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जांजळो
जानुविजांनु
जांजळी-स्त्री० पावस ऋतु में वर्षा के प्रभाव का समय । जांगियार-वि० विज्ञ, जानकार । जांजा-देखो 'जादा'।
जाणी-देखो 'जांगिग'। जांश-स्त्री० [सं० जंझा] १ वर्षा के समय चलने वाली तेज | जाणीगर-देखो 'जाणंग' ।
हवा । झंझावात । २ शमी वृक्ष की फली। ३ झांझर। जाणीज-अव्य० मानो। जांझर-पु० स्त्रियों के पैरों की पायल, नूपुर, पैंजनी।
जाणीणो (बौ)-देखो 'जाणणी' (बौ)। जांझरको-पु० बड़ा सवेरा, तड़का, ब्राह्म मुहूर्त ।
जाणीती-वि० (स्त्री० जाणीती) १ प्रसिद्ध । २ जानकार । जांझरियाळ, जांझरीयाळ-स्त्री. १ 'जांझर' पहनने वाली। जाणीवांरण-वि०१ जानकार, ज्ञाता । २ परिचित । २ देवी, दुर्गा।
जांणु-वि० ज्ञाता । (जैन)-पु० घुटना । (जैन)-प्रव्य० मानो। जांभळी-देखो 'जांजळी' ।
जाणे (3)-प्रव्य. मानो। जांझी-वि० १ बहुत सी, अधिक । २ देखो 'जांझ' । | जाणेउ (तो)-वि०१ जानकर, वाकिफकार। २ देखो 'जाणीती'। जांट-पु० शमी वृक्ष ।
जांत-स्त्री० खाट, चारपाई। जांणंग, जांणंगी-वि० [सं० ज्ञायक] १ जानकार, विज्ञ । जांदा-स्त्री० १ इच्छा, अभिलाषा । २ मुश्किल । २ चतुर ।
जांन-स्त्री० [फा०] १प्राण, जीव । २ जीवन । ३ श्वास । जाण-स्त्री० [सं० ज्ञान, यान] १ ज्ञान, जानकारी। २ जान- ४ बल, सामर्थ्य । [सं० जन्य:] ५ वर यात्रा, बारात ।
पहिचान, परिचय। ३ जानने की क्रिया या भाव । ४ सवारी। -[सं० यान] ६ सवारी, वाहन । ५ यमुना नदी । -वि० [सं० ज्ञानी] जानने वाला, | जांनउत्र-स्त्री० [सं० जन्य:-यात्रा] बारात । विज्ञ । -अव्य० मानो, मानलौ ।
जानकी-स्त्री० [सं० जानकी] जनक की पुत्री, सीता । -जीवन जाणई-देखो 'जानकी'।
-पु० श्रीराम । -माथ-पु० श्रीराम । -मंगळ-पु० सीता जारणक-वि० जानने वाला, विज्ञ । -अव्य० मानो, जानो, जैसे। के विवाह सम्बन्धी काव्य । -रमण, वरण-पु. श्री जाणकार-वि० १ जानकार, विज्ञ । २ चतुर। ३ अनुभवी । रामचन्द्र । ४ जान-पहचान वाला।
जानकीस-पु. [सं० जानकी-ईश] श्रीरामचन्द्र । जारणकारी-स्त्री. १ जानने का गुण, विज्ञता । २ ज्ञान । जांनड़, जानड़ली, जांनड़ी-देखो 'जान' । ३ परिचय । ४ अभिज्ञता । ५ निपुणता ।
जांनणी-स्त्री० बारात में जाने वाली युवती, स्त्री। जाणग (गर)-देखो 'जाणंग' ।
जानदार-वि० [फा०] १ जिसमें जान, प्राण या जीव हो । जाणण, जाणणा-स्त्री० १ जानने की क्रिया या भाव । २ ज्ञान । सजीव । २ बलवान, शक्तिशाली,। ३ दृढ़, मजबूत । जाणणौ (बो)-क्रि० [सं० ज्ञानम्] १ जानकारी करना, जानपदी-स्त्री० एक अप्सरा विशेष ।
जानना । २ परिचय करना, परिचित होना। ३ ज्ञान प्राप्त जांनपात्र-पु० [सं० यान-पात्र] नाव, नौका । करना, अनुभव करना। ४ समझना। ५ सूचना पाना। जांनमाज-स्त्री० [फा० जानमाज] नमाज पढ़ने का प्रासन ।
६ सहायता करना, मदद करना। ७ पोषण करना । जांनराय-पु० राठौड़ों के कुल देव, विष्णु। जाणपणु (पणु, पणो)-पु० [सं० ज्ञान+त्वन् ] ज्ञान, जानकारी। जानवर-पू० [फा०] १ प्राणी, जीव । २ पशु । ३ चौपाया पशु । जाणपिछारण-स्त्री० जान-पहचान, परिचय ।।
४ हेवान । -वि० मूर्ख, बेवकूफ।। जांरणय-वि० [सं० ज्ञायक] जानकार, बुद्धिमान । (जैन)
जांनसीन-पु० [फा० जानशीन] उत्तराधिकारी । जाण्या-स्त्री० [सं० ज्ञान] ज्ञान, समझ । (जैन) जाणरह-पु० [सं० ज्ञानरथ] एक प्रकार का रथ ।
जांनि, जांनिड़ो, जानियौ जांनी, जांनीड़ो-पु० [सं० जन्य] जाणवरणो (बो)-देखो 'जांरगणो' (बौ)।
बाराती, वर पक्ष का व्यक्ति। -वि० प्रारण संबंधी। जाणवय-वि० [सं० जानपद] देश का, देशी । (जैन) | जानीवासउ, जांनीवासौ-पु० [सं० जन्य-न-पावासक] बारात का जांणसाला-स्त्री० [सं० यानशाला] वाहन कक्ष । (जैन)
डेरा, जान का प्रवास । जाणारणी (बी), जारणावरणो (बौ)-क्रि० १ जानकारी कराना, जानु-पु० [सं० जानु] १ जांध व पिंडली के मध्य का भाग।
जानवाना । २ परिचय कराना, परिचित कराना । ३ ज्ञान २ जांघ । ३ देखो 'जान्हो' । -सर्व० उनको ।
कराना, अनुभव कराना। ४ समझाना। ५ सूचना देना। -ग्रव्य० मानो। जांरिण-अव्य० मानो । -सर्व जिस । देखो 'जांग' ।
जांनुकोकंत-पु० श्रीरामचन्द्र । जाणिक-देखो 'जांगाक' ।
जांनुविजांनु-पु० तलवार का एक हाथ ।
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