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० [सं०] रथ
चक्रत- देखो 'चकित' ।
चति-देखो 'पति' ।
चक्रवत ( त, ति, ती ) - स्त्री० १ एक वणिक छन्द विशेष ।
२ देखो 'चक्रवरती' ।
चक्रवरत (ती) - पु० [सं० चक्रवर्तिन् ] स्वामी, राजा, सम्राट । २ बायें घोड़ा । ३ बड़ा राजा । ४ राजा । चांग-पु० चौथे समुद्र में स्थित एक पर्वत चक्रवाक - पु० [सं०] १ चकवा पक्षी । चारों पर सफेद, शरीर पीला व नेत्र - वि० पीता, पीत वियोग- पु० चन्द्रमा ।
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चक्रवाळ - पु० १ एक प्रसिद्ध पौराणिक पर्वत । २ घेरा । ३ वृत्त,
मण्डल ।
चक (ति ती) देखो 'चरत' ।
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( १०५ )
९ श्रासमुद्रांत भूमि का पार्श्व में भौरी वाला
२ वह घोड़ा जिसके
श्याम वर्ग के हों ।
निह्न ।
चांग-पु० [सं०] [स्त्री० वी १ हंस ३ रथ या गाड़ी । ४ कुटकी नामक औषधि | चक्रांस- पु० [सं० चक्रांश ] राशि चक्र का ३६० वां अंश । चक्रा पु० सर्प, सांप |
चक्रिक - वि० [सं०] नक्रधारी ।
चकित देखो 'लकित ।
चकिन- देखो 'चकी' ।
चक्रात - पु० चक्र, चक्रव्यूह - वि० स्तंभित । चक्राथ पु० [सं०] कौरव पक्ष का एक योद्धा । चक्रायुध - पु० भगवान विष्णु । चक्राळ-पु० रथ, गाडी 1
चावळ - पु० घोड़ों के पैरों में होने वाला एक रोग । चक्रि-१ देखो 'पत्र' २ देखो 'वो'
चक्रियवंत पु० गधा । चक्रियां वि० त्रधारी चक्री- पु० [सं० चक्रिन् ] १ धारी । ४ देवी, दुर्गा ७ देखो 'चकरी' । गधा ।
चक्रेश्वर (री) - स्त्री० राठोड़ों की कुल देवी ।
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चकवीर पु० [सं०] सूर्य
चक्रब्युह, चक्रव्युह (व्यूह, व्यूह ) - पु० [सं० चक्रव्यूहः । युद्ध के चखतौ - देखो 'चगताई' |
समय सेना की व्यूह रचना विशेष ।
२ चक्रवाक ।
पु० [सं०] चलु
१
३ लड़ाई झगड़ा । -एक-पु० दैत्य
श्रीविष्णु । २ श्रीकृष्ण । ३ चक्र५ देखो 'चक्र' । ६ देखो 'चकित' । म । देखो 'नवरी' यांन पु०
ख
चखचकचक' |
चांधी- देखो 'नानी' ।
चखचू दरी स्त्री० छू दर नामक जीव । खी-देखो का
२ष्टि नजर [फा०]
४ घोड़ों के जबड़ों का एक रोग । एकदा काना
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चक्र सुदसरण - देखो 'सुदरसगणचक्र' ।
चक्रांक- ० [सं०] गरौर पर लगाये जाने वाले विष्णु प्रायुध के | जखमग पु० [सं० पशुमार्ग] वष्टि-यच नजर
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चखा० [सं०] चक्षु अवस्] सर्प मां चखांमज्जीठौ-वि० लाल नेत्रों वाला, क्रोधित ।
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[ख] ० (स्त्री० मधी १ बहुत छोटी-छोटी व धुंधली नजर वाला । २ धुंधला व चमकीला । चखचौध-देखो 'चकाचौंध' |
चखचौळ - वि० १ रक्ताभ नेत्र वाला । २ क्रुद्ध, कुपित । चखरण - स्त्री० १ चखने की क्रिया या भाव, स्वाद । २ चखने का पदार्थ ।
(ब) देखो 'बा' (बो
चखताळ-पु० एक प्रकार का पकाया हुआ मांस ।
चखदेव पु० [सं० [देव] स्वामिकात्तिकेय । चख सहस - पु० शेषनाग ।
बाहर पु० [सं० द्वादश चक्षु] स्वामि कार्तिकेय ।
अगर
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खांसर - ० [सं० सर्व चक्षु ] सूर्य, रवि । वाणी (बी) चावली (ब) क्रि० १ किसी वस्तु को बचाना, - स्वाद लेने के लिए प्रेरित करना २ अनुभव कराना । ३ थोड़ा सा खिलाना ।
चखि, खु, चख - देखो 'चख' ।
चखड़ाई स्त्री० खड़ा चारण की पुत्री एक देवी । चक्खु - देखो 'चख' ।
चग स्त्री० १ एक प्रकार की घास । २ तंतु क्षुप । गबाट देखो 'ववाहट ।
चगणी (बी) - क्रि० १ बूंद-बूंद टपकना, चुना रिसना । २ चिढ़ना, गुस्सा करना । ३ बहकना, धोखे में प्राना । ४ चूकना भूलना ।
चगत, चगतांण, चगताई, चगताळ चचगणी, चना एशिया का एक तुर्की वंश । मुसलमान । ४ चंगेजखां का पुत्र । चगदायळ - वि० घावों से पूर्ण, घायल | चगदी पु० १ पाव, क्षत, पोट २ वर्गे । निशान ४ कुचलने का भाव । ५ लुगदी । अगर स्त्री० घोड़ों की एक जाति ।
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चगताह, चगतो, चगस्थ, चगताई से चला मध्य २ बादशाह । ३ यवन,
३ चोट का