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चिरपोटियो
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( ४०१ )
रिपोटियो- पु० एक पौधा विशेष जिसके बीज प्रौषधि में काम चिलगोजा पु० एक प्रकार का मेवा, नेजा ।
चाते हैं। चिरवरी (बो० घाव में जलन होना। चिरभट - स्त्री० [सं० चर्मटी] ककड़ी । चिरम- देखो चिरमी' ।
चिरमठड़ी, चिरमठि, चिरमही, चिरमिटी, चिरमी - स्त्री० चिरमी, घुघची या गुंजाफल । - ठो'लो पु० - एक देशी खेल । विरमेह ( ही ) पु० [सं०] चिरमेहिन्] गधा, गर्दभ । चिमोटियो- पु० १ चिमटी से चलाया जाने वाला कंकड़ २ देखो चिटियो' ।
विराणी (बी)- कि० चीखना, विल्लाना। चिरवाई, चिराई - स्त्री० १ लकड़ी प्रादि चीरने का पारिश्रमिक | २ चीरने का कार्यं । चिरस्थाई (यी) - वि० [सं०] १ सदा के लिए दृढ़ । २ दीर्घ काल तक टिकाऊ । ३ दीर्घ काल तक चालु रहने वाला । चिराक, चिराग- पु० १ मसाल । २ दीपक । ३ जोत चिराकी, चिरागी- पु० १ मसालची २ दीपक जलाने वाला अनुचर । ३ मजार पर जोत जलाने वाला ।
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चिराली (बी), बिरालो (ब) कि० १ फड़वाना विदीर्ण कराना । २ सतह में दरार कराना । ३ शस्त्र या चाकू से चिरवाना । ४ लकड़ी आदि कटवाना, विभक्त कराना । चिरायत पु० जागीर के क्षेत्रों में कर निर्धारित करने वाला अधिकारी ।
चिरायती - पु० [सं० चिरतिक्त] पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाला एक पौधा जो औषधि में काम आता है ।
चिरायु (पू) - वि० [सं०] १ अधिक जीने वाला, दीर्घायु । २ बहुत वर्षों तक टिकने वाला, स्थाई ।
चिराळ - पु० उगा का एक भेद जिसमें प्रथम लघु फिर गुरु हो । चिरिताळी- देखो 'चिरताळी' ।
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बिरी स्त्री० चिड़िया
चिरंजी, चिरौंजी- पु० एक प्रकार का सूखा मेवा | चिक्कत०] । चिलक, चिलका स्त्री० चमक, द्युति, आभा, कांति । चिळकरणी (बो) - क्रि० १ चमकना, चमचमाना । २ द्युतिमान होना । ३ प्रकाशित होना । ४ सीमोल्लंघन करना, मर्यादा के बाहर होना । चिळकारणौ (at) चिळकावरणौ ( बौ) - क्रि० १ चमकाना,
चमचमाना २ द्युतिमान करना । ४ प्रकाशित करना । सीमोल्लंघन करना, मर्यादा के बाहर करना । चिलकारी पु० १ सूर्यास्त से कुछ पूर्व का समय । २ प्रकाश ।
३ चमक । ४ झलक ।
बिलड़ी पु० छोटा क्षुप विशेष
चिलरणौ (बी) - क्रि० १ चमकना । २ फटना । ३ चीरा जाना । चिलत (ती) ५० एक प्रकार का चिलबिला - वि० (स्त्री० चिळवळी) नटखट, उद्दण्ड ।
चिलम (डी) - पु० १ हुक्के का ऊपरी भाग जिसमें तम्बाखू भर कर ऊपर आग रखी जाती है । २ तम्बाखू पीने का उपकरण । - गरदा स्त्री० हुक्के की नलिका -चट, बीवि० चिलम का व्यसनी पोस पु० धातु की जाली या पात्र जो हुक्के पर ढका जाता है।
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चिलमरदो- पु० बैलगाड़ी के अग्र भाग में बंधी रहने वाली एक
रस्सी ।
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चिलमियो, (म्यो ) - पु० चिलम पर रखा जाने वाला अंगारा । चिलाइया स्त्री० किरात देश की स्त्री । (जैन) चिलाईपूत पु० एक जैन साधु विशेष
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चितालिया बिलाती स्वी० किरात देशोत्पन्न एक दासी (जैन) चिलाय पु० किरात देश
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चिलिचिल्ल, (च्चिल, (बिल, स्वीत) बिलि वि० पवित्र, (जैन) ।
चिहू बेवळां
चिलिमिणी, (मिलिया) - स्त्री० १ ढकने का वस्त्र । २ पर्दा । चिल्लग वि० [प्रकाश मान देदीप्यमान (जैन) - चिल्लड़-पु० १ शिकारी पशु विशेष । २ चीता । (जैन) जिल्ला (ब) क्रि० १ जोर से बोलना सीखना २ हल्ला
या शोर करना । ३ करुण क्रन्दन करना । ४ बकना । चिल्लाहट स्वी० १ जोर से बोलने की क्रिया या भाव। २ ची
पुकार । ३ हल्ला । ४ क्रन्दन ।
चिल्लित, चिल्लिय - वि० १ प्रदीप्त, चमकयुक्त । २ दे
चिही स्त्री० चील पक्षी ।
चिटी (डी) देखो 'चिमटी' |
'दिल्ली' |
चिल्लो- पु० [फा० चिल्ल] १ धनुष की प्रत्यंचा । २ चमच
माहट, प्रकाश ।
चिह देखो 'वह'।
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चिउ - क्रि० वि० चारों ओर । चिहन देखो 'चिन्ह' । चिहर-देखो 'चिहुर'
चिहुं वि० चार, चारों कि० वि० चारों धोर
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बंद, बंध 'चिहुरबंद' ।
क्रि० वि० चारों ओर । -aat
बिर, बिर० [सं० चिकुर] बाल, केश बंद, बंध-पु० बंधन, बंध |
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चिवे हि वि० बार चारों कि० वि० वारों पर frent - g० १ चमक, प्रकाश । २ आभा, कांति । ३ प्रतिबिंव चिह्न वेबळां क्रि० वि० चारों प्रोर ।