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गडगड
(
३११
)
प्रगग्रम
गडगड-स्त्री० द्रव पदार्थ के पीने से होने वाली ध्वनि ।
गढ़त-स्त्री० बनावट, निर्माण कला । रचना । गडगडणी (बी)-देखो 'गड़गड़णो' (बी)।
गढ़पत, (पति, पती, पत्ति)-पु० १ गढ़ का स्वामी, राजा । गडणी (बी)-क्रि० १ धंसना, चुभना । २ मिट्टी के नीचे दबना। ३ गढ़ रक्षक, किलादार । ३ चारण । __ ३ जमीन में धंसना । ४ समाना, पैठना ।
गढ़बंध-पु. राजा। गडत-स्त्री० हल्की नींद, तंद्रा ।
गढ़मंगों-पु. राजानों का याचक ढोली। गडत्थल, गडथल (ल्ल)-देखो 'गड़ थळ' ।
गढ़राज (राव)-पु० राजा। गडवार-पु० मदोन्मत्त हाथी के साथ भाला लेकर चलने वाला | गढ़रोह (रोहऊ, रोही)-पु० गढ़ पर किया जाने वाला अाक्रमण। व्यक्ति।
गढ़व-पु० चारणों की एक उपाधि । गडमडणौ (बी)-क्रि० प्रति ध्वनि होना या करना ।
गढ़वाडौ-देखो 'गडवाडौ'। गडमेळ-वि० १ गहरा, गम्भीर, घना। २ पहाड़ के समान, | गढ़वी (वो)-पु०१ राजा, ठाकुर । ३ चारण । ३ कवि । गढ़ के समान ।
| ४ छोटा जलपात्र विशेष । गडवाडौ-पु० [सं० गढ़वृत्ति चारणों को जागीर में दिया | पति-टेखो 'गदपति' । हुप्रा गांव ।
गढ़ाणौ (बो)-देखो 'गडाणौ' (बी)। गडवी-पु. १ चारण कवि । २ राजा । -स्त्री० लुटिया।
गढ़ी-स्त्री० १ छोटा किला, गढ़। २ गांव के चारों पोर का गडवी-पु.१ छोटा लोटा, कलसा, जलपात्र । २ चारण। पाहता। ३ ग्वार की फसल खाने वाला कीड़ा। ३ कवि।
गढ़ीस-पु० गढ़पति, दुर्ग रक्षक । गडसूर (रौ)-देखो 'गंडसूर'।
गढ़ोई-पु० मकान की नालियों का पानी एकत्र होने वाला गडढ़ा। गडागड-क्रि० वि०१ जगह-जगह, स्थान-स्थान पर । २ पास-गण-पू० [सं०] १ झण्ड,समूह, । २ गिरोह.संघ, दल। ३ श्रेणी, पास । -पु० घनिष्ठ प्रेम।
कक्षा । ४ नौकारों की टोली । ५ शिव के गण । ६ संस्था । गडाणी (बी), गडावणी (बी)-क्रि० १ घंसाना, चुभाना । ७ एक सम्प्रदाय । ८ परिषद का सदस्य जो किसी वर्ग २ मिट्टी के नीचे दबाना । ३ जमीन में फंसाना ।
या क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता हो । ९ सैनिकों की छोटी ४ समवाना, पठाना।
टोली। १० संख्या । ११ कविता में पाद । १२ गणेश का गडि, गडी-क्रि० वि० पास, निकट । -स्त्री० १ गाड़ी । २ छोटा
एक नाम । १३ एक ही श्रेणी के मनुष्यों का समुदाय । ____ लोटा, जलपात्र।
१४ नक्षत्रों की तीन कोटियों में से एक । १५ छन्द शास्त्र गौ (बौ)-पु० छोटा जल पात्र विशेष ।
में तीन-तीन वर्गों के पाठ गण । १६ दूत, सेवक । गडुळ-पु० कुबड़ा व्यक्ति ।
१७ हाथी । १८ प्रार्या छन्द की चार मात्रा का नाम । गडूबौ-पु० १ इन्द्रायन फल । २ विकृत तरबूज ।
१६ मात्रिक छंदों के पांच गण । -ईस-पु० गणेश, गड्डू-वि० जीर्ण-शीर्ण, पुगना ।
गजानन । -तंत्र-पु० लोकतन्त्र, प्रजातन्त्र । --धर-पु० गडूत्थळ, गडथळ-देखो 'गड़ थळ' ।
मैनाचार्य। महावीर स्वामी का पट्ट शिष्य। -बाय, गडर (रौ)-स्त्री० १ आवाज, ध्वनि । २ देखो 'गंडसूर' ।
नायक, पत, पति (ती)-पु. गणेश। –नायिका-स्त्री. गडूस (स्स)-देखो 'घडूस'।
दुर्गा, पार्वती । -परवत-पु. कैलास पर्वत । --राजगडे-क्रि० वि० पास, निकट ।
पु० गणेश । गणराज्य । गडौं-पु० [सं० गंड] १ हाथी का गंडस्थल । २ बड़ा पत्थर ।
| गणक-पु० [सं०] १ अकगणित जानने वाला। २ ज्योतिषी, गडोत्थळ, गडौथळ, गडोथळी-देखो 'गड़ थळ'।
देवज्ञ । ३ गणना करने का उपकरण । ४ बनिया, वणिक । गड-पु० १ गड्ढ़ा, खड्डा । २ गढ़ किला।
-केतु-पु० धूम्रकेतु । गड्डी-स्त्री. १ एक ही प्रकार की वस्तुयों को तह करके रखा | गणका-देखो 'गणिका'। हुआ ढेर । २ ढेर, समुह, गंज ।
गणगवर, गणगौर-स्त्री० [सं० गुणगवरी] १ पार्वती, गड्डो-पु. १ खड्डा । २ खेलने का छोटा कंकर । ३ वृद्ध व्यक्ति । गौरी । २ राजस्थान का एक पर्व विशेष । ३ इस पर्व पर गडद, गढ़-पु० १ किला, दुर्ग, कोट । २ खाई। ३ एक देशी पूजी जाने वाली गौरी की मूर्ति । खेल । -किला-पु. एक सरकारी लगान।
गणगोरियो-पु० शमी वृक्ष के पुष्प के बाद होने वाले फल गढ़णी (बी)-क्रि० १ बनाना, निर्माण करना । २ गढ़कर तैयार | का नाम ।
करना । ३ कल्पित बात करना । ४ मारना, पीटना। गरणग्रभ, (ग्राम)-पु० [सं० ग्रहनाम] आकाश, नभ ।
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