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गगसित्तरी
गुनगुनो
गुरणसित्तरी-पु० उनसित्तर का वर्ष ।
गुथणी (बी)-क्रि० १ गूथा जाना, पिरोया जाना । २ उलझना, गरणांक-पू० [सं०] गुणा करने का अंक !
फंसना ।३ रचना। गरणांकारी (रु)-देखो गम्भकारी।
गुथाणी (बौ), गुथावणी (बौ)-क्रि० १ गुयाना, पिरोवाना। गरणांगहीर-वि० गुग्गवान ।
२ उलझाना, फंमाना। गरणांणी-स्त्री० माला।
गुद-देखो १ 'गुदा' । २ देखो ‘गुट्टी' । गुणाग'-वि० गृगणवान ।
गुदगुदाणी (बौ)-क्रि० १ गुदगुदी करना, खुजलाना । २ विनोद गरणातीत-वि० गुणों से परे । निगु गा । -पु० ईश्वर ।
करना। गुणानुवाद-पु० [स० | यश-स्तवन ।
गुदगुदी-स्त्री० [सं० गुद् क्रीड़ायाम] १ कांख, तलवे प्रादि में गुणाढ्य-वि० गुण सम्पन्न । -पु० पैशाची भाषा का अंगुली से खुजलाहट करना, पुनचुनाट । २ उत्कण्ठा । प्रसिद्ध कवि।
३ विनोद, हंसी। गरणाधपति-पु. गण, गजानन ।
गुदड़ियो-पु. १ गुदड़ी पहनने या ग्रोढ़ने वाला । २ पटे पुराने गणावळ-स्त्री० सन्यासियों के गले की माला ।
वस्त्र पहनने वाला । ३ दरी, शामियाने प्रादि किराये पर गरणावळि (ळी)-स्त्री० १ प्रशंसा, यश । २ हार, माला ।
देने वाला । ४ गुदड़िया मम्प्रदाय का साधु । गुरिंणद-पु० [सं० गुणइंद्र] कवि ।
गुदड़ी (डो)-स्त्री० १ फटे पुराने वस्त्रों का बनाया हुआ गुरिणप्रण गुरिणजरण (न), गुरिणमजण, गुरिणयण (न)-पु० |
बिस्तर, बिछौना । २ फटे पुराने वस्त्रों की कंथा। सं० गुग्गीजन १ गुरणवान । २ विद्वान, पंडित गुदभ्र स-पु० गुदा द्वार से कांच निकलने का रोग । ३ कवि । ४ गायक । -खांनो-पु. कलाकारों का विवरण
गुदरणौ (बौ)-देखो 'गुजरणौ' (बौ)। रखने वाला विभाग।
गुदरांण (न)-देखो 'गुजरांन' ।
गुदराणी(बौ), गुदरावणी (बी)-क्रि० १ पेश करना, प्रस्तुत गुरिणत-वि० [सं०] गुणा किया हुआ।
करना, सामने रखना, उपस्थित करना । २ निवेदन करना। गुरिणयासियो-पु० उन्यासी का वर्ष ।
३ हाल कहना। गरिणयासी-वि० अस्सी से एक कम, उन्यासी। -पु० सत्तर व
गुदरी-देखो 'गुदड़ी'। ___ नौ की संख्या, ७९ ।
गुदळक (कियो)-देखो 'गोधूलिक' । गरिणयौ-पु. १ कमान, प्रत्यंचा । २ डोर। ३ तांत । ४ शिल्पियों
गुदळणौ (बी)- देखो 'गुडलणी' (बौ)। ___ का एक उपकरण । ५ बढ़ई का एक अौजार ।
गुदळहक-देखो 'गोधूलिक' । गरणी-वि० [सं० गुणिन] १ जिसमें कोई गुण हो, गुण युक्त,
गुदळाणौ (बौ) गुदळावरणौ (बो)-देखो 'गुडलाणी' (बौ)। गुणवान । २ दक्ष, निपुण । ३ उत्कृष्ट । ४ सराहनीय ।
गुदळियो, गुदळो-देखो 'गुडलौ' । (स्त्री० गुदळी) ५ नेक, शुभ । ६ मुख्य । -पु०१ कवि । २ विद्वान, गुदा-स्त्री० [सं० गुदं] १ मल द्वार, गुदा । २ अधोमुख । पंडित । ३ गया। ४ डोर, रस्सी । ५ अोझा । ६ प्रत्यंचा। बोर-क्रि० १ गोदना । २ चभाना । ३ प्रेरित करना। ७ कमान । ---अण, जण, यण-देखो ‘गुरिणअण' ।
४ कुछ करने के लिए जोर देना । गणीजनमानौ-पु. कलाकारों का विवरण रखने का विभाग या गुदावणी (बी)-देखो 'गुदारणी' (बो)। महकमा ।
गुदियारौ-पु० एक प्रकार की घास । गुरणीयरण-देखो 'गुणिजन ।
गुदी-स्त्री०१ पशुओं के चरने के बाद चारे का अवशिष्ट भाग । गरणीस-देखो 'उगणीस'।
२ देखो 'एवी'। गुरणेस, (सर, स्वर)-देखो 'गगेश' ।
गुद्दी गुद्धि--स्त्री० १ गूदा, मार, तत्व । २ गर्दन का पिछला गुणी-पु० [सं० गुणन १ गणित की एक प्रक्रिया । २ देखो भाग । ३ गर्दन के पिछले भाग के बाल । ४ हथेली का ___'गुनौ' । ३ देखो 'गूणौ' ।
ऊपरी शिरा। गण्य-वि० [सं०] १ गुरगी. गुगवान । २ श्लाघ्य, प्रशंसनीय । | गृधळक, गधळकियो-देखो 'गोधलिक' । ३ गुणा करने योग्य ।
गुधळणों (बौ)-देखो गुडळणी' (बो)। गत्थमगुत्थ-क्रि०वि० परस्पर लिपटे हुए, हाधा-पाई करते हुए। गुधळारणौ (बौ), गुधळावरणौ (बी)-देखो 'गुडळाणी' (बी)। -स्त्री० १ हाथापाई । २ उलझन ।
गुनकळी-स्त्री० एक राग विशेष । पत्थी-स्त्री०१ गांठ, गथि । २उलझन, समस्या ।
गुनगुनौ--वि० [सं० कदुष्ण] मामूली सा गर्म, हल्का उष्ण ।
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