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ऐलो
गप्ता
६ पहनने के वस्त्र का गले के पास रहने वाला भाग। गवाक्ष (न) गवाख, (खि, खेस)-पु० [सं० गवाक्ष] १ छोटी ७ पात्र का मुह।
खिड़की । २ झरोखा । ३ राम सेना का एक सेनापति । गलौ-पु. १ कोलाहल, शोरगुल । २ झुड, समूह, दल । | गवाड़-पु०१ चौक । २ बाड़ा, पाहता । ३ मुहल्ला। ३ अनाज। [सं० ल्गौ] ४ चन्द्रमा ।
गवाडी-पु० मकानों के सामने या बीच का खुला स्थान । गळौध-पु० गाल में सूजन पाने का एक रोग।
गवारणी (बी) गजावणी (बी)-क्रि० गाने के लिए प्रेरित गल्ल (डी)-स्त्री० १ छोटी कहानी या कथा । २ कल्पित | करना, गवाना ।
बात । ३ गप्प, डींग । ४ कपोल, गाल । ४ यश, कीति । गवार-पु० १ ग्वार का पौधा व उसका बीज । २ देखो 'गंवार'। ६ पुकार । ७ बात।
गवारणी (नी)-स्त्री० १ गंवार स्त्री। २ चूड़ी प्रादि बेचने गल्लका (को)-स्त्री० गंडक नदी ।
वाली स्त्री। गल्ल-बल्ल-पु० १ कोलाहल । २ अस्पष्ट ध्वनि ।
गवारपाठौ-पु० घी कुवांर, ग्वारपाठा । गल्लवर-पु० हाथी।
गवारफळी-स्त्री० ग्वार की फनी जिसका शाक बनाया गल्लवल्ली-देखो 'गल्ल-बल्ल' ।
जाता है। गल्लिका-पु० डिंगल का एक वर्ण वृत्त ।
गवारिया-स्त्री० एक जन जाति विशेष । गल्लौ-पु०१ दुकानदार की पंसा रखने की पेटी, सन्दुक । |
r am जातिका गति २ अनाज । ३ देखो 'गलसुनौ'।
गवालंव-पु० [सं० गवालम्भ] यज्ञोपरांत किया जाने वाला गल्ह-देखो 'गल्ल'।
गौ-दान। गल्हौ-वि०१ पागल, मूर्ख । २ देखो 'गल्लौ' ।
गवाळ (लो)-पु० [सं० गौपाल] १ गाय चराने वाला, ग्वाला गव-स्त्री० [सं० गौ] १ गाय, गौ। २ राम सेना का एक
एक | गोप । २ रहट का गोल चक्र जहां बैल घूमते हैं । ३ रक्षा । वानर । -गवंती-स्त्री० दुधारु गाय ।
४ देखो ‘गोपाळ'। -वि० रक्षक । गवड़-१ देखो 'गौड़' । २ देखो 'गवाड़' ।
गवाळणी-स्त्री० ग्वालिन । गोपिका । गवरण-देखो 'गमन'।
गवाळणी (बी)-क्रि० १ गायें चराना । २ रक्षा करना। गवणि (रणी)-स्त्री० मादा भालू। -वि० १ गमन करने वाली । गवाळियौ-देखो ‘गवाळ' । २ गाने वाली।
गवाळी-स्त्री० १ गाय चराने का कार्य। २ इस कार्य की गवरणौ (बौ)-क्रि० गमन करना, जाना।
मजदूरी । ३ रक्षा। गवतम-१ देखो 'गौतम' । २ देखो 'गोतम' ।
गवास-पु० [सं० गवाशन] गौ हत्यारा, कसाई। गवन-देखो 'गमन'।
गवाह-पु० [फा०] १ किसी घटना या मुकद्दमें में साक्षी देने गवय-स्त्री० [सं०] १नील गाय । २बैल की एक जाति ।। बाला. साक्षी। २ देखो 'गवाही'। ३ गैंडा । ४ देखो 'गव' ।
गवाही-स्त्री० [फा०] किसी घटना की साक्षी। गवर-वि० गोरे रंग का, गौर वर्ण । -स्त्री०१ गौरी, पार्वती। गविल-वि० दुध का बना (मीठा)। २ गणगौर ।
गवेसा-स्त्री० [सं० गवेषणा] अनुसंधान, खोज । गवरजा (ज्या)-देखो 'गोरज्या।
गव-पु० राम सेना का एक वानर । गवरमिट (मेंट)-स्त्री० [पं०] १ सरकार, शासन, शासक | गवैयौ-पु० गायक । ___ मंडल । २ राज्य ।
गव्य-वि० [सं०] १ गाय से उत्पन्न । २ गाय से प्राप्त । गवरल, गवरांवे -स्त्री० १ पार्वती, गौरी । २ गणगौर ।
३ मवेशियों के लिए उचित । -पु० १ गायों का झुण्ड, गवराणो, (बौ) गवरावणो, (बो)-देखो ‘गवाणी' (बौ)।
समूह । २ गोचर भूमि । ३ गाय का दूध । ४ पीला रंग । गवरि-देखो 'गौरी'।
५ पीला रोगन या पदार्थ । ६ कमान को डोरी । ७ चार गरिजा-देखो 'गोरज्या' ।
मील के बरावर एक माप । गवरी-स्त्री० पार्वती। --नंद,नंदन, पुत्र-पु० गोरी पुत्र गणेश । गस-स्त्री० [फा० गश] १ मुच्छा, बेहोशी । २ नेत्रों में होने गवल-पु० [सं०] १ जगली भैसा । २ नोल गाय ।
वाली लाल रेखा । गवळू-पु० १ ग्वाल, गोपाल । २ देखो 'गोळ'।
गसत, (ती)-देखो 'गस्त' । गवाई-देषो 'गवाही।
गसा (सी)-देखो 'गस'।
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