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चिट्ठी
चितौर
चिट्ठी-स्त्री० [सं० चीष्ठिका] १ कुशल-समाचार का पत्र, चितरांण (रणौ)-पु० चित्तौड़ का राणा ।
खत । २ लिखा हुअा कोई पत्र । ३ सन्देश या आज्ञा पत्र । चितरांम-पु० चित्र, तस्वीर।
४ मृत्यु संदेश का पत्र । ५ हिदायत या शिक्षा का पत्र । चितराणी (बौ), चितरावरणौ (बौ)-क्रि० १ चित्रित करना, चित्र चिट्ठी-पु. १ प्राय-व्यय का विवरण-पत्र । २ हिसाब रखने बनाना । २ नक्काशी करना । ३ खराद उतारना । की बही । ३ किसी के खाते का ब्योरा।
चितळ-स्त्री० [सं० चित्रल] १ मोटे प्राकार का चकत्तेदार चिडउ-देखो 'चिड़ो'।
सर्प। २ एक प्रकार का हिरन । चिडिग-पु० [सं० चिटिक] पक्षी । (जैन)
चितळती-स्त्री० चितकबरी बकरी। चिढ़-देखो 'चिड़।
चितळी-वि० मन में बसी, चित्त चढ़ी। चिरण-स्त्री० चिनगारी।
चितवण (रिण, णी)-स्त्री० १ चितवन । २ दृष्टि । ३ कटाक्ष । चिणक (ख, ग)-स्त्री०१ बुरी लगने वाली बात। २ बात से होने चितवरणौ (बौ)-क्रि० [सं० चिंतन] १ मन में सोचना, विचार
वाला गुस्सा । ३ अग्निकरण । ४ ताव, जोश । ५ तुनतुनाहट। करना, चिंतन करना । २ इच्छा करना। ३ निश्चय ६ देखो 'चरणक'।
करना। ४ देखना। चिरगटी-स्त्री० १ चपत, थप्पड़, तमाचा । २ छोटी जू। चितवाळी-वि० (स्त्री० चितवाळी) १ चंचल, चपल । २ सुदर, चिरणगार (री)-स्त्री० [सं० चूर्ण-अंगार] १ छोटा अग्निकण, मनोहर । ३ उदार । चिनगारी। २ कलह कराने वाली बात ।
चितविलास-पु० डिंगल का एक गीत, छंद विशेष । चिरणगियो-पु. पेशाब में जलन या दर्द होने का रोग। चितहर (ण)-पु० [सं० चित्तहर] वस्त्र । -वि० मनोहर, चिणगी-१ देखो चिरणगारी' । २ देखो 'चिणक' ।
सुन्दर । चिणणो (बो)-देखो 'चुणणी' (बौ) ।
चितांमरण (रिण, पी)-देखो 'चिंतामणि' । चिणाई-१ देखो 'चुणाई' । २ देखो 'चंणारी' ।
चिता-स्त्री० १ शव दाह के लिये चुनी हुई लकड़ियां । २ चित्रक चिरपाणी (बी), चिरणावरणी (बौ)-देखो 'चुणाणी' (बी) नामक औषधि । ३ चगतई वंश का मुगल । चिरिणयाकपूर-पु. एक प्रकार का कपूर।
चितारणी (बौ)-क्रि० १ सचेत या सावधान करना । २ स्मरण चिरण-देखो 'चणी'।
कराना, याद दिलाना। ३ आत्म-बोध कराना। ४ सुलगाना चिरणोठी (ठी)-स्त्री० [सं० चित्रपृष्ठा] धुघची, गुजा ।
प्रज्वलित करना। चिणी-पु० १ बन्दूक के कान पर लगाया जाने वाला उपकरण । चितानळ-स्त्री० दाहसंस्कार की अग्नि ।
२ तृण, तिनका । ३ चीनी कपूर । ४ देखो 'चणौ'। चिताभूमि-स्त्री० श्मशान भूमि । मरघट । चित-पु-[सं० चित्त] १ मन, दिल, हृदय । २ बुद्धि, अक्ल । | चितारणी-स्त्री०१ स्मृति, याद । २ स्मृति चिह्न।
३ ज्ञान, चेतना, वृत्ति । ४ विचार, विचार शक्ति। चितारणौ (बी)-क्रि०१ याद करना, स्मरण करना । २ चित्र ५ मनोयोग। ६ इच्छा । ७ प्रतिभा । ८ प्रात्मा । -वि० | बनाना । १ मुह ऊपर करके लेटा हुमा । २ जिसका मुख्य भाग | चितारौ-पु० (स्त्री० चितरी) १ चित्रकार । २ नक्काशी करने ऊपर हो, सीधा । ३ देखो 'चित्र'। -इलोळ-पु०-डिंगल वाला । ३ चित्रित करने वाला, वर्णन करने वाला। का एक गीत। -कबरौ-वि० काला व श्वेत, मिश्रित वर्ण ४ याद करने वाला। का।-चोजी-वि० मन मौजी। छैला. शौकीन, उत्साही। चिताळ-स्त्री० स्नान करने की शिला या पत्थर । -पुट-पु० एकदेशी खेल । -धारी-वि० उदार । चितावरणौ (बौ)-देखो 'चिताणो' (बो)। -बंकी-वि० उदार । वीर, साहसी । -बंगौ-वि० चितावर-पु० चित्तौड़। मति भ्रम । पागल । हीन बुद्धि । -बाहु-पु. तलवार का | चिति-पु० [सं० चैत्य] १ समाधि स्थान । एक हाथ । मति भ्रम। -भंग, भंगौ-वि० उन्माद रोग २ देखो 'चित' (जैन)। से पड़ित । उदास । -भरम, भरमियो-वि. चित्त भ्रम । चितेरण-स्त्री० १ चित्र बनाने वाली स्त्री। २ चित्रकार की पागल । --मठियो, मठौ-वि० कृपण कंजूस ।
स्त्री। ३ व्योरा, वर्णन । चितरंगताळ-पु० सुन्दर व छोटे-छोटे ताल-तलैया ।
चितेरणौ बौ)-क्रि० चित्र बनाना । चित्रित करना । चितरंगमहळ-पु० रंग महल, सुरतिमहल ।
चितेरौ-देखो चितारौ'। चितरणौ (बौ)-क्रि०१ चित्रित होना, चित्र बनना । २ नक्काशी चितौड-प०१ मेवाड़ की राजधानी का नगर । २ इस नगर में किया जाना । ३ खराद उतरना ।
स्थापित प्राचीन गढ़।
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