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छज
(
४२२ )
छितलोट
छज-पु० १ बुद्धि, अक्ल । २ व्यवहार, पटुता। ३ छाजन की छणंक-स्त्री० १ तपे हुए पत्थर या धातु पर पानी लगने से उत्पन्न
मामग्री । ४ छत । ५ छाजन । -वि० मर्यादा रखने वाला। ध्वनि । २ सन-सन ध्वनि । ३ छन्छनाहट । छजरणो (बौ)-क्रि० १ छाया जाना । आच्छादित होना। छरण-देखो 'क्षण' । २ शोभित होना । ३ जंचना. फबना।
छणकरणौ (बौ), छपक्करणौ (बो)-क्रि० १ चमकना, दमकना । छजेड़ी-स्त्री० कच्चे मकान की छाजन ।
२ छन-छन शब्द करना। ३ झनझनाना। छज्जळ-देखो 'छाजड़ो' ।
छणक-मरणक-स्त्री०१ पायल की झन्कार । २ तलवार की छज्जीवरिण-(नी) स्त्री० जीवों की छ: योनियां । (जैन)
झन्कार । ३ छन्छनाहट । छनौ-देखो 'छाजी'।
छरणकार-स्त्री० झनकार । छटक-पू० रुद्रताल के ग्यारह भेदों में से एक । -क्रि०वि० शीघ्र, | छपछणाणो (बो)-क्रि० झन्झनाना, छन्छनाना । तुरंत, फुर्ती से ।
छणणंकरणौ (बौ)-देखो 'छणकणी' (बी)। छट करणी-वि० उड़ने वाला, उछलने वाला, चटकने वाला। छणणो (बो)-क्रि० १ छनना, छनकर निकलना । २ छाना छटकरणो (बो)-देखो 'छिटकणो' (बी)।
जाना । ३ स्वच्छ होना, साफ होना। ४ प्रावरण भेद कर छटकारणौ (बी), छटकावणी (बौ)-देखो 'छिटकागो' (बौ)। निकलना (धूप)। ५ चूना, टपकना । ६ चोट खाना, विध छटपट-क्रि० वि० शीघ्र, झटपट, तुरंत । -स्त्री० बेचैनी, जाना । ७ छान-बीन होना । ८ गाढ़ा प्रेम होना। घबराहट, तड़फ।
छगवा-स्त्री० [सं० क्षणदा] रात्रि, गत । छटपटारणी (बी)-क्रि० १ छटपटाना. तडफना । २ बेचैन होना,
छरगमण छणहण-पु. १ छनछनाहट । २ खनखनाहट । ३ ध्वनि। घबराना । ३ व्याकुल होना, अधीर होना।
छणाई-स्त्री० १ छानने का कार्य । २ छानने का पारिश्रमिक । छटपटी-स्त्री० घबराहट, बेचैनी।
३ पैर के तलुवे में होने वाला फोड़ा । ४ एक प्रकार का छटांक-स्त्री० सेर का सोलहवां भाग, एक नौल ।
जीव। छटांन-स्त्री० छटा. कांति, दीप्ति ।
छरणाको-पु० खन्माटा, झन्नाटा । छटा-स्त्री० [सं०] १ किरण-समूह, प्रकाश, चांदनी । २ प्राभा, छणारी-स्त्री०१ चूल्हे के पास उपले रखने का स्थान । २ देखो
कान्ति, दीप्ति । ३ बिजली। ४ समूह, समुदाय । ५ प्रभाव, रोब । ६ शोभा । ७ सूअर के बाल । ८ अविच्छिन्न पंक्ति। छणारौ-पु० १ गुदा द्वार। २ उपलों का व्यवस्थित ढेर । -टोप-पु० २३वां क्षेत्रपाल । -यत-वि० कांतिवान ।।
छरिणयारो-पु०१ कोसी के बर्तनों का व्यापारी। २ एक लोक छटाधर-पु० योद्धा।
गीत । ३ देखो 'छणारी'। छटाधाब-पु० शेर, सिंह।
छरगेरी-१ देखो 'छणारी'। २ देखो 'छगाई'। छट्ट,छट्ठ-स्त्री० [सं० षष्ठी] मारा के प्रत्येक पक्ष की छठी तिथि।
छत-स्त्री० [सं० छत्र] १ किसी मकान या कक्ष का ऊपरी -मत्त-पु० लगातार दो दिनों का उपवास । (जैन)
प्रांगन । २ ऊपरी प्रांगन में जमाया जाने वाला चूना, छट्टउ-देखो 'छट्ठौ' (स्त्री० छट्ठी) ।
कंकरीट मादि का मसाला। ३ भूमि, पृथ्वी । ४ स्थान, छट्ठी -स्त्री० [सं० षष्ठी] १ जन्म दिन से छठा दिन या रात ।
जगह । ५ छटा, शोभा । ६ छत्र । ७ घाव, व्रण, फोड़ा। २एक देवी। ३ मौत, मृत्यु । -वि० छ: के स्थान बाली,
८ खतरा, जोखिम । ६ प्रभुता, प्रधानता। छठी। छठी-वि० [सं० पाठ] (स्त्री० छट्ठी) छ: के स्थान वाला,
छतड़ी-देखो 'छतरी'।
छतड़ो-पु० छाता। छठा । -पु० छः की संख्या का वर्ष । छठ- देखो 'छट्ठ' ।
छतज-पु० [सं० क्षतज] रुधिर, खून । -वि० लाल । छठारीहरण-पु. छः दांत वाला युवा ऊंट ।
छतप--पु० [सं० छत्रपति] राजा, नरेश । छठोड़ो, छठौ, छछोड़ो, छठौ-देखो 'छट्ठौ ।
छतर-देखो 'छत्र'। --छियां, छीयां='छत्रछांह' । --धर, छ। (छडो)-देखो 'छट्ठी' (स्त्री० छडी)
धारण, धारी='छत्रधारी'। - पत='छत्रपति'। छडक-पु० छिड़काव ।
छतरी-स्त्री० १ छाता । २ शव दाह के स्थान पर बनाया गया छडणी (बो)-क्रि० छिड़कना ।
छज्जेदार मण्डप, स्मारक । ३ वर्षा ऋतु में होने वाला एक छारणी (बी)-क्रि० १ छोड़ना, त्यागना ।
उद्भिज । ४ क्षत्रिय। २ देखो 'छाडगौ' (बौ)।
| छतलोट-स्त्री० एक प्रकार की कसरत ।
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