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गूजी
। [सं० गुह्य] १ गुप्त रूप से संचित धन । २ एक | गूबळरणो, (बो)-देखो गुडळणौ (बी)। प्रकार की मिठाई।
गूदाळ-पु० मांस पिंड ।। गूजो, गूगो-पु० जेब, पाकेट । २ सूखा मेवा । ३ एक प्रकार गूदाळक-पु. मांसाहारी प्राणी । की मिठाई।
दिया-स्त्री० छोटी गूदी के फल । गूझ-देखो 'गूज'।
गू बी-स्त्री० १ एक प्रकार का वृक्ष । २ इस वृक्ष का छाटा फल । गुट-देखो 'घूट'।
गूवी-पु. १ एक वृक्ष विशेष । २ इस वक्ष का कल. लिमोडा। गूठ-पु. १ मूल स्थान । २ आधार । ३ तना।
गूधरणो, (बी)-क्रि० प्राटा, मिट्टी आदि में पानी डाल कर गूठडौ-पु. १ अगुष्ठ । २ तला । ३ देखो 'घू घट' ।
मसलना, रौंदना। गूड-पु० [सं० गूढ] १ पेड़ के तने के नीचे का भाग । २ मूल,
गूधळणी, (बी)-देखो गुडळणी (बी) । जड़ । ३ मूल स्थान ।
गूधळियौ, गूधळो-१ वह ऊंट जो 'खोज' में प्राया हुमा गलगंडर-पु० १ तम्बू, शामियाना । २ देखो 'गूडर'।
सूपा न निकाले । २ एक बरसाती कीट । डूडळरणौ (बौ)-देखो 'गुडळणी' (बी)।
गंधारणी, (बौ)-क्रि० गूधने का कार्य कराना। गडेळ-पु० काष्ठ का गुटका ।
गूबड़, (डो, डो) गुमड़, (डी, डो) देखो 'गूमड़ौ । गूडो-पु० १ समूह, दल, झुड। ३ देखो 'गुढी'। ३ देखो | गूबाळो-पु० घोंसला । 'गुडौ।
गूमर-१ देखो 'गुमर । २ देखो 'घूमर' । गूढ, (दो)-देखो 'गुड' ।
| गू-पु० [स० गूः] १ मल, विष्ठा, पाखाना । २ कूड़ा, कचरा । गूण, (ती)-स्त्री० [सं० गोणी] १ बोती. बोरा । २ गधे या|
बैल की पीठ पर सामान भरकर लादा जाने वाला | गगरमाळ (ळा)-स्त्री० घुघरू की माला। बोरा विशेष ।
गूगरियो-पु० १ करील का फूल । २ छोटा घधरू । गूगो-पु० १ मूग, मोठ प्रादि पौधों के सूखे डंठल । गूगरी-स्त्री० १ उबाले हुए गेहूँ । २ एक प्रकार का कर जो २ देखो 'गूणौ'।
कृषकों से अनाज के रूप में लिया जाता था । ३ कृषि गूत, (तो)-पु० १ गोमूत्र । २ प्रसव के बाद गाय भैंस का पंदावार की एक निश्चित राशि जो बोये हुए अनाज के पहली बार निकाला जाने वाला दूध ।
हिसाब से कर के रूप में ली जाती थी। गयणो, (बी)-क्रि० [सं० ग्रंथिन् ] १ कई तागों को कलात्मक गलिया (या)-स्त्री० हाथियों की एक जाति ।
ढंग से परस्पर लपेटना, गूथना । २ बुनाई करना । गूगलीउ, गूगलोप्री-पु० गूगलिपा जाति का हाथी। ३ जोड़ना । ४ पिरोना, तारबद्ध करना । ५ एक सूत्र में गूगळी-वि० १ मट मैला । २ धुंधला । ३ अस्पष्ट, अस्वच्छ । बांधना । ६ रचना, बनाना। ७ संवारना । ८ काव्य ___-पु० दो गलसुत्रों का ऊंट। रचना करना।
गूगस, (बाड़ौ)-पु० १ बादलों से आच्छादित मौसम । २ बिना ग थाणी, (बौ)-क्रि० १ गूथाने का कार्य करवाना । २ बुनाई जल के बादल।
कराना । ३ जुड़वाना। ४ तारबद्ध कराना। ५ एक सूत्र गूगू (राजा)-पु० [सं० धूक] उलूकपक्षी, उल्लू । में बंधवाना । ६ रचवाना, बनवाना । ७ संवराना। गधर-देखो 'घूघर'। -माळ = 'गूगरमाळ' । ८ काव्य रचवाना ।
| गूधरियू (यो)--देखो 'गूगरियो । ग थाळ-पु० १ गूथने की क्रिया या भाव । २ गूथने में दक्ष। । गुधरी-देखो 'गूगरी'। - ग धावणो, (बौ)--देखो 'गूंथागो' (बो)।
| गूजर (डो डौ)-पु० स० गुर्जर] (स्त्री० गुजरी डी, डी) गूद-पु० [सं० गूथ ] १ वृक्ष के तने से निकलने वाला चिपचिपा १ एक हिन्दू जाति जिसके व्यक्ति खेती व पशु-पालन का
तरल पदार्थ, वृक्षों का निर्यास गोंद । २ मांस-पिंड । कार्य करते हैं । २ तीसरे विवाह की स्त्री। --गौड़-पु. ३ एक राजपूत वश । --गरी-पु. एक प्रकार का पौष्टिक ब्राह्मणों का एक भेद। --पठाण-पु० मुसलमानों का पदार्थ । एक प्रकार का गन्ना। ---दांनी-स्त्री० चिपकाने एक भेद । का गोंद रखन का पात्र ।
गूजरात-देखो 'गुजरात' । ग बड़ौ-१ देखो 'गुदड़ो' । २ देखो 'गूद' ।
गूजरी-स्त्री० [सं० गुर्जरी १ महीरनो, ग्वालिन । २ कलाई गूबरपो (बी)-क्रि० पाटा आदि भिगोना।
का प्राभूषण । ३ कठ का प्रावरण विशेष । ४ एक राग गदरी-देखो 'गुदगे।
विशेष ।
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