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जुटाळ
। ४७७ )
जुरम
जोड़ना। ३ सटाना, सटा कर रखवाना । ४ भिड़ाना । -बाहु-पु. मल्लयुद्ध । -राव-पु० योद्धा, वीर । ५ युद्ध कराना । ६ आलिंगन कराना, लिपटाना । -विद्या-स्त्री० रणविद्या। ७ संभोग के लिए प्रेरित करना । ८ शामिल करना, | जुधसटर, (स्टर)-देखो 'जुधिस्ठर' । बातचीत कराना, मिलाना । ६ एकत्र करना, इकट्ठा जुधाजित-पु० [सं० युधा जित] कैकेयी के भाई का नाम । करना। १० व्यवस्था व प्रबंध करना । ११ जमा करना, जुधिठळ(ठिळ), जुधिस्टर, जुधिस्ठर (स्ठिर)-पु० [सं०युधिष्ठिर] जुटाना । १२ प्राप्त व उपलब्ध करना । १३ अभिसंधि पांच पांडवों में से सबसे बड़ा पाण्डव । युधिष्ठर ।
कराना, मतैक्य कराना । १४ भीड़ जमा करना। जुन-स्त्री० झूल, चारजामा। जुटाळ (ळो)-वि० युद्ध में जूझने या भिड़ने वाला।
जुनाळी-वि० प्राचीन, पुरानी। जुटावरणौ (बो)-देखो 'जुटाणी' (बौ)।
जुनीऋषीठ-स्त्री० [सं० कृपीटयोनि] अग्नि, प्राग । जुटी-स्त्री० बैलों की जोड़ी।
जुनीगुजरात-स्त्री० एक प्रकार की तलवार । जुटेत-वि० जूझने वाला।
जुन्हा, जुन्हाई-स्त्री० [सं० ज्योत्स्ना] १ चांदनी, ज्योत्स्ना । जुतणी (बो)-क्रि० [सं० युज] १ बैल, घोड़े, ऊंट आदि का २ प्रकाश, रोशनी।
किसी वाहन, हल आदि के आगे जुड़ना । २ कार्य में पूर्ण जुपरणो (बो)-क्रि० १ दीपक का प्रज्वलित होना । २ सुलगना, मनोयोग से लगना । ३ सयोग में लगना । ४ भिड़ना, जलना । ३ देखो 'जुतणी' (बौ)। लड़ना । ५ भूमि का जोता जाना।
जुपारणो (बौ), जुपावणी (बौ)-क्रि० १ दीपक को प्रज्वलित जुतबेघ-पु० [सं० युतबेध] ज्योतिष का एक योग ।
कराना । २ सुलगवाना, जलवाना। ३ देखो 'जुताणो' (बो)। जुताई-देखो 'जोताई।
जुबती-स्त्री० [सं० युवती] तरुण या युवा स्त्री, युवती । जुताड़णी (बी), जुतारणी (बी), जुतावणी (बौ)-क्रि० १ बैल, | जुबान-१ देखो 'जबांन' । २ देखो 'जवान'।
घोड़े, ऊंट प्रादि को किसी वाहन, हल आदि के मागे | जबांनी-१ देखो ‘जबांनी' । २ देखो 'जवानी' । जुड़वाना । २ किसी कार्य में लगाना, संलग्न कराना । | जुम्बन-देखो 'जोबन'। ३ सहयोग में लगाना । ४ लड़ाना, भिड़ाना । ५ भूमि या जुमले (ले)-वि० एक मुश्त । -पु० कुल योग । खेत जुतवाना, जुताई कराना ।
जुमल्लां-वि० साथ। जति-स्त्री० [सं० ति] १ कांति, प्राभा । २ शोभा । (जैन) | जुमामसजित (मस्जिद)-देखो 'जांमामस्जिद' । ३ देखो 'जुक्त'।
जुमालि (ली)-पु० एक प्रकार का घोड़ा । जुत्त-देखो 'जुक्त'।
जुमेरात-पु० बृहस्पतिवार (मुसलमान) । जत्तसेण, जत्तिसेण-पू० [सं० यक्तिषेण] जम्बूद्वीप के ऐरावत | जुमै (म्मै)-वि० १ अधीन, वश में । २ उत्तरदायित्व में, क्षेत्र का पाठवां तीर्थ कर।
जिम्मेवारी में। जुत्थ, जुथ, जुथ्य-देखो 'जूथ' ।
जुमौ (म्मौ)-पु० १ शुक्रवार (मुसलमान) । २ उत्तरदायित्व । जुथप-देखो 'जूथप'।
३ किसी पीर के नाम पर किया जाने वाला रात्रि जागरण । जुद-देखो 'जुध'।
जुय-पु० [सं० युग] पांच वर्ष का समय । (जैन) जुदाई, जुदायगी-स्त्री० [फा०] १ मिलने का विपर्याय । जुर-पु० [सं० ज्वर] १ निरन्तर रहने वाला हल्का बुखार,
२ अलग या पृथक होने की क्रिया या भाव । ३ विछोह, | ज्वर । २ देखो 'जर'। वियोग । ४ पार्थक्य ।
जुरक्क्र-स्त्री० १ चोट, प्राघात, प्रहार । २ झटका । जुदासिध-पु० [सं० युद्धसिद्ध] बलदेव ।
जुरड़ौ-पु. कांटों की बाड़ के बीच बना रास्ता । २ देखो 'सेरी'। जुदौ-वि० [फा० जुदा] (स्त्री० जुदी) १ पृथक, अलग, भिन्न ।
| जुरठ-देखो 'जरठ'। २ अतिरिक्त, अलावा। ३ विरक्त, मुक्त, तटस्थ । जुद्ध-देखो 'जुध'।
जुरणी (बो)-क्रि० १ याद करना । २ याद में गेना, विरह जुद्धत-वि० युद्ध में प्रवृत्त।
करना । ३ देखो 'जुड़गी' (बो)। जुद्धस्थिर-देखो 'जुधिस्ठर' ।
जुरती-स्त्री० आवश्यकता, जरूरत । जद्धाइजुद्ध-पु० [सं० युद्धातियुद्ध] दारुण व भयंकर युद्ध । (जैन) जरम-पू० [अ० जुर्मः] १ अपराध, दोष, गलती । २ चोरी, जुध-पु० [सं० युद्ध] संग्राम, लड़ाई, युद्ध, समर । -जय-पु० डकैती प्रादि के कार्य । -पेसा-पु० चोर, डकैत, गुण्डा
हाथ । -बंध--पु० युद्ध के नियमों को जानने वाला योद्धा।
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