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काढ़ो
( २२३ )
कापथ
काढ़ौ-पु० [सं० क्वाथ] काष्ठादि औषधियों का क्वाथ । | काथरटी-देखो 'काठोतरी' । काणंखी-वि० कानी, एकाक्षी।
काथरौ-वि० १ शीघ्रता करने वाला। २ स्थिर रहने वाला। कात-स्त्री. १ काटने का औजार । २ कतिया। ३ कैंची। काथळी-स्त्री० मिट्टी का घड़ा, मटकी।
४ एक प्रकार का शस्त्र । ५ कतरने का ढंग या क्रिया। काथी-पु० [फा० कत्था] खैर की लकड़ियों का काढ़ा जो पान
६ काता हुया धागा।-क-पु. कातने वाला । कात्तिकेय।। में खाया जाता है। -वि० १ बलवान, शक्तिशाली। कातकसांम-पु० स्वामि कात्तिकेय ।
२ भयंकर, जबरदस्त । ३ तेज, तीव । ४ शीघ्रता करने कातको-स्त्री० [सं० कात्तिको] कात्तिकी पूर्णिमा ।।
वाला । ५ व्यग्र, आतुर । -क्रि०वि० शीघ्र, तुरन्त । -वि० कात्तिक संबंधी।
कारब-पु० [सं० कदम्बः] १ मेघ, बादल । २ तीर, बाण । कातरणी (बो)-क्रि० चरखे, तकली या 'ढेरे' पर रूई, ऊन, कच्चे
। ३ देखो 'कदंब' । ४ देखो 'कादंबनी'। सूत आदि का डोरा बनाना।
कादंबनी-स्त्री० [सं० कादम्बिनी] मेघमाला । कातर-पु० १ भेड या ऊंट की ऊन काटने की बड़ी कैची। कादंबरी-स्त्री० [सं०] १ कदम्ब के पुष्पों की खींची शराब । २ कैंची। ३ कतरन । ४ एक प्रकार का शस्त्र । -वि० |
२ शराब। [सं०] १ कायर, डरपोक । २ अधीर, व्याकुल ।
कादंबांरणी (बिरणी, बिनी)-स्त्री० [सं० कादम्बिनी] मेघमाला । कातरठी-देखो 'काठोतरी'।
कादम (म्म)-पु० [सं० कर्दमः] १ कीचड़, दलदल । २ देखो कातरियौ-पु० १ स्त्रियों के भुजा का प्राभूषण । २ गाड़ी के
। 'कादंबनी'। पहियों का लोहे का घेरा । ३ देखो 'कातरौं'।
कादमियोबुखार-पुल्यौ० जीर्ण ज्वर । कातरौ-पु० खरीफ की फसल के साथ उत्पन्न होने वाला
कादमी-स्त्री० १ कमजोरी से होने वाला पसीना । २ बौने के एक रेंगने वाला कीड़ा जो फसल को हानि पहुंचाता है ।।
लिए कृषि भूमि दी जाने के उपलक्ष में ली जाने वाली कातरया-स्त्री० हजामत ।
रकम । कातळ-स्त्री० १ पर्त, परत । २ पत्थर की पट्टी का खण्ड । | कादर-वि० [सं० कायर] कायर, डरपोक ।
३ बनजारों द्वारा रखा जाने वाला लकड़ी का एक शस्त्र। कादरियो-पु० सूफियों का एक सम्प्रदाय । ४ देखो 'कातिल'।
कादरी-स्त्री. १ पहिनने का एक वस्त्र विशेष । २ कवच । कातळी-स्त्री० शरीर की बनावट ।
कादव-पु० [सं० कर्दम] कीचड़, पंक। कातळी-पु. १ कतरा । २ तकुप्रा ।
कादागौ-स्त्री० [सं० कर्दम गोधा] कीचड़ में रहने वाली गोह। कातिक, कातिग, कातिग्ग, कातिय-पु० [सं० कात्तिक] कादिम, कादू, कादो-पु० [सं० कर्दम:] १ कीचड, पंक, कात्तिक मास । -सुर-स्वामिकात्तिकेय ।
कादा। २ कूड़ा, कचरा। ३ मैल । ४ द्रव पदार्थ का मैल । कातियो (तीयौ)-पु० जबड़ा, जबड़े की हड्डी।
५ सोने-चांदी में मिलाया जाने वाला विजातीय धातु । कातिळ-वि० [अ० कातिल वध करने वाला, मारने वाला, काद्रवेय-पु० [सं०] नाग, सर्प । वधिक, हत्यारा ।
| काप-पु० १ वस्त्रों की कटाई । २ सिलाई के प्रागे छोड़ा जाने काती-पु० [सं० कात्तिक १ कात्तिक मास । २. शस्त्र विशेष ।। वाला या अन्दर दबाया जाने वाला वस्त्र का अंश । कातीन-पु० एक प्रकार का शस्त्र ।
कापड़-पु० कपड़ा, वस्त्र । --छांग-पु० महीन वस्त्र से छानने कातीरो, कातीसरी-पु० [सं० कार्तिक+राज. सरी) खरीफ
की क्रिया। -वि० महीन वस्त्र से छना हुआ। की फसल ।
कापड़िया-स्त्री० भाटों की एक शाखा । कातुर-वि० [सं०] कायर, भीरु ।
कापड़ी-स्त्री. गणगौर का उत्सव मनाने वाली क्वारी कन्या । कात्याइन, कात्याइरणी कात्यांणी, कात्यायरणी-स्त्री० [सं०
| २ देखो 'कापडिया'। कात्यायणी १ उमा, पार्वती। २ नौ दुर्गायों में से एक । कापड़ी-पु० कपड़ा, वस्त्र । ३ चौसठ योगिनियों में से नौवी योगिनी । ४ कापाय वस्त्र | कापरण (गो)-वि० १ काटने वाला । २ नष्ट करने वाला, धारी स्त्री । ५. अवेड प्रायु की विधवा ।
मिटाने वाला । ३ संहार करने वाला। कात्र-देखो 'कातर'।
कापरणौ (बौ)-क्रि. १ काटना कतरना । २ नष्ट करना, काय-पु. १ शरीर । २ सामर्थ्य, शक्ति । ३ क्षमता । ४ चरित्र ।।
मिटाना । ३ संहार करना, मारना । ४ कम करना । ५ वृत्तांत, कथा । ६ वैभव । ७ शीघ्रता। ८ क्वाथ, काढ़ा।
५ व्यय करना । ६ खण्ड-खण्ड करना। --कि० वि० शीघ्र तुरंत ।
कापथ-पृ० [सं०] १ खराब सड़क । • कुपथ कुमार्ग ।
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