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arenatal
arenatai - पु० चार मुंह का दीपक ।
चोमुखो-देखो 'चोखो' । घोय-स्त्री० १ वचा चमडी २ छाल (जैन)
चोरग- पु० एक सुगंधित वनस्पति । (जैन)
चोरड़ो, चोरटो-देखो 'चोर' ।
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चोय - पु० एक प्रकार का फल | चोयरण- वि० प्रेरणा करने वाला । बोला- स्त्री० प्रेरणा (जैन) चोयाल - स्त्री० गढ़ के ऊपर का स्थान । (जैन) चोयाळा, चोयाळीसा वि० चमालीस ।
चोरग- देखो 'चौरंग' ।
चोर पु० [सं०] १ चुपके से किसी वस्तु का हरण कर लेने वाला. अपहरणकर्त्ता । उचक्का । २ ठग । ३ डाकू । ४ छिपा कर रखा ताश का पत्ता । ५ एक प्रकार का गंध द्रव्य । ६ एक प्रकार का सर्प । वि० १ जिसके वास्तविक बाह्य स्वरूप का पता न चले । २ काला, श्याम । - आळी - पु० गुप्त ताका । -कार, कारी, कळी, काळी-स्त्री० चोर का कार्य, चोरी । —खांनौ- पु० गुप्त खाना, कोष्ठक, दराज । - खिड़की - स्त्री० गुप्त द्वार । -गळी स्त्री० गुप्त व संकरा रास्ता । - गाय स्त्री० दूध दुहते समय दूध न उतारने वाली गाय | -जमी, जमीन-स्त्री० ऊपर से ठोस व अन्दर से पोली जमीन । ताळी- पु० गुप्त ताना दांत पु० पतिरिक्त दांत पहरो, 'रो-पु० -पहरी, पं' रौ- पु० गुम महरा, जासूसी ।
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( ४१५ )
छोरो (बी) - क्रि० १ कोई वस्तु चुपके से लेना, उठा लेना । २ अपहरण करना । ३ आकर्षित करना । ४ मोह लेना । चोरकूटी पु० चोरी-डकैती का कार्य
चोराबोरी - क्रि० वि० चुपके-चुपके, गुप्त रूप से ।
चोरावर (बौ) - देखो 'चुराणी' (बौ) । चोरिव स्त्री० १ बोरी २ मारपीट ३ डकैती (जैन) । । । चोरियो पु० पुताई प्रादि के समय रह जाने वाला धध्या चोरी - स्त्री० १ चुपके से किसी वस्तु को हथियाने की क्रिया । २ अपहरण, हरण । ३ ठगी । ४ डकैती ।
चोळगोळ - पु० प्राग से तथा लाल गोला । चोळचंचोळ पु०
क्रोध से लाल नेत्र ।
चोळ (ल)- पु० [सं० चोल] १ दक्षिण भारत का एक जनपद । २ एक प्राचीन राजपूत वंश । ३ लाल रंग । ४ लाल रंग का वस्त्र | ५ चोला । ६ मजीठ । ७ कवन । श्रानंद, उमंग । ६ रति क्रिया । १० क्रीड़ा, विनोद । ११ रुचि, लगन । १२ कचुकी । - वि० लाल । चोळ-० रक्त
चोळचख पू० शेर ।
चोळखी (खौ) - वि० क्रोध से लाल नेत्रों वाला । चोळबोळ - वि० १ लाल रंगा हुआ, रक्ताभ । २ उन्मत्त, मस्त । चोळरंग- पु० लाल रंग, मजीठ रंग ।
घोळवट ( उ ) - पु० [सं० चोलपट्ट] लाल वस्त्र, टूल । चोळain (अन्न) - वि० रक्त वर्ण, गहरा लाल । चोळियो-देखो 'चोळो' ।
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(बी) मसलना
चोळी स्त्री० [सं० पोली) १ स्त्रियों के कुचों पर पहनने का वस्त्र, अंगिया । २ मजीठ । ३ श्रंगरखीनुमा एक स्त्रियों का वस्त्र विशेष । ४ पान रखने की डलिया -मारग - पु० वाममार्ग का एक भेद । चोळीय-पु० नौ नाथों में से एक । चोळ वौ-वि० लाल ।
चोळी-पु० १ साधु फकीरों का चोगा । २ ढीला-ढाला कुर्ता । ३ देह, शरीर, तन । ४ इल्लत, आफत | बोल्यो- पु० १ टोकरा । २ देखो 'चोळी' । चोखो-देखो 'चोखो' ।
चोवड़ौ - देखो 'चौवड़ी' ।
चोटियों, चोवटौ देखो 'चौवटो' । चोवाचंनरण- पु० चंदनादि संगुधित द्रव्य । arat - पु० एक प्रकार का सुगंधित पदार्थ । चोपी देखो 'बोसांगी' |
चौप
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चोस - स्त्री० कांमी ।
चोसरी (बौ) - देखो 'चूमरणो' (बी) ।
चोसर - देखो 'चौसर' ।
चोरी देखो 'चीमरों' ।
चोसांगी, चोसींगो - पु० [सं० चतुःश्रृंगी ] १ चार सींग वाला । २ एक प्रकार का कृषि उपकरण ।
चोहट (टी) देखो 'चौवटी' |
चोहवी देखो 'बौहवी'। चोहां वि० चारों ।
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चकरण (बौ) - क्रि० १ चमकना झिझकना । २ सावधान होना, जागृत होना । ३ गुस्सा करना । चकलो-देखो 'चुकलो' ।
चौकारणी (बो) क्रि० १ चमकाना, भिकवाना । २ सावधान करना, जागृत करना । ३ गुस्सा कराना । चौंगियो-देखो 'चोंगियो' । चौतरी देखी 'नवृत चौंतीस देखो 'चौतीम' ।
चौंप - स्त्री० १ कीर्ति, यश २ देखो 'चोग' ।