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गठिाई
गाइब
गांठाई-स्त्री० गांठने का कार्य, इस कार्य की मजदूरी । गांम, गांमड़ियौ (डो)-पु० [सं० ग्राम] १ गांव, देहात । २ पुरा। गांठारणी-स्त्री० बुनाई के लिए सूत के धागों को साधने का कार्य। ३ जाति, समाज । ४ समूह, समुदाय । ५ सरगम के स्वर । गांठियो-पु० १ हल्दी, सोंठ प्रादि की जड़ । २ गांठ के रूप में ६ राग। -खेर-पु. गांव की गायों का समूह । -गोचरप्याज, लहसुन आदि । ३ एक प्रकार का घास।
पु० चारागाह भूमि । -भाभी-पु. गांव में हरकारे का गाठी (उ)-वि० मन में तनाव या ऐंठन रखने वाला । -पू० कार्य करने वाला भांबी।
१ स्त्रियों का एक प्रकार का प्राभूषण । २ देखो 'गंठियो'। गांमड़ी-वि० ग्रामीण, ग्रामवासी। गांठ-क्रि०वि० पास में, अधिकार में ।
गांमतरी-पु० [सं० ग्रामान्तर] एक गांव से दूसरे ग्राम की गांठौ-पु० १ केसर की गठरी। २ देखो 'गंठी' ।
यात्रा, ग्राम यात्रा । यात्रा। गांड-स्त्री० [प्रा० गड्ड] १ मल-द्वार, गुदा । २ योनि । | गांमाऊ-वि० गांव का, गांव संबंधी। ३ पेंदी, तला।
गांमि, गांभी-वि० [सं० गामिन्] १ चलने वाला, गतिमान । गांडर-स्त्री० १ किसी वस्तु की पेंदी, तला । २ एक प्रकार |
.२ घूमने वाला । ३ सवार होने वाला । ४ संबध रखने की घास।
वाला। ५ संभोग या रमण करने वाला। ६ श्रीकृष्ण । गांडीव-पु० [सं०] अर्जुन का धनुष ।
गांमेड़-देखो 'गांवेड। गांडू-वि० १ गुदा मैथुन कराने वाला । २ कायर, डरपोक ।
गांमेट (6)-पु० मुहल्ले में एकत्र होकर बहने वाला वर्षा गांरण-देखो “गांन'।
का पानी। गांणपत-देखो 'गणपति'।
गांमेती-वि० ग्राम-वासी, ग्रामीण। गांव का स्वामी । गांरणवर-पु० शिव, महादेव। ...
गांमोगांम-क्रि०वि० प्रत्येक व सभी गांवों में । एक गांव से गांती-देखो 'गाती'।
दूसरे गांव तक। गांती-देखो 'गांथी'।
गांव-पु० ग्राम । -खेर-पु० गायों का समूह । -घाट-पु. गांथरणौ (बी)-क्रि० [सं० ग्रंथन] १ गूंथना, गुथाई करना । | मरणोपरान्त किया जाने वाला भोज ।
२ मोटी सिलाई करना, गांठना । ३ दो पशुओं को परस्पर | गांवड़ियो. गांवड़ो-देखो 'गांम' । बांधना।
गांवेड़-पु० ग्रामीण, ग्राम का निवासी। गांथी-पु० [सं० ग्रंथन] १ बंधन । २ दो पशुओं का परस्पर गांस, गांसी, गांसु-स्त्री० १ रोक-टोक, प्रतिरोध । २ प्रतिबंध । का बंधन ।
३ बंधन । ४ ईर्ष्या, द्वेष । ५ कपट, छल । ६ वैर भाव । गांदिनी-स्त्री० [सं०] १ गंगा । २ अक्रूर की माता ।
७ नोक, नुकीला भाग । ८ तीर, बाण । ९ दुष्ट स्वभाव, गांधरव-वि० [सं०गांधर्व] १ गंधर्व संबंधी । २ गंधर्व देशोत्पन्न । दुष्ट प्रकृति । -पु० १ गंधर्व । २ घोड़ा, अश्व । ३ सामवेद का एक |
गा-स्त्री० [सं०] १ पार्वती । २ लक्ष्मी । ३ गंगा। ४ पृथ्वी । उपवेद । ४ आठ प्रकार के विवाहों में से एक, प्रेम विवाह । ५ सरस्वती। ६ शक्ति । ७ गाय । ८ नाभि । -पु० ९ बुद्ध । ५ गंधों की कला। -वेद-पु० संगीत शास्त्र ।
१० ज्ञान, विवेक । ११ धनी । १२ बुद्धिमान, पंडित । गांधार-पू० सं०] १ एक पश्चिमी प्रदेश, कांधार । २ संगीत | १२ गीत, भजन ।
में तीसरा स्वर । ३ एक राग विशेष । -पंचम-पु० एक | गाठौ-पु. १ खलिहान में अनाज की बालों व डंठलों का षाडव राग । -भैरव-पु० एक राग विशेष ।
किया जाने वाला चूर्ण, रोदन, कुचलना । २ रोंदने, गांधारी-स्त्री० [सं०] १ गांधार देश की राज कन्या जो कौरवों कुचलने की क्रिया, कचूमर । ३ नाश, विध्वंस ।
की माता थी। २ मेघ राग की पांचवीं रागिनी। ३ तंत्र के गामणो-देखो 'गायणी' ।
अनुसार एक नाडी । ४ जैनों के एक शासक देवता। गाप्रणौ (बौ)-क्रि० १ खलिहान में अनाज की बालों व डठलों गांधी-पु० [सं० गांधिक] (स्त्री० गांधिण, गांधणी) १ तेल, इत्र को रोंदना, कुचलना । २ गेंदना, कचूमर निकाल देना।
का व्यवसाय करने वाली जाति व इस जाति का व्यक्ति । ३ नष्ट करना । ४ देखो 'गाणो' (बी) । २ वर्षाकालिक एक कीड़ा विशेष । ३ हींग । ४ राष्ट्रपिता | गाइ-स्त्री० गाय । महात्मा गांधी।
गाइक-देखो 'गायक' । गान (नि)-पु० [सं० गान] १ गायन । २ गीत, गाना । | गाइडमल-देखो 'गायडमल' ।
३ संगीत । -गर-पु० गायक । -वंत-वि० गाने वाला, गाइणी (रणी)-देखो 'गायणी'। गान योग्य ।
| गाइब-देखो 'गायब'।
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