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बेसरणी
घाट
घसरणी (बौ)-क्रि० [सं० घर्षणं] १ रगड़ना, घिसना, मलना। घरणमाण (रणी)-पु. १ युद्ध, लड़ाई । २ नाश, संहार।
२ घोटना। ३ अधिक काम लेना। ४ भक्षण करना। ३ उथल-पुथल । ४ मंथन । ५ अस्थिर विचार।। ५ पुनरावृत्ति करना । ६ भोटा होना । ७ शस्त्र की धार घांरिणयो-पु. १ एक ही बार में एक साथ निकाला हा पदार्थ । मिकालना।
| २ कोल्ह में एक बार में पेरा जाने वाला पदार्थ । घसर, घसरी-पु० [सं० घस्र] १ एक दिन । २ सूर्य । ३ केसर। घांणी (रणो)-स्त्री० १ तेल निकालने का कोल्हू । २ कोल्हू में __-वि० हानिकारक ।
एक बार में डाला जाने वाला पदार्थ । ३ नाश, संहार । घसाई-देखो 'घिसाई'।
-कुतौ-पु० तिल परने वालों से लिया जाने वाला घसारणी (बी), घसावरणों (बी)-क्रि० १ रगड़वाना, घिसवाना। कर विशेष ।
२ घुटवाना । ३ अधिक काम लिराना। ४ भक्षण कराना। | तिरडो-पु० गला, कंठ । ५ पुनरावृनि कराना । ६ भोटा कराना। ७ धार घांनर, (रौ)-पु० १ बहरा, व्यक्ति । २ बकरी । निकलवाना।
घाम-पु० १ गर्मी। २ प्रकाश । ३ धूप । ४ फौज, सेना । घसि-पु० १ पाहार, भोजन । २ खाद्य सामग्री । ३ देखो 'घस'। -कर-स्त्री० रश्मि, किरण। -धूम-वि० उदास, सुस्त, घसियारी-पु० घास का व्यापारी।
स्तब्ध, चुपचाप । घसीट-स्त्री० १ घसीटने की क्रिया या भाव । २ अस्पष्ट धांव-देखो 'घांम'।
लिखावट । ३ रगड़ की रेखा, लकीर । ४ खरोंच । घांस-पु. एक प्रकार का पत्थर । ५ लिखावट ।
घांसाड़-स्त्री० सेना फौज । घसीटणी (बौ)-क्रि० १ जमीन पर पड़े प्राणी या वस्तु को खींच घांसाडणौ (बी)-क्रि० चीखना, चिल्लाना (बन्दर)।
कर लेजाना, घमीटना। २ अस्पष्ट लिखना। ३ अपनी घांसाड़ो-पु० योद्धा, वीर।
पोर आकर्षित करना। ४ निभाना । ५ रगड़ना । घांसार, घांसारु, घांसाहड़ (हर), घांसोहर-पु० १ दल समूह । घस्त-देखो 'ग्रहस्थ'।
२ फौज. सेना । ३ देखो 'घींसार' । घस्त्र-देखो 'घमर'।
घा-स्त्री०१ देवी। २ ध्वनि । ३ वसुमती। ४ राक्षसी । घस्सरणी (बौ)-देखो 'घसगी' (वी)।
५ब्रह्मा। घहर-धुमेर-वि० १ घना, गहरा । २ घना पल्लवित ।
घा'-देखो 'घास'। घहरणौ (बौ). घहराणी (बी), घहरावरणौ (बी)-क्रि० १ गर्जना, घाम-पु. १ नरक । २ कंकरण । ३ प्रहार, चोट । -स्त्री०
गंभीर गर्जन करना । २ घोर शब्द करना। ३ भारी १ शची। २ धारा । गड़गड़ाहट करना।
घाइ (ई)-स्त्री० १ नकल । २ चोट, प्रहार । ३ घाव । घां-पु. बादल, जलद ।
पाइल-देखो 'घायल'। घांधळ-स्त्री० कष्ट, तकलीफ ।
घाउ (र)-देखो 'घाव'। घांधां-क्रि० वि० स्थान-स्थान, ठोर-ठोर । घर-घर।
धागड़ा-देखो 'गागड़ा'। ... घांची-स्त्री० दूध का व्यवसाय करने वाली हिंदू जाति व इस घाघ-वि० १ अनुभवी, सयाना। २ दक्ष, निपुण । ३ चतुर, ___ जाति का व्यक्ति ।
चालाक । -पु० १ बड़ा जख्म, घाव । २ वर्षा विज्ञान का घांची-वि०१ वीर, शक्तिशाली । २ अड़ियल । ३ देखो 'घोची'।
एक पंडित । घाट (की. टी)-स्त्री० [सं० ग्रीवा] १ गर्दन, ग्रीवा । २ कंठ ।। घाघडदि (दो)-वि० गंभीर, गहरा । घाटाळ-पु० १ हाथी, गज। २ घंटा धारण करने वाली देवी। घाघड़ो-देखो 'गागड़' (डी)। घाटीतोड़जुर-पु. एक प्रकार का ज्वर, गर्दन तोड़ बुखार । घाघरट-पु० १ युद्ध, लड़ाई । २ समूह, झुण्ड । -वि० जबरदस्त, घांट-क्रि० वि० पास, समीप ।
बड़ा। घाटी-पु० १ गला, कंठ । २ मर्दन, ग्रीवा ।
घाघरा-स्त्री० सरयू नदी । घारण-पु०१ पानी की धार से भूमि के कटाव को रोकने के लिये घाघरौ-पु० स्त्रियों का बड़ा लहंगा, पेटीकोट, घाघर ।
रखा जाने वाला प्राधार । २ घाब, जस्म । ३ युद्ध, संग्राम, घाघस-वि० खराब, हल्का, न्यून । लड़ाई। ४ ध्वंस, नाश । ५ अधकचरा होने की अवस्था। घाट-पु० [सं० घट्ट] १ नदी या जलाशय का किनारा, घाट । ६ पिलाई । ७ समूह, झुण्ड । ८ कोल्हू । ९ सुगंध। -वि० २ तंग पहाड़ी रास्ता । ३ ढंग, प्रकार । ४ रचना, बनावट । १लथ-पथ, मेराबोर । २तर ।
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५ विचार । ६ स्थान, जगह । ७ दशा, हालत, स्थिति ।
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