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धोई
घूघर, घूधरियो, घूधरी, घूघरी-पु० घुघरू । छल्ला । --माळ, घेधूबणौ (बी)-क्रि० १ मंडराना । २ लूबना, लटकना।
माळा-स्त्री० १ नूपुर । २ घुघरू की माला जो पशुओं की | ३ भिड़ना। गर्दन पर डाली जाती है ।
घेड़-देखो 'घडली'। घूधरी-देखो 'गूगरी'।
घेचणी (बी)-क्रि० १ हांकना, हांक कर ले जाना । २ खदेड़ना । घूधी-देखो 'घग्घी'।
३ घसीटना। धूधू-पु. उगक पक्षी, उल्लू ।
घेटियो (घेटौं)-पु० १ भेड़ का पुष्ट बच्चा, मेमना । २ नाटा व घूड-पु० १ सुपर के मुह का अग्र भाग । २ इस भाग से किया। पूष्ट व्यक्ति । जाने वाला प्रहार।
घेटुनौ-पु० टेंटुवा। घूड़िया-स्त्री. चरस की गिरी की खूटी।
घेदी-वि० मोटा ताजा, हृष्ट-पुष्ट । घूची-स्त्री० कोल्ह के ऊपर की पोर का एक उपकरण । घेर-पु० १ वृत्त, घेरा, परिधि । २ मोड़, घुमाव । ३ चक्कर, घुटरगो (बौ) देखो 'घटरणो' (बी)।
फेरा । ४ घर, गृह ।। घूतकार-पु० उल्लू को अावाज ।
घेरउ-पु० १ झुंड, समूह । २ देखो 'धेरी'। घूत्यौ-पु० एक देशी खेल।
घेरघार-पु. १ चारों ओर से घिरने या पाच्छादित होने की घूथ-पु० चूमा, मुष्ठिका । प्रहार ।
अवस्था। २ घेरा, परिधि । ३ खुशामद । ४ विस्तार । घूब-स्त्री० १ कूबड़ । २ टेढ़ापन । ३ मोच ।
५ हांकने की क्रिया या भाव । घूबौ-वि० १ कूबड़ा । २ मोच पड़ा हुमा ।
घेरघुमाळी, घेरघुमेर-वि० १ सघन, घनी छाया वाला। घूम-स्त्री० घुमाउ, चक्कर, मोड़ ।
२ विस्तृत परिधि वाला। घूमघूमाळी-बि०१ गहरे पत्तं व शाखामों वाला । २ घेरदार। घेरणी-स्त्री०१चरखे का हत्था । २ चलनी। ३ घुमक्कड़।
| घेरणी (बौ)-क्रि० १ घरा लगाना, आवेष्टित करना, किसी घेरे धूमरणो (बी)-क्रि० १ धूमना, फिरना । २ टहलना । ३ सफर, में लेना । २ मवेशियों को हांकना । ३ रुख पलटना,
करना, यात्रा करना । ४ लौटना । ५ पीछे या दाय-बाय विचारधारा बदलना। ४ मोड़ना, घुमाना । मुडना । ६ चक्कर खाना, गोल-गोल फिरना । ७ डोलना । घेरदार-वि० ज्यादा घेरे वाला। उन्मत्त होना, झूमना ।
घेराई-स्त्री० घेरने की क्रिया या भाव । घूमर--स्त्री० एक प्रकार का लोक नृत्य ।
घेराणी (बी), घेरावणी (बी)-क्रि० १ घेरा लगवाना, पावृत्त घूमरी-पु० १ समूह, झुण्ड । २ घेरा, वृत्त ।
कराना, किसी घेरे में लिराना । २ हांकने के लिए प्रेरित धूमाळो-देखो 'घूमघूमाळी'।
करना । ३ विचाराधारा बदलाना । ४ मुड़वाना, घूमू. घूमौ-पु. १ घूमा, मुष्ठिका । २ देखो 'धम्मो'।
धमवाना। धूर-पु. १ पैनी चीज के पाघात से पशुओं के पेट पर होने | घेराव-पृ. १ घेरा । २ घेरने की क्रिया या भाव ।
वाला रोग। २ नाश ध्वंस । ३ तीक्ष्ण दृष्टि, ताक । धेरौ-पु०१ चारों ओर का विस्तार, फैलाव । २ वृत्त, प्रावृत्ति, घूरण-स्त्री. धूरने की क्रिया या भाव ।
परिधि । ३ गोलाई । ४ चारों ओर से सुरक्षित या धूरणी (बो)-त्रि १ दृष्टि गढ़ाकर देखना, ताकना । २ क्रोध अधिकृत करने के लिए की जाने वाली व्यवस्था । ५ किसी में पावें दिखाना । २ प्रगाढ़ निद्रा में श्वास के साथ घरं
चीज का गोल चकरा। धरै शब्द होना । ४ 'घुरणौ' (बी)।
घेवर-पु. एक प्रकार की मिठाई जो चक्रनुमा होती है। घराणी (बो), घूरावणौ (बो)-देखो 'घराणी' (बो)। घेसली-पु. १ हास्य रस की भिन्न तुकांत कविता । २ छोटा धूरी-स्त्री० सियार प्रादि की माद । घुस-देखो 'धूस'।
घंणी--स्त्री० ग्रा। घूसो. चूहो-पु० गुप्लेन्द्रिय के बाल । घेचणौ (बौ)-देखो 'घोंसगणो' (बो)।
घसाड़ (हड़, हर)-देखो 'घांसाहर' । घे-स्त्री. १ गर्दन, ग्रीवा । घडी । ३ चौकी । ४ कीली।। (लो)-देखा 'घडली'।
धंधू बणो(बो)-क्रि०१ भिड़ना,टक्कर लेना । २ पाच्छादित होना । घेउर (ऊर)-देखो 'घेवर' ।
घोंई-स्त्री० सिंचाई की नालियां साफ करने वाला झाड़ी का घेधू चणी (बी)-क्रि०१ मिलना । २ आलिंगन करना।
गुच्छा ।
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