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जाधिर
जाळिधर- पु० जालौर का एक नाम । जालिम - वि० [अ०] १ गुण्डा, बदमाश ३ श्राततायी, जुल्मी । ४ झूठा । ६ वीर, योद्धा ।
जाळिया पु० जाल वृक्ष के फल, पीलू ।
जाळियौ- वि० ० जालसाज, धोखेबाज |
जालि पु० [सं० जालिक] गले का एक आभूषण विशेष
जाळियल स्त्री० अग्नि, आग |
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। २ क्रूर, निर्दयी । ५ जबरदस्त जोरदार ।
( ४६६ )
जाळी स्त्री० [सं०] जालिका] १ डोरों या तारों की बनी कोई चादरनुमा वस्तु २ एक प्रकार का कमीदा ३ छिद्रित
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वस्त्र ४ भरोसा गवाक्ष जालीनुमा कवच ६ उंट के मुंह पर बांधने का उपकरण । ७ लट्ट चलाने की डोरी । ८ चासनी या छौंक के मसालों की परिपक्वावस्था । - वि० १ कपटी, जालसाज, घुर्त । २ नकली, झूठा, फर्जी । जाळीका स्त्री० १ एक प्रकार का कवच । २ जाली ।
जाळीदार जाळीबंद (बंध) - वि० जिसमें जाली लगी हो। -पु० डिंगल में एक प्रकार का चित्रकाव्य ।
जाळीळ-देखो 'जाळिवळ' |
जाळोट पु० फोग वृक्ष का एक रोग विशेष
जाळोदुसालौ - पु० एक लोग गीत ।
२ प्रांख की ४ अंधेरा ।
जाळोवळि (ळी) - स्त्री० अग्नि, श्राग । जाळौ - पु० [सं० जाल ] १ मकड़ी का जाल । पुतली पर पड़ने वाली भिल्ली । ३ जाल । ५ किसी पात्र में जमाया हुआ कंडों का ढेर । जावंत - वि० [सं० यावत ] जितने । (जैन) जाव - पु० १ कुए के पास की कृषि भूमि । २ मेंहदी । ३ देखो जाब' । - क्रि० वि० [सं० यावत्] जब तक । (जैन) जावक - पु० [सं० यावक ] महावर । जावजीव, जावज्जीव-अव्य० [सं० यावज्जीव] जीवन पर्यन्त जावरा - पु० [सं० यापन ] १ निर्वाह । (जैन) २ दूध को जमाने के लिए डाली जाने वाली छाछ या खटाई । जावली (बी० [सं० यानम् ] १ एक स्थान से चलकर कहीं दूसरे स्थान पर जान। । २प्रस्थान करना, खाना होना । ३ यात्रा करना । ४ चलना फिरना । ५ अलग । । होना, दूर होगा ६ स्थान छोड़ कर कहीं प्रत्यत्र होना
७ अधिकार या काबू से बाहर होना । ८ चोरी होना । ९ गुम होना, गायब होना १० व्यतीत होना, गुजर जाना । बीतना । ११ नष्ट होना बिगड़ना। अवसान होना । १३ बहना, जारी होना । होना । १५ मिटना, शान्त होना । १७ किसी बात या प्रसंग को छोड़ देना । जावत अव्य० जब तक, यावत् ।
१२ मरना, १४] कर्म अकर्मण्य १६ भागना ।
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जावतीच वि० [सं० यावत्] जितना (जैन)
जावती, जावत्री स्त्री० [सं० जातिपत्री ] जायफल का सुगंधित छिलका।
जावनी स्त्री० यवन भाषा ।
जावयवि० [सं० यापक] १ व्यतीत करने वाला (जैन) ।
[सं० जापक] २ राग-द्वेष को जीतने वाला (जैन) । - पु० [सं० यावक ] लाख का रंग (जैन) ।
जायरी (1) वि० १ जीर्ण-शीर्ण पुराना २ वृद्ध (जैन) । जावालि स्त्री० [प्रग्नि ।
जावेल पु० [सं० जास्यतेलम् ] चमेली का तेल । जावो-पु० पशुषों की मंदाग्नि मिंटाने की औषधि । | जास क्रि०वि० जिससे जैसे सर्व० जिस जिन पु० [सं०] जाए] १ एक प्रकार का पिसाब (जैन) २ समूह ३ देखो 'ज्यास' |
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जियु
जासती - वि० अधिक, प्रति । स्त्री० अत्याचार ज्यादती ।
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जासु ( सू सू ) - सर्व० जिस, जिन । जासूल - स्त्री० चमेली ।
जासूस पु० [अ०] गुप्तचर, भेदिया।
जासूसी - स्त्री० [अ०] जासूस का कार्य, गुप्तचरी ।
जाह - स्त्री० [सं० ज्या] धनुष की डोरी, प्रत्यंचा । - सर्व० जिस । - वि० संकोची, शर्मीला ।
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जाहर देखो 'जाहिर' ।
जाहरां क्रि०वि० १ जब तब । २ देखो 'जाहिरा' । जाहरात १ देखो 'जाहिरा' २ देखो 'जवाहरात' । जाहरी स्त्री० प्रसिद्धि, प्रतिष्ठा । जाहरु (रू) - देखो 'जाहिर' ।
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जाहिर वि० [०] १ प्रकट विदित २ प्रसिद्ध मशहूर जाहिरां (रा) - क्रि०वि० प्रत्यक्ष में प्रकट में । जाहिल वि० [०] १ मूर्ख बेवकूफ
असभ्य । ३ नादान ।
जाही स्त्री० [सं०] जाति] घमेली, जूही जि- सर्व० जिस ।
जिद पु० [अ०] जिन] प्रेत भूत [फा०] जिन्द] २ जीव, १ । प्रारण । ३ शरीर । जिदगांरगी (गांनी), जिंदगी स्त्री० [फा०] जिदानी, जिंदगी ] - १ जीवन । २ जीवन काल, आयु ।
जिदड़ी स्त्री० १ पूहड़ व अनाड़ी स्वी
३ प्र ेतनी । जिवारोमात १० दामाद को परोसा जाने वाला चावल
भात ।
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२ पानी, घनाड़ी,
२ काया, शरीर ।
जिजीवि० [फा०] जिन्दः] १ जीवित, जीता-जागता । २ जी उठने वाला । - पु० १ मुल्ला । २ देखो 'जिद' ।