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जसकळस
( ४५९ )
जहरी
यशवाद, धन्यवाद । -वास, व्वास-पु० यश । एक छंद | जसोधर-पु० [सं० यशोधर] श्रीकृष्ण का एक पुत्र । विशेष ।
जसोधरा-स्त्री० [सं० यशोधरा] १ गौतम बुद्ध की पत्नी । जसकळस-पु० [सं० यशकलश] वह घोड़ा जिसके तीन पांव २ पक्ष की चौथी रात्रि । ३ दक्षिण रुचक पर्वत की एक श्वेत हों।
दिशा कुमारी । जसघोस-पु० [सं० यशघोष] एक जैन तीर्थंकर ।
| जसोनाम-पु० [सं० यशोनामन] नाम कर्म की एक प्रकृति जिसके जसड़ी-वि० (स्त्री० जसड़ी) १ जैसा, वैसा । २ देखो 'जस' । उदय से यश की प्राप्ति होती है। जसजोड़ो- वि०१ यशस्वी । २ उदार । -पु० कवि । जसोमत (मति, मती)-देखो 'जसोदा'। जसत-पु० [सं०यषद] एक धातु, जस्ता ।
जसोमाधव-पु० [सं० यशोमाधव] विष्णु । जसतलक (तिलक)-पु० वह घोड़ा जिसके चारों पांव श्वेत हों। जसोया-देखो 'जसोदा', जसतारण-पु. एक प्रकार का घोड़ा।
जसोल-वि. जोश दिलाने वाला, उत्साहित करने वाला। जसथांनी-स्त्री० मुसलमानों की एक जाति ।
जसौ-वि० जैसा। जसपूल-पु० [सं० यश-स्थूल] यशस्वी ।
जस्त, जस्तो-पु० [सं० यषद] एक धातु विशेष । जसद-देखो 'जमत'।
जस्यौ-देखो 'जैसौ'। जसब-पु० [अ० यशब] एक प्रकार का हरे रंग का पत्थर । जस्सुदा-देखो 'जसोदा' । जसभद्द-पु० [सं० यशोभद्र] १ शय्यम्भव सूरि के एक शिष्य का जहंगम-पु० [सं० जिह्मग] तीर, बाण, सर्प सांप ।
नाम । २ एक प्राचार्य । ३ एक कुल का नाम । ४ एक जहं. जह-अव्य० [सं० यथा] १ जिस जगह, जहां । २ जिस गणधर ।
प्रकार, जैसे। जसमंगळ-पु. एक घोड़ा विशेष ।
जहक्कम-क्रि० वि० [सं० यथाक्रम] क्रमानुसार, तरतीबजसमंत-वि० यशस्वी । -पु. एक कुलकर । (जैन)
वार । (जैन) जसर-देखो 'जूसर'।
जहक्खाय-पु० [सं० यथाख्यात] १ यथाख्यात नाम का पांचवां जसरुघवंसी-पु० [सं०यश रघुवंशी] लक्ष्मण का एक नाम । चरित्र । २ निर्दोष चरित्र । (जैन) जसवई (वती)-स्त्री० [सं० यशोमति] १ सगर चक्रवर्ती की | जहड़ो-वि० (स्त्री० जहड़ी) जैसा।
माता का नाम । २ महावीर स्वामी की दोहित्री। ३ तृतीया जहट्ठिय-क्रि० वि० [सं० यथास्थित] यथास्थित । (जैन) अष्टमी व त्रयोदशी की रात्रि । (जैन)
जहतह-क्रि० वि० जैसे-तैसे । (जैन) जसवाउ-पु० [सं० यशवाद] यशवाद ।
जहत्थ-वि० [सं० यथार्थ] यथार्थ (जैन)। जसस्सि-वि० यशस्वी।
जहत्स्वारथा-स्त्री० [सं० जहत्स्वार्था] लक्षणा का एक भेद । जसहर-पु० [सं० यशोधर] १ सोलहवां तीर्थंकर । २ प्रत्येक पक्ष |
का पांचवां दिन । (जैन) ३ दक्षिण रुचक पर्वत की चौथी जहब-स्त्री० [अ०] प्रयत्न, उद्योग । दिशा कुमारी। ४ प्रत्येक पक्ष की चौथी रात्रि का नाम || जहन, जहनि-पु० [अ० जिहन] १ मस्तिष्क । २ स्मरण शक्ति ।
५ जम्बू सुदर्शना नामक वृक्ष । (जैन) -वि० यशस्वी । ३ बुद्धि, दिमाग । ४ देखो 'जहांन' । जसा-वि० जैसा । -स्त्री० [सं०यशा] १ कपिल की माता । जहन-पु० [सं० जह नु] १ विष्णु । २ गंगा को पी जाने वाला २ भृगु पुरोहित की स्त्री । (जैन)
ऋषि । -तनया-स्त्री० गंगा नदी, जाह्नवी। जसामां-स्त्री० एक मांगलिक लोक गीत ।
जहन्न-देखो 'जहन' । जसाई-पु० यश का नगाड़ा, यशवाद्य ।
जहन्नुम-पु० [अ०] नरक, दोखज । जसियो-वि० जैसा।
जहर-पु० [फा० जह] १ विष, हलाहल । २ आठवीं बार उलट जसी-वि० जैसी, यशस्वी ।
कर निकाला हुआ शराब। -जर-पु० शिव, महादेव । जसीलो-वि० यश प्रिय, यशलोलुप ।।
धर, धार-पु० सर्प, नाग । शेष नाग । जहरीले जीव । जसु-सर्व०१ जिसकी। २ देखो 'जस'।
-वाद-पु. एक प्रकार का रक्त विकार, जहर भाव । जस-क्रि० वि० जैसे । -वि० जैसा।
-वायु-स्त्री० घोड़ों का एक रोग । जसोदा-स्त्री० [सं० यशोदा] गोकुल के नंद गोप की स्त्री, जहराळ-पु० शेषनाग । __ श्रीकृष्ण की एक माता । —नंद, नंदन-पु० श्रीकृष्ण । | जहरी (लो)-वि० (स्त्री० जहरीली) विषयुक्त, जहरीला, जसोधरण (धन)-वि० [सं०यशोधन] यशस्वी । -पु० एक राजा । विषाक्त ।
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