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चोरी
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बोरी-देवो'री' । चौवटौ - देखो 'चोवटो' । बो-पु० १ मनुष्य २
। २ बैल। ३ प्रश्व, घोड़ा । ४ महावत । ५ रस । ६ गौ, गाय - वि० चार चोईस वि० बीस व चार
।
चौबीस ।
( ४१६ )
- पु० पोवीस की
संख्या, २० ।
बोईसौ पु० २४ की संख्या का वर्ष या संवत । चौथौ १ देखो 'चोभौ' । २ देखो 'चोबी' । चौक- पु० [सं० चतुष्क] १ मुहल्ले या मकान के बीच की खुली जगह । २ चौराहा । ३ खुला मैदान । ४. चार कोने का खुला चबूतरा । ५ पीठ । ६ काष्ठ या धातु की चौकी । ७ भूल-चूक । ८ मांगलिक अवसरों पर घाटे, अबीर आदि से बनाया हुआ क्षेत्र । ६ एक देशी खेल । चौकड़ा-पु० [० मर्दों के कान के आभूषण । चौकड़ालगाम-स्त्री० एक प्रकार की लगाम चौकड़ी-स्त्री० ० १ चार व्यक्तियों की मंडली । २ चार का समूह ।
३ चार युग । ४ चारों ओर से होने वाला तलवारों का प्रहार । ५ चारों पैरों से एक साथ भरी जाने वाली छलांग ६ चार कोने का खड्डा ७ वारा के पिछले
।
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पगड़ी बांधने की एक १० चार व्यक्तियों द्वारा
- शिरे पर लगने वाला उपकरण । विधि । ६ चार घोड़ो की बग्घी । खेला जाने वाला ताश का एक खेल । चौकड़ी पु० १ घोड़े के मुंह पर लगाई जाने वाली लगाम । २ एक प्रकार का आभूषण । ३ एक विषैला विशेष | जन्तु चौकरणों (बौ) - क्रि० १ भूमि की जुताई करना । २ बुवाई के लिये खेत में अनाज के दाने विवेरना, छितराना ३ चारों ओर से आवेष्टित करना, घेरना । ४ चकित होना । चौकतोख स्त्री० मान प्रतिष्ठा ।
चौकनी-देखो 'चोसांगी' ।
पौनी वि० [स्त्री० चौकन्नी) १ सतर्क, सावधान सन्नद
o
तत्पर, तैयार । २ चार कान वाला ।
चौकळ पु० [सं० चतुष्कल ] चार मात्राओं का समूह । वि. चार कलाश्री वाला ।
,
खोकळियो, चौकळी- वि० १ चार कलाओं वाला । २ चार-चार मात्रा के समूह वाला छन्द । ३ देखो 'चौखळो' | चौकस सचेत सतर्क, सावधान २ ठीक सही ३ पक्का निश्चित । ४ स्पष्ट । - पु० १ ढूंढने का प्रयास, खोज । २ शोध । ३ जांच पड़ताल । क्रि० वि० १ प्रत्यक्ष, सामने । २ निश्चय ही अवश्य । मोसाई पोसी-स्त्री० [सावधानी
ज
तलाश। ३ छान-बीन । ४ चौकीदारी ५ सुरक्षा | चौका स्त्री० तलवार की मुठ का एक भाग ।
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चोटो
चौकारणी (बौ), चौकावणी (बौ) - क्रि० १ भूमि की जुताई करवाना। २ बोवाई के लिये खेत में अनाज छितरवाना, छटवाना ३ देखी 'चौका' (बी)।
चौकी - स्त्री० [सं० चतुष्की ] १ चार पाये या चार कोनों का
आसन । २ मंदिर के ऊपर का चौकोर घेरा । ३ सिपाहियों का एक दल जो स्थान-स्थान पर चौकसी के लिये तैनात रहता है । इस दल का कार्य स्थान । ४ निगरानी, पहरा । ५ पड़ाव ठहराव । ६ चार कोनों की तावीज, गंडा | ७ चार कोने का आभूषण गले का एक आभूषण । ६ सेना की टुकड़ी । १० चकला । ११ राजा या जागीरदार को आमंत्रित कर भेंट की जाने वाली धन राशि । १२ छोटा चबूतरा १३ बेत की चौकीदारी के बदले दिया जाने वाला लगान | १४ चार पत्तियों वाला ताश का पत्ता । खांनी पु० पहरा देने का स्थान बार० पहरेदार, रखवाला । - दारी - स्त्री० पहरे का कार्य, निगरानी । चौकीदार का पद । चौकीदार का वेतन या पारिश्रमिक | - वट- पु० काष्ठ की चौकी, ग्रासन, पाट । चौकूट- देखो 'चोखूंट' । चोकूटी देखो 'चौकट'
चौकूली वि० १ चार कोने का। २ समचौरस ।
चौकोर - वि० चार कोनों का, चारों ओर से बराबर । स्त्री० क्षत्रियों की एक शाखा ।
चौकौ - पु० [सं० चतुष्क] १ चार कोने का कोई खण्ड । २ चार
का अंक | ३ गोबर लीप कर शुद्ध किया स्थान । ४ ब्राह्मणों का रसोईघर या रसोई के लिये निश्चित स्थान । ५ एक ही प्रकार की चार वस्तुनों का समूह । ६ चार पत्तियों का ताश का पत्ता । ७ दंत-क्षत का निशान । ८ सामने का दंत समूह । ६ चार की संख्या का वर्ष ।
चौखंड - पु० १ चार खण्ड । २ चौथी मंजिल
वाला ।
चौखंडी-स्त्री० चौथी मंजिल । पौड़ी-देखो 'चौकड़ी' |
चौखट-स्त्री० १ चार मोटी लकड़ियों का ढांचा जिसमें कपाट के पहले घटकाये जाते हैं। २ देहली ३ ताश के पत्तों की बोकोर खूंटी
चोटियाँ (१) १०१ तस्वीर धादि की कम २ प्राकृति
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३ चार भाग
शक्ल ।
चौखरणौ - वि० चार कोष्ठक या खण्डों वाला ।
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चोळी ० १ किसी गांव या प्रदेश के चारों ओर का क्षेत्र या प्रदेश २ चारों ओर का समुदाय ।
चौखट पु० [सं० चतुष्कोटि] १ चारों दिशा । २ चारों कोने । बोटी दि० पार कोने का