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बहोडणी
। ३८८ )
चविसूरज
बहोड़णी (बी)-क्रि० १ उखाड़ना । २ काटना । ३ मानना, चांटीली-पु. (स्त्री० चांटीली) १ मुफ्त कार्य करने वाला व्यक्ति, चाहना । ४ देखो 'चसोडगो' (बी)।
बेगारी । २ शीघ्रता से काम करने वाला। चहोतर (तर)-वि० सत्तर व दार । -पु. सत्तर व चार की चांटौ (ठौ)-पु०१ तमाचा, थप्पड़ । २ देखो 'चौवटी'। संख्या, ७४ ।
चांड-देखो 'चंड'। चहोतरी, चहीतरी-पु० चोहनर का वर्ष ।
चांडम-पु० आभूषण, जेवर । चां-अव्य० के ।
चांडाळ-देखो 'चंडाल' । चांक-पु. १ खलियान में अन्न की राशि पर चिह्न लगाने की | चांण-स्त्री० एक देवी का नाम । क्रिया। २ चिह्न।
चाणक (क्य)-पु० [सं० चाणक्य] १ चन्द्रगुप्त मौर्य का महाचांकणी-पु० पशुओं का पहिचान चिह्न।
मात्य, कौटिल्य, विष्णुगुप्त । २ चिंता । चांकणी (बी)-क्रि० १ प्रांकना, चिह्नित करना। २ बोवाई के | चाणचक (क्य)-क्रि०वि० अचानक, सहसा ।
लिये खेत में अन्न बिखेरना। ३ पशुओं के दाग लगाना । चांगुर, (गर)-पु० [सं० चाणूर] कंस का एक मल्ल जो कृष्ण ४ अन्न की राशि पर सीमा रेखा खींचना ।
द्वारा मारा गया। चांकाणी (बी), चांकावणी (बो)-क्रि० १ अंकवाना, चिह्नित | चांतरणी (बौ)-क्रि० पीछे हटना ।
कराना । २ बोवाई के लिये खेत में अन्न बिखरवाना | चांतरी-पु० चबूतरा।
३ पशुषों के दाग लगवाना । ४ सीमा रेखा खिंचवाना। । चांद, चांदड़ली (ल्यो), चांदड़ी-पु० [सं० चन्द्र] १ चन्द्रमा, चांख-स्त्री० हल की रेखा, सीता।
शशि । २ एक अर्धचन्द्राकार प्राभूषण । ३ ढाल के ऊपर चांग-देखो 'छांग' ।
की फुलड़ी। ४ चांदमारी का लक्ष्य चिह्न । ५ घोड़े के चांगलाई-स्त्री. चंचलता, शैतानी, उद्दण्डता । नटखटपना। शिर पर होने वाली भंवरी । ६ भालू की गर्दन के नीचे की चांगलौ-वि० (स्त्री० चांगली) इतराया हुआ। -पु. एक रंग | श्वेत-केश-राशि । ७ मोर पंख की चंद्रिका । चन्द्राकार विशेष का घोड़ा।
कोई प्राकृति । ९ गंजापन, टाट । चांगल्यौ-पू० मिट्टी के बर्तनों में तैयार किया हुप्रा अवैधानिक चांवणियो-प०१चन्द्रमा का प्रकाश, ज्योति । २ प्रतिबिंब । शराब ।
चांदणी-स्त्री०१ चन्द्रमा का प्रकाश, चांदनी । २ प्रकाश, ज्योति, पांच-देखो 'चोच।
ज्योत्स्ना। ३ पर्दानशीन स्त्रियों के पर्दा करने का वस्त्र । चांचड़-पु० १ परिपक्वावस्था में बाजरी की बाल ।।
४ बिछाने की सफेद चद्दर । ५ चमेली की तरह सफेद फूलों २ देखो 'चोंच' ।
वाला वृक्ष । ६ पशुपों का एक रोग । ७ श्वेत नेत्रों वाली चांचड़ली, चांचड़ी, चांचली-स्त्री. १ बाजरी की बाल ।
भैस । ८ शिर पर सफेद टीके वाली मैस । ९ रथ या गाड़ी २ देखो 'चोंच।
पर तानने का कपड़ा। १० मकान के ऊपर का खुला चांचली-वि० चोंचवाला। (स्त्री० चांचली) -पु. १ पक्षी ।
स्थान । २ देखो 'चांचौ' ।
चांदण (णो)-देखो 'चानणौ। ..-पख='चानणीपख' । चांचल्य-पु० [सं०] चंचलता, चपलता, नटखटपन ।
चांदतारौ-पु० १ चांद व तारों की छाप वाला वस्त्र । २ एक चांचवी-पु० ऊंट आदि पशुमों के शरीर पर लगा गोलाकार
प्राभूषण विशेष । दाग।
चांदबाळा-स्त्री० कानों का चन्द्राकार बाला। चांचाळ, चांचाळी-वि० नोचदार, चोंचवाला । (स्त्री० चाचाळी)
चांदमारी-स्त्री. १ बन्दूक मादि चलाने का अभ्यास । -पु०१पक्षी । २ गिद्ध ।
| २ निशान, चिह्न। चांचियौ-पू०१ मा खोदने का उपकरण । २ पक्षी । ३ नीचला| चादराडण (ईण, यण)-देखो 'चांद्रायण'।
होठ दवा हा प्राणी। ४ लैंकली से पानी निकालने का चोखो मांगी। कूपा । ५ देखो 'चोंचौ'।
चांदळ (उ)-पु० चन्द्रमा, चांद । वांचू'-देखो 'चोंच'।
चांदसलाम, चांदसलामी-पु०१ अमावस्या के बाद चन्द्रोदय के चांचौ-पृ० १ वह ऊंट जिसके दांत बाहर दिखाई देते हों। समय प्रजा से लिया जाने वाला एक प्राचीन कर । २ इस २ देखो 'चांचियौ'।
अवसर पर छोड़ी जाने वाली तोप । बटिय, चांटी-देखो 'छांटी।
| चौबसूरज-प० स्त्रियों के सिर का एक प्राभूषण ।
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