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पोषारपी
( ४०४ )
चीरो
चीयारणों (बौ)-देखो 'चीथारणों' (बौ)।
चोमड़ियो (डौ)-देखो 'चीभड़ो'। चीद, चीवड़-देखो 'चींधड़' ।
चीमटो-पु० १ प्रायः लोहे की पत्ती को मोड़कर बनाया हुआ चोध, चीधउ-देखो 'चींधड़'।
उपकरण जो अंगारे प्रादि को पकड़कर उठाने में काम चीनणी (बौ)-क्रि० १ मांस काट कर छोटा करना । पाता है । २ उन्मत्त हाथी को वश में करने का उपकरण ।
२ पहिचानना, समझना। ३ अंदाज करना । ४ चिह्नित | चीये (य)-स्त्री० एक देवी विशेष । करना।
चीर-पु० १ स्त्रियों के प्रोढ़ने का वस्त्र । २ वस्त्र, कपड़ा। चीनवड़ो-पु० एक विशेष रंग का घोड़ा।
३ पुराना वस्त्र, चिथड़ा। ४ गाय का स्तन । ५ गुग्गुल का चीनार-पु० एक प्रकार का घोड़ा।
पेड़ । ६ साड़ी। ७ वृक्ष की छाल । ८ चीर-फाड़ । चीनी-पु० १ चोन देश का निवासी । २ चीन की मिट्टी । चोरड़ (ड़ी,डो)-पु० पुराना वस्त्र, चिथड़ा, लत्ता।
--वि० १ चीन का, चीन संबंधी। २ चीन में बुना हुआ। चोरणी (गो)-स्त्री० १ चीरने की क्रिया या भाव । २ बढ़ई ३ देखो 'चीणी' । -----फरोस-पु० चीनी मिट्टी के खिलौनों | का एक प्रौजार । ३ पत्थर की खुदाई का एक प्रौजार । का व्यापारी।
३ लोहे की छेनी। चीह्नणी (बौ)-देखो 'चिनो' (बी)।
चीरणी (बौ)-क्रि० [सं० चीर्णम्] १ फाड़ना, विदीर्ण करना, चोप-पु० १ ऊंट के चमड़े का बना बड़ा पात्र । २ ढोल या डफ चीरना । २ सतह में दरार करना। ३ लकीर की तरह का
बजाते समय अतिरिक्त रूप में काम ली जाने वाली कोई घाव करना । ४ शस्त्र या चाक से चीर देना । ५ लकड़ी खपची । ३ चुनाई में खाली जगह भरने के लिये दिया जाने आदि को काटना, विभक्त करना। वाला पत्थर का छोटा टुकड़ा । ४ संधिस्थलों पर लगाया | चीर-फाड़-स्त्री० १ चीरने फाड़ने की क्रिया या भाव । २ शल्य जाने वाला पत्थर ।
चिकित्सा। चीपटी, चीपटौ-पु० १ ज्वार के कच्चे पौधों का चारा । चीरतल-पु० [सं०] एक पक्षी विशेष । (जैन) २ देखो "चिमटौ।
चीराई-स्त्री. १ चीरने का कार्य । २ इस कार्य की मजदूरी। चोपडीउ चीपिडउ-पु० [सं० चिपटः] १ प्रांख का मैल || चीरागुर (गुरु)-पु. नाथ सम्प्रदाय में कान चीर कर दीक्षित २ चपटी नाक वाला व्यक्ति ।
करने वाला साधु । चीपी-स्त्री० १ दूध दुहने का पात्र । २ चीप की खपची। चौराजिण (न)-पु० [सं०] व्याघ्र या मृगचर्म । (जैन) ३ लड़ाई या द्वष बढ़ाने वाली बात ।
चीराणी (बौ)-क्रि० १ फड़वाना, विदीर्ण करवाना, चिराना। चीपियो-पु० १ चूल्हे में रखा जाने वाला खीरा पकड़ने का २ सतह में दरार कराना। ३ लकीर की तरह का घाव प्रोजार। २ कांटा निकालने का छोटा औजार ।
कराना । ४ शस्त्र या चाकू से चीरा दिराना । ५ लकड़ी चीपूखियो-पु० घास विशेष ।
फड़वाना। चीफाड-पु० चित्तस्फोटक ।
चीरायुस-पु. देवता। -वि. दीर्घायु । चीब-स्त्री०१ स्वभाव, आदत । २ ऐब ।
चीराळी-स्त्री० [सं० चर्तल] १ किसी वस्तु की चीरी हुई फाड़। चीबड़ी (डो)--स्त्री० [सं० चिर्भटी] १ ककड़ी। २ सूअर का २ छोटे-छोटे खण्ड। ३ लंबा घाव । ४ चीख । बच्चा ।
चीरावरणौ (बी)-देखो 'चिराणी' (बी)। चीबटौ (ठो)-देखो 'चीपटौं।
चीरिग्ग, चीरिय-पु० [सं० चीरिक] १ एक जैनी भिक्ष वर्ग । चीवर, चीवरी-स्त्री० चमगादड़ ।
२ फटे कपड़े पहनने वाला साधु । चोबरी--पृ० १ उल्लू जाति का, कबूतर से छोटा एक पक्षी। चीरी-स्त्री० [सं० ०] १ फल आदि की चीरी हुई फाड़, २ मुसलमान।
भाग । २ लम्बा घाव । ३ झींगुर । ४ मृत्यु भोज की चिट्ठी। बीबी-स्त्री० १ ऊंट के बच्चे की मस्ती जिसमें वह इधर-उधर ५ चिट्टी, पत्री। ६ पर्दा । ७ देखो 'चीर'। कूदता है । २ मादा ऊंट का ऋतुमती होने का भाव ।
चोरी-पु. १ नश्तर आदि से किया हुअा घाव, चीरा । २ चीरने चीबो-पु. १ मुसलमान । २ यवन ।
की क्रिया। ३ चीर । ४ पगड़ी, उष्णी। ५ वस्त्र का टुकड़ा, चीमड़वाल-पु. बहुत से बच्चों वाली मादा मूअर ।
खण्ड, धज्जी। ३ कृषकों या प्रजासे लिया जाने वाला एक चीभड़ी-देखो 'चीबड़ी'।
जागीरदारी कर। ७ मकान बनाते समय दीवार के बहार चीमड़ी-पु० १ सूपर या सूअर का बच्चा । २ चिरभट ।
छोड़ी जाने वाली चार इंच जगह । ८ द्वार के ऊपर चोमड-स्त्री० एक देवी विशेष ।
लगाया जाने वाला चित्रित पत्थर । ९ कपड़े की छोटी
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