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धियाळी
८ घात, दाव । ९ समूह, झुड, दल । १० घड़ों का समूह । | घालणौ (बी)-क्रि० १ डालना। २ घुसेड़ना। ३ किसी में ११ षड़यंत्र । १२ धोखा, कपट । १३ बनावट, गठन । समाहित करना । ४ स्थापित करना । ५ रखना। ६ फेंकना। १४ निंदा, बुराई। १५ शरीर । १६ गढ़े हुए ७ छोड़ना । ८ बिगाड़ना । ६ नष्ट करना। १० मारना । पदार्थ । १७ मेना, फौज । १८ निंदा, बुराई। १९ तलवार ११ प्रहार करना। १२ प्रवेश कराना। १३ निर्माण की धार । २० तह किये हुए वस्त्र । २१ मार्ग, रास्ता । करना । १४ मिलाना। २२ छाछ के साथ पका हा दलिया। -वि० कम, थोड़ा।घालमेल, घालामेलौ-पू० १ डालने-निकालने का कार्य । --घड़-स्त्री० सोच-विचार । -बराड़, बराळ-वि०
२ उखाड़-पछाड़ । ३ कपट, छल । ४ चुगली । भयंकर । जबरदस्त, शक्तिशाली। -वाज-पु० शरीर की रचना. डील-डोल । --वाल-पू० घाट पर दान लेने वाला।
| घाव-पु० [सं० घात] १ आघात, चोट आदि से होने वाला धाटि-१ देखो 'घाट'। देखो 'घाटी'।
जख्म । २ फोड़ा। ३ जख्म का गड्ढ़ा । ४ चोट, प्रहार । घाटी-स्त्री०१ पर्वतों के बीच का रास्ता। २ पर्वतीय ढाल ।
५ दो मील का फासला। ३ ढालु जमीन । ४ संकीर्ण या तंग रास्ता। ५ कठिनाई,
| घावक-वि० १ घाव करने वाला। २ चोट या प्रहार करने बाधा।६ भयंकर मंकट ।
वाला । ३ घातक । ४ देखो 'घाव' । पाटू-वि. १ कम थोड़ा। २ वह जो गढा जासके (पत्थर)
घावछक-वि० १ घावों से क्षत । २ घायल । -५० हानि, क्षति ।
घावड़-वि० १ घातक । २ प्रहार करने वाला। ३ शूरवीर, घाटे-बराड़ देखो 'घाटबराड़' ।
- पराक्रमी । ४ विचारशील, चतुर । घाटी-पु० १ कमी। २ हानि, नुकसान । ३ अरावली पर्वत ।
घावरणौ (बो)-देखो 'घाणी' (बी)। पर्वतीय घाटी। ५ पहाडी रास्ता। ६ मार्ग, रास्ता ।
घावबेल-स्त्री० समुद्र पान नामक प्रौषधि । 19 व्यापारिक तोटा, घाटा । ८ देखो 'घाट'।
घावरियो-पु० चिकित्सक । पाठ-देखो 'घाट'।
घावांपूर-वि० धावों से परिपूर्ण । धारणी (बी)-क्रि० १ ग्रसित होना, गिराना । २ पछाड़ना, पटकना, मारना । ३ रोंदना, कुचलना।
घावो-देखो 'घाव' । धात नत्री० [सं०] १ चोट, प्रहार। २ हत्या, वध, संहार।
घास-पु० [सं०] १ वर्षा होने पर स्वतः उगने वाले पौधे, ३ मार। ४ नाश, विनाश । ५ कपट, छल, धूर्तता।
उद्भिज, तण, चारा । २ एक प्रकार का रेशमी कपड़ा। ६ मौका, अवसर। ७ धोखा । ८ तीर। ९ गुणनफल ।
घासण-वि० १ काटने वाला । २ संहार करने वाला।
" १० प्रवेश, सक्रांति । ११ तलवार । १२ षड़यन्त्र. दाव ।
___-पु० घास-फूस। १३ पत्थर । १४ उपला, कंडा। १५ विपत्ति, संकट ।
घासरणी (बौ)-देखो 'घसणी' (बी)। १६ मृत्यु, मौत । १७ चुगली।
घासपात, (कूस, भूसौ)-पु० १ घास व पत्ते प्रादि का समूह । घातक (की, कू)-वि० [सं०] (स्त्री० घातकी, रिण, गी)
२ कुडा-करकट । १ घात करने वाला। - संहारक, विनाशक । ३ मारने
| घासमारी-स्त्री० १ मवेशियों की गणना । २ मवेशियों की वाल।। ४ हत्यारा । ५ शत्रु । ६ हानिकारक । ७ भयंकर ।
चराई पर लिया जाने वाला कर । धातणी (बी)-क्रि० १ घात करना। २ सहार करना।
घासारण-स्त्री० घिसने की क्रिया। ३ दालना। ४ स्थापित करना । ५ निर्माण करना ।
घासाहड़, घासाहर-देखो 'घांसाहड़' । ६ रखना । ७ मिलाना।
घासियो-पु० गद्दा, मोटा बिस्तरा। घातलो, घाता, घाती, घातीक, धातू-देखो 'घातक' ।
घासी-पु० पानी प्रादि में घिसकर दी जाने वाली दवा। । धाय-१ देखो 'घाव' । २ देखो 'धायक' ।
धाह-पु० १ वृत्त, घरा, घेर । २ झूल । घायक (त)-वि०१ घायल । २ क्षत-विक्षत। ३ देखो 'घातक'। घिटाळ, घिटियाळ-पु० १ 'फोग' के फूल । २ फोग का फल । घायन-पु० प्रहार, चोट, वार ।
| ३ देखो 'घटियाळ' । धायल (ल्ल)-वि. १ चोट खाया हुआ, जख्मी, पाहत । घिबड़ा-स्त्री० एक मुसलमान जाति । २क्षत।
घियाळरणो (बो)-क्रि० १ खींचना । २ घमीटना। .. घारवाट--पु. फसल की सिनाई का किराया ।
घिसार-देखो 'घींसार'। घालणौ-वि० संहारक, विध्वंसक ।
घियाळी (योळी)--स्त्री० १ लकीर, रेखा । २ देखो 'घियोड़ी'।
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