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खरखरी
(
२८० )
काम
खरखरी-स्त्री० गले में होने वाली खरास ।
खरतरो-वि० (स्त्री० खरतरी) तेज, तीक्ष्ण । बरखोदरियौ, खरखोदरौ-पु०१ वक्ष का खोखला भाग । खरदांवरणी-पु० स्त्रियों का एक प्राभूषण । घर का छोटा-मोटा कार्य, गृहकार्य ।
खरघरौ-देखो 'खुरदरौ' । (स्त्री० खरधरी) खरगड़ो-पु० एक प्राचीन लगान ।
खरपट, खरपटौ-वि० [सं०खर्पट] १ अति वृद्ध । २ देखो 'खुरपौ' । खरगू (गो), खरगोस-पु० शशक, खरहा।
खरपतवार-पु० निराई के समय खेत से निकाला जाने वाला खरड़ (क, को)--स्त्री० १ शस्त्र प्रहार की ध्वनि । २ अफीम घास-फुस ।
का बुरादा । ३ बडी दरी. जाजम । ४ रगड़ घर्षण । | खरपांट-स्त्री० बांस आदि का महीन या बारीक खंड जो शरीर ५ घसीट की लिखावट । ६ ऊंट के बालों का वस्त्र, गंदा। में घुस जाता है, कमाची । फांस . .. ७ पानी वहने की ध्वनि, कलकल ।
खरब-वि० [सं० खर्व] १ सौ अरब । २ नीच, बुरा । ३ नाटा, खरड़करणौ (बौ)-क्रि० १ टकराना । २ चुभना, खटकना । बौना, वामन । ४ छोटा लघु । -पु० १ सौ अरब की ३ कसकना।
संख्या । २ नव निधियों में से एक । ---साख-वि० नाटा, खरडणौ (बौ), खरडिणौ (बो)-क्रि० १ कुचलना । २ कुचल | बौना।
कर मैल दूर करना । ३ घसीट में लिखना । ४ खरोंचना। खरबूजी-पु० [फा० खर्बुजा] ककड़ी जाति का एक लता-फल । ५ वेदना से तड़फना।
खरळ-स्त्री० [सं० खल] १ औषधियां कूटने की पत्थर आदि की खरड़ा-पू०१ ऋण का दस्तावेज । २ सुचना पत्र । ३ लंबा नावनुमा कुण्डी । २ एक दिशा ।
पत्र । ४ एक प्रकार का प्राचीन कर । ५ घसीट में लिखा खरळकरणों-पु० एक ध्वनि विशेष । लंबा पत्र।
खरळकरणो (बो), खरळक्करणो (बो)-क्रि० १ ध्वनि करना, खरच-पु० [फा० खर्च ] १ व्यय । २ लागत । ३ हाम, कमी। __ खड़कना । २ खिसकना । ३ निकलना । ४ कलकल की ४ त्याग । ५ क्षय, नाश । ६ मृत्यु-भोज ।
ध्वनि करते हुए बहना। खरचरणौ (बी)-क्रि० खर्च करना, व्यय करना ।
| खरळी-स्त्री० १ स्नान । २ खेत में पानी देने की नाली। खरची-स्त्री०१ निर्वाह योग्य धन । २ यात्रा-व्यय, खर्ची । । ३ बरबादी, हानि । ४ नाश । वरचीलो-वि० (स्त्री० खरचीली) १ अधिक व्यय करने वाला। खरव-देखो 'खरब'। २ अधिक खर्च का।
खरवळा-पु० पैर, खुरयुक्त पैर । खरचौ-देखो 'खरच'।
खरबांस-पु० [सं० खरमास] पौष व चेत्र मास ।
खरविता-स्त्री० [सं० खविता] १ चतुर्दशी मिली अमावस्या। खरतर-पु० [सं० खजूर] १ रजत, चांदी । २ हरताल ।
२ कम कालमान की तिथि । ३ खजूर का वृक्ष । -वेध-पु० ज्योतिष का एक योग ।
खरसंडियौ-पु. एक प्रकार का बैल । खरतरी-स्त्री० [सं० खजूरी] खजूर का वृक्ष ।
खरसरिणयौ, खरसरणी-पु० १ शमी, करील आदि वृक्ष की खरड-पु० निकृष्ट कोटि का व्यक्ति, नीच व्यक्ति ।
झाड़ी। २ एक प्रकार का क्षुप । खरडवो-पु. गे की फसल में होने वाला एक घास । खरसल-स्त्री० एक प्रकार की गाड़ी। खरण-स्त्री० १ शस्त्र पंना करने की मान । २ उबलने खरसुमो-पु० गधे के समान सुमों वाला घोड़ा। की ध्वनि ।
खरहंड खरहन, (हड्डु)-पु० १ घोड़ा। २ सेना, फौज । ३ चिता। खरणियो-देखो 'खिररिगयो' ।
४ युद्ध में शस्त्र खण्डन । खरणी-स्त्री० १ मुखबरी करने के लिये चोरों को दिया जाने ।
| खरहर-स्त्री० [प्रा०] खरखराहट, व्वनि विशेष । वाला गुप्त धन । [सं० क्षीरगी] २ मौलश्री का वृक्ष व
खरांडक-पु० शिव का एक अनुचर . फल । ३ राजाओं द्वारा दिया जाने वाला कर ।
खरांसु-पु० [सं० खरांशु] सूर्य ।
खराई--स्त्री० १ खरा होने का भाव । २ पक्कापन । खरगो-पु० [सं० क्षरण] वश, कुल, गोत्र ।
३ विशुद्धता। खरणी (बी)-क्रि० [सं०क्षरगं]१ वीर गति प्राप्त होना, मरना। खराखर (री)-१ पक्का । दृढ़ । २ ठीक, उचित, मही। २ गिरना, पड़ना । ३ झड़ना । ४ रिसना, टपकना ।
३ कठिन, मुश्किल । -स्त्री ० १ दृढ़-निश्चय । २ कठिनाई। खरतर-पु० नेजस्विता का भाव । -वि० १ तेज, जीक्षण। खराडणौ (बी)-क्रि० १ खिलाना । २ पक्का कराना।
२ कठिन, अतिकठिन । ---गछ-पु० एक जन सम्प्रदाय। खराडो-पु. पशुओं का एक संक्रामक रोग ।
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