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काउ
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काउ (ऊ) सर्व० कौन क्या । किस - पु० कौवे की काकी - स्त्री० १ चाची श्रावाज, कांव-कांव । चानियांव ताइयां - पु० चचिया श्वसुर ।
काउसग (ग्ग ) - पु० [सं० कायोत्सर्ग ] १ शारीरिक व्यापार का त्याग । २ शरीर की ममता का त्याग । (जैन)
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काक - पु० [सं०] १ कौवा । २ बोतल का डाट । - वि० श्वेत । श्याम कंठ वि० व ६० कंकर कच्चे बेर । - ड़ा पु० कपास के बीज । एक वृक्ष विशेष । -नवी स्त्री० जैसलमेर की एक नदी । काकड़ पु० शुगाल, सियार काकड़ासिपी-स्त्री० [सं० कर्कटी] एक
प्रकार की पर जीवी वनस्पति जो काकड़ा वृक्ष पर चढ़कर फैलती है । काकड़ियाँ ५० १ एक प्रकार का सुगंधित पास २ छोटी काकड़ी । ३ कंकर ।
( २२० )
काड़ी वी० [सं०] कर्कटी] ककड़ी-फल काकड़ौ पु० १ एक प्रकार का वृक्ष २ एक प्रकार का हिरन ३ कपास का बीज ।
काकळ - पु० युद्ध, संग्राम । काकाहरी स्त्री० एक झाड़ी विशेष काकस स्त्री० चचेरी सास ।
काकसरी पु० चचिया श्वसुर ।
काकांरणी - वि० १ काका के वंशज । २ चचेरा । काका स्त्री. १ मसी २ काकोली । काकाई वि० पचेरा ।
काकपद पु० [सं०] घंटे हुऐ के लिए प्रयुक्त चिह्न कापुसट - स्त्री० [सं०] काकपुष्ट ] कोयल, कोकिला । काकब- पु० प्रौटा कर गाढ़ा किया हुआा गन्ने का रस । काकवी रवी० [सं०] काकबलि ] श्राद्ध के दिन कौवों को खिलाया जाने वाला भोजन ।
काकातुप्री- पु० तोते की जाति का एक सफेद पक्षी ।
काळा स्त्री० [सं० काकालिका] हरड़े। काका पु० [सं०] सफेद घोड़ा। काकडी- पु० गिरगिट
काकांस (डी) - स्त्री० [सं० काकबंध्या ] एक संतान के बाद
बंध्या होने वाली स्त्री ।
काकडी - पु० [सं० काकभुशु ंडि ] एक ब्राह्मणं जो लोमश ऋषि के शाप से कौवा हो गये ।
काकर स्त्री० [सं० कर्कर] १ कपड़ा धोने की सिला। २ कंकर ।
काकरी- देखो 'कांकरी' ।
काकरेची स्त्री० एक प्रकार का घोड़ा । २ एक प्रकार का रंग । काफरी-देखो 'कांकरी' ।
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काकुराय (स्त, स्थ) - पु० [सं० काकुस्थ ] १ श्रीरामचन्द । २ एक सूर्यवंशी राजा, ककुस्थ । कुळ- पु० श्रीराम ।
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काकू सर्व किससे किसको । काकोजी पु० चाचा ।
काकोवर (घर) - पु० [सं० काकोदरः] (स्त्री० काकोदरी)
सर्प सप काकोरी पु० छोटा कंकर ।
काकौ पु० १ पिता का अनुज, चाचा । २ कौवा । का स्त्री० कां विलाय पु० कां का फोड़ा। । - । काय स्त्री० [सं०] कौक्षयक] तलवार |
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कोई स्त्री० [सं० कक्षालात] कांख का फोड़ा कंखवार काग - वि० सतर्क, सावधान। देखो 'काक' । देखो 'कागज' । कागड़ी - पु० एक रंग विशेष का घोड़ा ।
कागज पु० [फा०] सन, बांस, रूई आदि को गला कर बनाया हुमा पदार्थ विशेष जो लिखने व छापने के काम माता है, पत्र । २ चिट्ठी पत्र । ३ समाचार-पत्र । ४ प्रामाणिक दस्तावेज । ५ एक लोक गीत ।
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कागजी - वि० १ कागज का कागज संबंधी । २ लिखित | ३ कागज का बना । ४ दिखावटी । नींबू - पु० पतले छिलके का रसदार नींबू । - बादाम-स्त्री० पतले छिलके की बादाम । सबूत पु० लिखित साक्ष्य ।
कालियो
। २ मादा कौवा । —बडियां सामू स्त्री० चचेरी सारा
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- स्त्री० खुसरो
प्रमाण ।
कागवि (दी) - वि० कठोर । कामडोह पु० डौल काक
कागरण - पु० १ ज्वार की फसल का एक रोग । २ कागज पत्र । कामली-देखो 'कांगणी' | कागव ( इयौ) - पु० लिखा पढ़ी | कागदीजवान - वि० निर्बल, अशक्त ।
कागज ।
कागज की
कागनर - पु० अरावली पहाड़ में होने वाला एक पौधा । कागांश, (डी) देखो 'काका' ।
- वाई-स्त्री०
कागभसुंड, (भुसड, भुसुड) - देखो 'काकभुसु'डी' । कागमुखीसंडासी स्त्री०एक प्रकार की संडासी । कागमुखी (मुहौ) - पु० श्रागे से तीखा व लम्बा मकान । - वि० कौवे के मुख के समान ।
कागर, कागल- देखो 'कागज' ।
कालियो - पु० [सं० काफलक] १ तालू के पीछे गले में लटकने वाला मांस, गल तुडिका । २ कौवा । ३ बादल का छोटा खण्ड । ४ देखो 'कागज' 1