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जर3
( ४५३ )
जरारहित
जरड़-स्त्री. १ वस्त्र के फटने या चिरने से उत्पन्न ध्वनि । | जरदाळ-देखो 'जरदाळ' ।
२ सहसा चीरने या फाड़ने की क्रिया या भाव । | जरब-स्त्री० [अ० जबं] १ चोट, ग्राघात । २ जंगल, वन । जरडो-वि० १ अशिक्षित । २ स्वतंत्र रहा हुअा। -पु० छेद, ३ तबले, मृदग प्रादि पर लगाई जाने वाली थाप । सुराख ।
४ जूता। जरजर-वि० [सं० जर्जर] १ जीर्ण-शीर्ण । २ पुराना । जरबफत (बफ्त)-पु० [फा० जरबफ्त] १ एक प्रकार का रेशमी ३ टूटा-फूटा, खंडित । ४ वृद्ध ।
वस्त्र । २ तारी का काम किया हुआ वस्त्र । जरजराना-स्त्री० स्वामि कात्तिकेय की एक अनुचरी । | जरबाप (बाफ)-पु० [फा० जरबाफ] १ वस्त्रों पर सलमें जरजरित-वि० [सं० जर्जरित] १ पुराना, जीर्ण-शीर्ण ।। प्रादि का कार्य करने वाला कारीगर । २ ऐसा काम किया
२ टूटा-फूटा । ३ बूढ़ा । ४ निर्बल । ५ घिसा हुआ। हुमा वस्त्र।
६ खण्ड-खण्ड व बिखरा हुआ । ७ निकम्मा किया हुआ। जरबाफी-वि० जिस पर जरबफ्त किया हुअा हो । जरजरी-स्त्री० १ एक प्रकार का प्राभूषण । २ एक प्रकार का जरमी-देखो 'जमीन' । जलपात्र।
जरय-पु० [सं० जरक मेरु के दक्षिण का एक नरक । (जैन) जरजीत-पु० [सं० जराजित] कामदेव ।
-मज्झ-पु० उत्तर दिशा का एक नरक । (जैन) जरठ, जरद-वि० [सं० जरठ] १ जीर्ण-शीर्ण, पुराना । २ वृद्ध, | जरयावत्त-पु० [सं० जरकावर्त) पश्चिम दिशा का एक बड़ा बूढ़ा । ३ कर्कश । ४ कठिन ।
नगर । (जैन) जरण-स्त्री० [सं० जरा] १ वृद्धावस्था, जरा । २ दश प्रकार | जररार-वि० [अ० जर्रार] बहादुर, वीर ।
के ग्रहणों में से एक। ३ चन्द्रमा । ४ सहिष्णुता । जररारी-स्त्री० बहादुरी, वीरता ।
-वि० १ हजम करने वाला, पचाने वाला । २ वद्ध । जरराही-स्त्री० [अ० जर्राही] शल्य चिकित्सा । जरणा-स्त्री. १ सहन शक्ति । २ क्षमा । ३ वृद्धावस्या । जररौ-पु० [अ० जर्राह, जर्रा] १ शल्य चिकित्सक । जरणी-स्त्री० १ वृद्धा । २ देवी, दुर्गा । ३ माता।
२ करण, दाना। जरणौ (बी)-क्रि० १ हजम होना, पचना । २ सहन होना। जरस-देखो 'जरख' ।
३ जलना, भस्म होना। ४ लोहे के जंग लगना । जरसी-स्त्री० पूरी आस्तीन का स्वेटर । ५ परिपक्व होना । ६ संहार करना ।।
जरहजीण-पु० एक प्रकार का कवच । जरत-वि० [सं० जरत्] १ प्राचीन, पुराना । २ वृद्ध । जरहर-पु० [सं० जलधर] १ बादल । २ वर्षा । जरतार (ताव)-वि० सलमे सितारे का काम किया हुआ। जरां-क्रि० वि० जब । जरद-पु०१ कवच २ पीला रंग । -वि० पीला । -व- जरा-स्त्री० [सं०] १ वृद्धावस्था, बुढ़ापा । २ निर्बलता
स्त्री० एक नक्षत्र वीथि विशेष । —पोस, बंध-पु. कवच कमजोरी। ३ पाचन शक्ति । ४ गहरी नींद । ५ एक धारी योद्धा।
राक्षसी । ६ देखो 'जरायुज । -वि० कम, थोड़ा, किंचित । जरदाउळि (बाळ दाळि, वाळू, दाळी)-पु. १ कवच । २ कवच- जराउन,(उज,उय, उया)-देखो 'जरायुज'।
धारी योद्धा । ३ खुरबानी मेवा । -वि० तंबाखू का व्यसनी। | जराक-वि० जरासा, तनिक । -पु० चोट प्रहार । जरदी-स्त्री० १ पीलापन । २ अंडे के भीतर का पीला भाग। जराको-पु० १ भय, आतंक । २ चोट, प्रहार । ३ धक्का, झटका जरदुस्त-पु० [फा०] फारसी धर्म का प्रतिष्ठ ता ।
४ मार। जरदैत-पु० [फा०] कवचधारी योद्धा।
जराग्नस्त-वि० [सं०] वृद्ध, बुढ़ा । जरदोज-पू० [फा०] कपड़ों पर कलाबूती का कार्य करने वाला जराजर-क्रि० वि० शीघ्रता से, लगातार। -स्त्री० प्रहार कारीगर।
की ध्वनि । जरदोजी-स्त्री० कपड़ों पर की जाने वाली दश्तकारी।
जरादूत-पु० श्वेत बाल । जरवी-पु० [फा० जर दा] १ चावल व मांस के योग से बना जरापाखर-वि० १ मजबूत, दृढ़ । २ सन्नद्ध कटिबद्ध ।
एक व्यंजन । २ तम्बाख के सूखे पत्ते जो पान बाड़ी में | जरामीर (भीक)-पु० [सं० जराभीक] कामदेव । डाले जाते हैं । ३ खाने की सुगंधित सुरती । ४ कवच । जरायु-पु० [सं०] १ गर्भस्थ शिशु पर रहने वाली झिल्ली। ५पीले रंग का घोड़ा।
२ केचुली। ३ गर्भाशय । ४ योनि, भग । ५ जटायु । जरदोत-देखो 'जरदैत'।
---ज-पु० गर्भ से उत्पन्न होने वाला, पिंडज । जरद- देखो 'जरद' ।
| जरारहित-पु० देवता । -वि० जो बूढ़ा न हो।
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