । ३ सेवक । ४ सूदखोर । ५ नौका। ६ बौद्ध भिक्षुक । जीवदान (वांनु, दांनू)-पु० [सं० जीवदान] प्रारण रक्षा, प्राण
७ संपेरा, गारुड़ी। ८ वृक्ष, पेड़ । ९ एक काष्ठौधि। दान । मृत्यु से बचाव । जीवका-स्त्री० [सं० जीविका] १ जीवन निर्वाह का साधन, | जीवधन-पु० [सं०] १ पशु धन । मवेशी। २ जीवनधन ।
वृत्ति, रोजी। २ निर्वाह के लिए किया जाने वाला कार्य व जीवधारी-वि० [सं०] प्राणवान, चेतन प्रागी, जानवर । प्रामदनी।
जीवन-देखो 'जीवण' । जीवकाय-पु० [सं०] जीवलोक, जीवराशि ।
जीवनचरित (चरित्त, चरित्र)-पु० [सं० जीवन चरित्र १ किसी जीवगाह-वि० [सं० जीवग्राह] जीवों का ग्रसन करने वाला।
के जीवन के अच्छे कार्यों का विवरण, वृत्तान्त । २ ऐसे जीवड़लो, जीवड़ो-देखो 'जीव' ।
वृत्तान्त की पुस्तक ।
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