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कांब
(२१८ )
कांब (डी)-स्त्री० [सं० कंबा] १ हरे वृक्ष की डाली। स्त्री० सलमे-सतारे के बने बेल बूटे । -दा-स्त्री० २ छड़ी, बेंत ।
कामधेनु । ---दुधा, दुहा-स्त्री० कामधेनु । -देव-पु० रति कांबड़-पु. चमार जाति का याचक ।
क्रिया की प्रेरणा देने वाला एक देवता । -धंधी-पु० कांबड़ी-पृ० कपड़ा धोने की लकड़ो।
व्यवसाय, रोजगार । -धज-पु. काम के रथ की ध्वजा,
पताका, मछली । -धनि-स्त्री० कामधेनु । --धरम-पु० कांबळ, कांबळियौ, कांबळी-देखो 'कंबळ' ।
विषय-वासना, रतिक्रिया । -धीठ-स्त्री० नयन, नेत्र । कांबी-स्त्री० स्त्रियों का प्राभूषण विशेष ।
-धुक, पेन घेनि, धेनु. घेनुका-स्त्री० कामधेनु गाय । -पाळ कांबोजणी (बौ)-क्रि० १ पशुनों के पेट में ऐंठन होना ।
-पु० बलराम । श्रीकृष्ण । -बांग-पु. कामदेव के पांच २ मादा पशुओं को प्रबल कामेच्छा होना ।
बाण । -भुरुह-पु० कल्पवृक्ष । --रिपु-पु० शिव, कांबोज-पु० [सं०] १ घोड़ा । २ कंबोज देश का । महादेव । --रुचि-पु० विश्वामित्र द्वारा रचित एक ३ देखो 'कंबोज'।
शस्त्र । -रूप-पु० देवता । -रूपी-वि० स्वेच्छित रूप कांबोजौ-पु० काबोज देश का घोड़ा।
धारने वाला । -लता-स्त्री० एक लना विशेष। -वन कांम-पु० [सं० काम] १ कामदेव । २ शिव, महादेव ।
-पु. वह वन जहां कामदेव को भस्म को किया गया। ३ मैथुनेच्छा । ४ मनोरथ, इच्छा। ५ इन्द्रियों की स्व.
-वांन, बाळ-वि० विषयी, कामी। -वच्छ-पु० कल्पवृक्ष । विषयों की ओर प्रवृति । ६ स्नेह, प्रेम । ७ चार पदार्थों
---सखा-पु० वसंत ऋतु । -सास्त्र-पु० कोक शास्त्र । में से एक । ८ पाशा, अभिलाषा । ९ बलराम । १० प्रद्युम्न
-सुत-पु० अनिरुद्ध ।
कांमखांनी-पु. क्यामखानी जाति व इस जाति का व्यक्ति । का नाम । ११ पुरुषार्थ विशेष । १२ अभीष्ट वस्तु ।
कामगर-देखो 'कमगर'। १३ वीर्य । १४ विष्णु । १५ तृष्णा । [सं० कम | १६ कार्य,
कामड़, कामड़ियो-पु० रामदेव का भक्त चमार जाति का व्यक्ति व्यापार, कर्म । १७ प्रयोजन उद्देश्य । १८ स्वार्थ, मतलब। | १९ वास्ता, गरज. लगाव । २० व्यवहार, उपयोग,
जो तंदूरे पर रामदेव के भजन गाता है ।
कांमड़ी-स्त्री०१ छड़ी। २ कामड़ जाति की स्त्री। –कसी इस्तेमाल । २१ रोजगार, धंधा । २२ रचना, कारीगरी। २३ बेल बूटे आदि नक्काशी का कार्य । २४ पदवी।
-पु. छड़ी प्रहार से चलने वाला ऊंट । २५ बादल । २६ पृथ्वी। २७ यथेष्ट वार्ता । २८ स्वीकृति।
कांमठ-पु० धनुष।
कांमठड़ी, कांमठो-देखो 'कांमड़ी' । २६ छड़ी । -वि० १ काला । २ देखो 'कांमणी' ।
कामठियौ-पु. १ कमठावतार । २ कच्छप । ३ देखो 'कांमठ' । -अंकुर, अंकूर-पु० कुच, स्तन । नख । पुरुषेन्द्रिय । -अंध-स्त्री० कोकिल । -वि. वासना में अंधा ।
कांमठो-पु० १ धनुष का चन्द्राकार होने वाला भाग । -~-अंधा, अंधी-स्त्री० कस्तूरी । कामातुर स्त्री ।
२ देखो 'कांमठ'। --पातुर-वि० मैथुन के लिए व्याकुल । -कला-स्त्री.
कांमण-स्त्री० [सं० कार्मण] १ शीतल हवा । २ वशीकरण कामदेव की स्त्री, रति । संभोग क्रिया । –कांता-स्त्री.
मंत्र, जादू टोना । ३ एक राजस्थानी लोक गीत । कामदेव की स्त्री रति ।-कांमा-स्त्री. भवानी, दुर्गा ।
४ पार्द्रता, नमी। ५ देखो 'कांमणी'। --गर, गारो-वि० का-स्त्री० कामिनी स्त्री। –काळ-पु. शिव, महादेव ।
वशीभूत करने वाला। -हार-वि० जादूगर । ...-की-स्त्री० वेश्या, गणिका । स्त्री, नारी। ---केळि-स्त्री०
कांमरिण (रणी)-स्त्री० [सं० कामिनी] १ सुन्दर स्त्री। २ प्यार रति क्रिया, मैथुन । -केळू-वि० विषयी, भोगी ।
करने वाली स्त्री। ३ स्त्री, औरत । ४ डरपोक स्त्री। ---कौतूहळ-पु० रति क्रीडा, संभोग । -ख-पु० पति,
५ मदिरा, शराब । ६ युवती । ७ मालकोश की एक खाविंद । -गवी, गा-स्त्री. कामधेनु गाय ।
रागिनी । ----मोहरणा-स्त्री० बीस मात्रा का एक छंद । ---चलाऊ-वि० तत्कालीन कार्य साधने योग्य, अस्थाई।
कामदार-वि० [अ० कामदार] बेल तूटे आदि नक्काशी के -----चोर-वि० आलसी। कार्य से जी चुराने वाला।
काम से युक्त, नक्काशीदार । -पु०१ जागीर या किसी बड़ी ----छंद-पु. एक वणिक छन्द विशेष । ---जुर ज्वर
जायदाद का प्रबंधक । २ प्रमुख कर्मचारी । -----पु० कामेच्छा के कारण होने वाला ज्वर ।
कामना-स्त्री० [सं०कामना] १ इच्छा, अभिलाषा । २ मनोरथ । --तर, तरु-पु. कल्पवृक्ष । --तिथ-स्त्री० त्रयोदशी। कामनि (नी)-देखो 'कांमणी' ।
~द-वि० इच्छा पूर्ण करने वाला। -दम, बमरणी-स्त्री० । कामरू-स्त्री० अासाम की एक देवी । ---देस-पु० पासाम का मणि विशेष । . --दहरण-पू० शिव, महादेव । --दांनी- प्राचीन नाम ।
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